Wednesday, December 5, 2012

रस्सी जल गयी पर बल नहीं गया...................

आपने एक लोकोक्ति जरुर सुनी होगी - रस्सी जल गयी पर बल नहीं गया। ये लोकोक्ति बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो तथा मसखरी मे प्रवीण लालू प्रसाद यादव पर फिट बैठती हैं। बिहार की सत्ता से बेदखल होने के बाद, मुझे लगा था कि ये सुधरेंगे। मसखरी छोड़ेंगे, थोड़ी बुद्धिमानी दिखायेंगे, पर वो कहते हैं न कि नेचर और सिंगनेचर कभी बदलते नहीं। इस कहावत को भी सही कर दिखाया हैं -- माननीय फूहड़, श्री लालू प्रसाद यादव ने। मैंने फूहड़ शब्द का प्रयोग इसलिए इनके लिए किया, क्योंकि आज ही एफडीआई पर संसद में हो रही बहस के दौरान, एक सांसद को धमकी देने के क्रम में, इन्होंने खुद ये कह डाला कि वे उक्त सांसद से ज्यादा फूहड़ हैं। क्यों नहीं लालू जी, आप फूहड़ ही नहीं बहुत कुछ हो सकते हैं। आपने तो कई कीर्तिमान बनाये हैं, बिहार में। देश में। क्या - क्या कीर्तिमान बनाये हैं, जरा आप खुद देखे।
1.  आप देश के कई युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। मेरे कई मित्र जो पत्नी भक्त हैं, उन्हें मैं बार - बार कहता हूं कि तुम क्या पत्नी भक्त होगे, जो हमारे लालू जी हैं। उन्होंने अपनी पत्नी को बिहार का मुख्यमंत्री तक बना दिया, तुमने अपनी पत्नी के लिए क्या किया। इसलिए पत्नी भक्ति में आपसे बेहतर दूसरा कोई हो ही नहीं सकता।
2. जो लोग स्वयं को संकल्पित जीवन व्यतीत करने का दावा करते हैं, उन्हें मैं तो आपका ही प्रमाण देता हूं कि लालू जी जो कहते हैं, वो करते भी हैं, जैसे उन्होंने कहा था कि बिहार उनके जीवित रहते कभी बंट ही नहीं सकता, उनकी लाश पर बनेगा झारखंड। पर जैसे ही आपकी कुर्सी हिलने को दिखी, और बिहार की जनता ने थोड़ी सीट आपकी झोली में कम कर दी,  आपने झारखंड बनवा दिया और बिहार का नक्शा, इतना छोटा हो गया कि हम क्या कहें। ये श्रेय भी, मैं आपको देना चाहता हूं।
3. जब आप सत्ता में थे, तो आपकी कृपा से, आपका अनुग्रह पाकर आपके पशु भी, विभिन्न प्रकार के शो में, प्रथम हो जाया करते थे। चाहे वो डॉग शो हो या हार्स शो।
4. बिहार में लाख आप नीतीश को गाली दे, पर इतना तो नीतीश ने जरुर किया कि कम से कम बिहार की जनता उनके ससुराल और उनके शालों को तो नहीं ही जानती, जैसा कि आप के ससुराल के बारे में जानती हैं।
5. आप जिस संसदीय दल में शामिल होकर पाकिस्तान गये थे, और पाकिस्तान के बाजार में आलू का मॉडल देख रहे थे, वहीं पाकिस्तान और वहां की जनता, नीतीश के शासन की तुलना आपके शासन की तुलना से कर, नीतीश को बेहतर शासक के रुप में प्रोजेक्ट कर रही हैं, जबकि आप की थू - थू हो रही हैं, ज्यादा जानकारी के लिए, आपसे संबंधित रिपोर्ट यूट्यूब पर भरी पड़ी हैं, पाकिस्तान के किसी भी चैनल के टीवी समाचार रिपोर्ट को आप देख लें अथवा पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की बिहार पर इंटरव्यू देख लें।
6. कल तक जिस मीडिया को आप कोसते नहीं थकते थे, सुनने में आ रहा हैं कि मीडिया के भाईयों और मीडिया के मालिकों को धन देकर, आप अपनी सभा की सीधी लाईभ शो करवा रहे हैं, और कुछ प्रिंट मीडिया के लोगों को उपकृत कर, अपनी तारीफ के पूल बंधवाने का कार्य आपने प्रारंभ किया हैं।
