बहुत पहले कहानियां सुना करता था कि जब किसी राजा या शहंशाह की सवारी किसी रास्ते से गुजरती तो उस रास्ते पर चलनेवाले या किसी न किसी प्रकार से जूड़े रहनेवाले को आगाह किया जाता कि जहांपनाह की सवारी आ रही हैं, सभी होशियार हो जाये.............। अब हालांकि ऐसा देखने को नहीं मिलता, पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों जब से अधिकार यात्रा पर निकले हैं और जिस प्रकार से उनका चारो ओर विरोध हो रहा हैं। हम ये कह सकते हैं कि जिस प्रकार जूतमपैजार हो रहा हैं। कहीं उनकी सभा में कुर्सियां तो कहीं चप्पल जूते तक बरस रहे हैं। ऐसे में उनके अधिकार यात्रा से संबंधित अधिकारियों ने ऐसी ऐसी कारनामें शुरु की हैं, जिस कारण उनकी ये यात्रा, अधिकार कम शर्मनाक यात्रा में ज्यादा तब्दील हो गयी हैं, पर नीतीश तो नीतीश हैं। उन पर इन सभी चीजों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। फिलहाल सत्ता के मद में वे इतने डूब गये हैं कि उन्हें अपना विरोध भी पसंद नहीं, गर कोई उनका विरोध करता हैं तो वे उसे इतने अच्छे ढंग से देख ले रहे हैं कि जिसकी जितनी निंदा की जाय कम हैं।
इसमें कोई दो मत नहीं कि लालू का पन्द्रह साल का शासन नरकमय था, पर नीतीश जी आपको इसका ही तो लाभ मिला कि जनता ने लालू एंड कंपनी को सत्ता से हटाकर, आपको सत्ता सौंप दी, पर आपने तो इन दिनों हद कर दी हैं। जैसे साढ़ लाल रंग देखकर भड़क जाता हैं, वैसे ही आप काला रंग देखकर भड़क जा रहे हैं। स्थिति ऐसी हैं कि आपके कई सभाओं में बिहार की बहू बेटियों के शरीर से काला दुपट्टा तक उतरवा लिया जा रहा हैं, पर आपको शर्म नहीं आ रही। कई जगहों पर युवाओं से काला टी शर्ट उतरवा लिया गया हैं। अगर कहीं मुस्लिम महिलाएं काला बुर्का पहनकर आपकी सभा में आ गयी तो आप क्या करेंगे, तब तो आपको मुस्लिम वोट ही खिसक जायेगा, पर हमें लगता हैं कि आप ऐसी गुस्ताखी नहीं करेंगे, क्योंकि आप बहुत ही चालाक हैं। कभी - कभी तो मैं सोचता हूं कि गर आपका वश चले तो आप पूरे बिहार से भैस और कौए का न सफाया कर दें क्योंकि इनका रंग भी काला हैं। ऐसे तो मैं आपको अच्छी तरह से जानता हूं कि आप बिहार के प्रति कितने ईमानदार है। अगला जब 2014 का लोकसभा चुनाव होगा तो आपकी सारी हेकड़ी निकल जायेगी और साथ ही आपके साथ चलनेवाले भाजपा और भाजपा के सुशील कुमार मोदी की भी हवा निकल जायेगी, क्योंकि आपको शायद नहीं पता हैं कि लालू एंड कंपनी को खोने के लिए कम और पाने के लिए ज्यादा हैं, जबकि आपको खोने के लिए ज्यादा और पाने के लिए कम हैं।
इधर आपकी नरेंद्र मोदी से ज्यादा नाराजगी दीखती हैं। पर सच्चाई ये हैं कि नरेंद्र मोदी ने कभी भी गुजरात के लिए विशेष पैकेज की मांग नहीं की। फिर भी गुजरात प्रगति के शिखर पर हैं, पर आप बिहार के लिए स्पेशल पैकेज की मांग के लिए अधिकार यात्रा पर निकल गये हैं, जबकि सच्चाई ये हैं कि जब बिहार में लालू - रावड़ी का शासन था, तब भी बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग की गयी थी, और आप जब केन्द्र में सत्तासीन थे, तब उसका विरोध किया था, अब विशेष पैकेज की मांग आपने कहां से शुरु कर दी, ये हमारी समझ से परे हैं।
आपने आजकल पूरे बिहार को शराब पीनेवाला प्रदेश बना दिया। जहां मैं रहता हूं वहां गली - गली में शराब बिक रही हैं, गांजा बिक रहे हैं। दूध के स्टाल तक पर शराब बिक रहे हैं, दिक्कत तो ये हैं कि हम अपने बच्चों को कैसे संस्कारित करें, क्योंकि अब तो शराबी, पीकर वो नंगा नाच कर रहे हैं, कि आम महिला आपको कोस रही हैं। कहीं ऐसा नहीं कि इनकी हाय आपको लेकर डूब जाये। फिर भी आपको तीन साल और शासन करने का लाइसेंस मिला हैं, आराम से शासन करते रहिए, नरेंद्र मोदी और भाजपा को धकियाते रहिये, बिहार का नाम डूबाते रहिए, कांग्रेस और सोनिया - राहुल से संबंध मजबूत करते रहिए। हमारा वोट देने का वक्त आयेगा तो हम आपको सत्ता से धकेल जरुर देंगे। फिर उसके बाद आप किसी भी लड़की से काला दुपट्टा उतरवाने का प्रयास तो दूर उधर नजर उठाकर देख भी नहीं पायेंगे।