Thursday, July 14, 2011

नेता पर लेख.............................


नेता एक दोपाया और खतरनाक जंगली जानवर होता है। मनुष्यों की तरह इसके भी दो आंख, दो कान, एक नाक और एक मुंह होते है, पर अपने दिमाग और पेट में रहनेवाले ज्वलनशील विचारों और कीटाणुओं के कारण ये आम आदमी से अलग हो जाता है। ये जानवर पूरे विश्व में अलग – अलग शक्लों में पाया जाता है और सभी जगह की जनता इनसे त्रस्त होती रहती है। ये वोट के चलते अपने देश को भी दांव पर लगा सकता है। इसका आवास संसद, विधानसभा और उनके पार्टी कार्यालय होते है। नेताओं के विचार से ओतप्रोत होकर, इनकी पत्नियां और इनके बेटे और बेटियां भी अनुप्राणित होती है, और देश की सामाजिक संरचना को चूहों और छुछुंदरों की तरह कुतरती रहती है। इनके जीवन का मुख्य उद्देश्य अपने देश की सम्मान को दूसरे देशों के आगे गिरवी रखना, अमरीका, स्विटजरलैंड, इटली तथा वेटिकन सिटी जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के आगे ताता-थैया करना होता हैं और जो इनके खिलाफ बोल रहा होता हैं, उसे सांप्रदायिक और देशद्रोही करार देकर फांसी पर लटका देना ही मुख्य मकसद होता हैं। जो आंतकी इस देश के खिलाफ आग उगलते हैं, ये नेता उनकी आरती उतारनें में अपनी शान समझते हुए, अपने खानदानों और अपने दल के कार्यकर्ताओं को, उसके पक्ष में जय जयकार करने का नारा देने का प्रस्ताव भी रखता हैं।
अपने देश में फिलहाल ऐसे नेताओं की संख्या 90 से 95 प्रतिशत हैं। इन नेताओं के आगे पत्रकारों की टोली भी चल रही होती हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे जंगलों में शेरों के पीछे – पीछे सियारों और गीदड़ों की टोली चल रही होती हैं। जैसे शेर किसी का शिकार कर, अपना भोजन ग्रहण करने के बाद जूठन छोड़ देता हैं, फिर उस जूठन को सियार या गीदड़ खाते हैं, ठीक उसी प्रकार पत्रकारों का दल इन नेताओं के पीछे-पीछे चलकर खुद को अनुप्राणित कर रहा होता हैं। ऐसे दृश्य चुनावों के समय अथवा समय – समय पर बराबर दिखाई पड़ता हैं, पर किसी को इनके खिलाफ बोलने का अधिकार नहीं होता, क्योंकि इनके खिलाफ बोलने पर, इन नेताओं के द्वारा विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का अधिकार भी मिला होता हैं, जिसका ये नेता बराबर सदुपयोग करता रहता हैं। अब तक लाखों – करोड़ों लोग, इन नेताओं के शिकार बन चुके हैं, और बनने को कुछ तैयार भी हैं, पर फिलहाल इस जानवर से बचने के लिए, न तो डाक्टरों ने किसी टीके का इजाद किया हैं और न ही आनेवाले समय में इनसे मुक्ति मिलने के आसार है।
नेताओं का पेट ----------------
नेताओं का पेट ही इनकी बड़ी विशेषता हैं – आप कोई भी गैरकानूनी काम करें, इसके पेट में आप मुंहमांगी रकम डाल दें, आप मुक्त हो जायेंगे। इनका पेट ऐसा हैं, कि कभी भी इनका भूख शांत नहीं होता, ये डाकघर की डाकपेटी के समान हैं, कि कभी भी इनका पेट भरता नहीं। आप लाख इन पर घोटालों का केस करे, भ्रष्टाचार का आरोप लगायें, इनका बाल बांका नहीं होता, थोड़ी दिन तक तो ये जेल जाता हैं, पर जल्द ही जेल से निकल कर शेखी बघारता हैं। उसका उदाहरण ये हैं कि आजादी के बाद से अब तक किसी नेता को सजा ही नहीं मिली, क्योंकि नेता कभी गलत हो ही नहीं सकता, क्योंकि वो नेता है।
आजादी से लेकर अब तक कई हास्य कवियों ने इन नेताओं पर चुटकियां ली, पर इन नेताओं पर, इसका असर नहीं दिखता, क्योंकि भगवान इन्हें फुर्सत के क्षण में विशेष रुप से बनाया होता हैं, इसलिए नेता को आप कुछ भी नाम दें, वो नेता ही रहता है। आजकल नेता बनने का दौर चल गया हैं, इसलिए इनकी जनसंख्या बढ़ रही हैं। हाल ही में हुए जनगणना के दौराऩ इनकी संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई हैं, इसलिए पार्टियों और नेताओं की संख्या भी बढ़ रही हैं, इन नेताओं पर परिवार नियोजन का भी असर नहीं पड़ रहा हैं, ताकि ये नियंत्रित हो सकें, लेकिन इन्हें नियंत्रित करने के लिए पूरे देश में एक नये तकनीक पर काम चल रहा हैं, जिस दिन वो तकनीक बन गयी, ये नेता भी नियंत्रित हो जायेंगे, ऐसा तकनीक बनाने में लगे, वैज्ञानिकों का दावा हैं।
वैज्ञानिकों का ये भी कहना हैं कि आगामी 2020 तक नेताओं को नियंत्रित करने के टीका का इजाद कर लिया जायेगा, तब तक आप नेताओं के जंगली व्यवहार का शिकार होने से बचने के लिए, खुद ठोस प्रयास करें, फिलहाल एड्स और कैंसर की तरह नेताओं के काट से बचने के लिए कोई दवा बाजार में उपलब्ध नहीं हैं।

निम्नलिखित प्रश्ऩों के उत्तर संक्षेप में दें ----------------------
क. नेता, मनुष्यों से कैसे अलग हो जाता है ?
ख. नेता वोट के चलते क्या – क्या कर सकता हैं ?
ग. नेताओँ के पेट की क्या विशेषताएं हैं ?
घ. वैज्ञानिकों ने क्या दावा किया हैं ?
ङ. पत्रकारों और नेताओं में क्या संबंध हैं, वो इन संबंधों को किस प्रकार निभा रहा होता हैं ?

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