ये कुछ उदाहरण हैं, जो मैंने आपकी तारीफ में लिखे हैं। ऐसे भी आपने जो जातिवाद का बीज बिहार में बोया हैं, वो कभी मिट ही नहीं सकता। आज आप जो नकली ब्राह्मण प्रेम दिखा रहे हैं। आपने ब्राह्मणों को कितनी गालियां दी हैं, वो पटना जंक्शन पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरु की प्रतिमा ही बतायेगी। जब आप एक सशक्त नेता बिहार के गिने जाते थे, तब आपने, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की प्रतिमा पर उनके जन्मदिन के दिन माल्यार्पण करना, अपनी शान के खिलाफ समझा था और आज सोनिया व राहुल की गणेश परिक्रमा बारंबार करने के बाद, बिहार की गलियों में घूम घूमकर ब्राह्मणों का आशीर्वाद मांग रहे हैं। मैं बिहार का ही रहनेवाला हूं। आपने किस प्रकार से बिहार के विकास में अहम योगदान देनेवाले लोगों व जातियों का आपने शासनकाल में अपमान किया हैं, वो मुझसे बेहतर कौन जान सकता हैं। आपने अपने शासन के दंभ में, कितने लोगों को सताया हैं, अपमानित किया हैं, केवल इसका पश्चाताप कर लें, तो बिहार की जनता आपको माफ कर दें, पर आपको पश्चाताप करना भी नहीं आता। आप तो स्वयंभू मसखरे हैं, आपको मसखरी करने से फूर्सत कहा हैं। मसखरी के चक्कर में आपने आज एफडीआई पर हो रही विशेष बहस के दौरान संसद में वो कह डाला, जिससे बिहार की जनता की बदनामी हो गयी। आपने भाजपा को जमूरा बता दिया, जबकि सबसे बड़ा जमूरा तो आप ही हैं। ये अलग बात है कि आपने भाजपा से इसके लिए माफी मांग ली। प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसद में आप पर ठीक ही टिप्पणी की -- आपको गाठें खोलना नहीं आता और मसखरी के अलावा कुछ बोलना नहीं आता। आप संसद में कहते हैं कि गर गलत हुआ तो राजद के लोग सारे दुकानों में आग लगा देंगे। आपको आग लगाने का मौका भी ये एफडीआई देगा, अरे आपने अपने ही चिराग से देश के कई घरों में आग लगा दी। आपको क्या पता कि एफडीआई से देश को क्या नुकसान होने जा रहा हैं। आप को तो सिर्फ सीबीआई की चिंता सता रही हैं। आप अच्छी तरह जानते हैं कि अभी सत्ता कांग्रेस के हाथों में हैं, और सीबीआई की चाबी केन्द्र सरकार के हाथों में है। आप चारा घोटाले में बुरी तरह फंसे हैं। इसलिये सोनिया -  राहुल की परिक्रमा करने के सिवा आपके पास दूसरा कोई चारा नहीं हैं। बस इनकी परिक्रमा करते रहिए, समय - समय पर मसखरी कर, इनका दिल बहलाते रहिए, देश भाड़ में जाय, आपको क्या मतलब। आपको और आपके परिवार को बस समय - समय पर सत्ता का रसास्वादन करने का मौका मिल जाय, बस इतना ही आपके लिए काफी हैं। ऐसे भी बिहार में आपने जातीयता का ऐसा बीज बोया हैं कि उसका फायदा, देर सबेर आप जब तक जीवित रहेंगे आपको छोड़ दूसरे को थोड़े ही मिलने जा रहा। जातीयता के घोड़े पर सवार होकर, जमकर बिहार व देश को बर्बाद करते रहिए, आम जनता को धोखा देते रहिए। इससे ज्यादा यहां की जनता को आपसे आशा भी नहीं हैं।

1 comment:

  1. Wah krishna bhai wah! Lalu ji ka to aap ne kachalu hi nikal diya hai!
    Wah wastav mein ek maskhare se adhik kuchcha hain bhi nahi... Kai baar akele mein rote bhi honge ki unhen Bihar ki janta ne jo awasar diya tha use unhone barbad kyon kar diya...
    Wah jaroor kahate honge ki.."Bhooli hui yadon hame itna na satao, ab chain se rahne do mere paas na aao..."

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