Wednesday, November 6, 2013

लो, अब लताजी भी सांप्रदायिक हो गयीं.............

लो कर लो बात, अब विश्व की सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर जी भी सांप्रदायिक हो गयी, क्योंकि उनकी दिली ख्वाहिश है कि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने और ये उद्गार उन्होंने अपने एक निजी कार्यक्रम में व्यक्त कर दिया। उन्होंने ऐसा बयान देकर, भाजपा के घुर विरोधियों की नींद उड़ा दी है। जो सोते जागते एक ही सपना देखते हैं कि कैसे नरेन्द्र मोदी का अहित हो। नरेन्द्र मोदी का अहित चाहनेवालों में केवल राजनीतिक पार्टियां ही नहीं, देश के वे कांग्रेस व नीतीश भक्त राष्ट्रीय चैनलों के पत्रकार और मालिक भी हैं, जिन्हें नरेन्द्र मोदी फूटी आंख भी नहीं सुहाते। बस इन्हें मौका मिलना चाहिए, नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मीन-मेख निकालने की। फिर क्या सारा काम-काज छोड़कर, नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मीन-मेख निकालने लगेंगे, भद्दी-भद्दी गालियां देंगे, कीचड़ उछालेंगे, विष-वमन करेंगे और उसके बाद भी, इनकी हरकतों पर आम जनता पर कोई असर, अगर नहीं पड़ा तो जनता को ही कटघरे में खड़ें कर देंगे और कहेंगे कि भारत की जनता तो एकदम खत्म हैं। इधर इन राजनीतिज्ञों और कांग्रेस – नीतीश भक्त पत्रकारों का एक ही सूत्री कार्यक्रम हैं – वो कार्यक्रम है सिर्फ और सिर्फ नरेन्द्र मोदी का विरोध करना। अभी कई चैनलों के मालिक और पत्रकार विधवा प्रलाप करने में लगे हैं, ये कहते हुए कि हाय, लताजी आप तो बहुत अच्छी थी, आपको तो हम भी बहुत मानते थे, पर आपने ये क्या कह दिया, आखिर क्यों आप नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनवाने पर तूली हैं, गर आप नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का इरादा रखती भी हैं, तो आपने इस इरादे को क्यों व्यक्त किया, अपने मन की बात, मन में ही रखती। अब हम कर ही क्या सकते हैं, हमारी तो आदत हैं, नरेन्द्र मोदी को गाली देने की और उन्हे भी गाली देने की जो नरेन्द्र मोदी के पक्ष में बयान देते हैं, इसलिए अब हम आपको भी नहीं छोड़ेंगे। इसलिए बयानवीर नेताओं के बयानों के आधार पर हम आप में भी मीन-मेख निकालेंगे, आपको भी नहीं छोड़ेंगे, जहां तक ताकत होगा, कांग्रेस भक्त और नीतीश भक्त पत्रकार और नेता, आपके खिलाफ भी विषवमन करने से बाज नहीं आयेंगे। ये अलग बात हैं कि इस विषवमन अभियान से आपका अहित होता हैं या नहीं होता, पर आपके खिलाफ हम अभियान शुरु कर चुके हैं और आज से आप भी सांप्रदायिक हो गयी, क्योंकि आप भी नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रही हैं, जिसका विरोध हम जन्म-जन्मातंर से कर रहे हैं। हमारे पास एक से एक उदाहरण है। एक राष्ट्रीय चैनल के पत्रकार का विधवा प्रलाप देखिए। हाल ही में नरेन्द्र मोदी बिहार आये, पटना ब्लास्ट में प्रभावित परिवारों से मिलने गये। मीडिया से बाद में उन्होंने बातचीत की, पर जब इस राष्ट्रीय चैनल के पत्रकार के किसी प्रश्नों का जवाब नरेन्द्र मोदी ने नहीं दिया, तो वह दोपहर में अपने एंकर के सवालों का जवाब न देकर, वो नरेन्द्र मोदी को ही भला-बुरा कहने लगा और अपनी बातों को सही करने के लिए कपिल सिब्बल तक का सहारा ले लिया, ऐसे हैं पटना के ये मठाधीश पत्रकार और ऐसा ही इनका चैनल। आजकल इस चैनल को नीतीश में केवल गुण ही गुण नजर आ रहे हैं और सारे दुर्गुण उसे नरेन्द्र मोदी में ही नजर आते हैं। इस चैनल की सायं और रात की विशेष बुलेटिन में नीतीश का गुणगान देखा जा सकता हैं, पर नीतीश की कुटिल मुस्कान और उसके द्वारा अपने विरोधियों के प्रति अभद्र भाषा का किया गया प्रयोग, इसे सुनायी नहीं देता, शायद उस राष्ट्रीय चैनल के प्रबंधक, या पटना में रह रहा उसका संवाददाता या एंकर बहरा हो जाता होगा, जब कुटिलता से लवरेज नीतीश, अपने विरोधियों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे होते हैं। धन्यवाद दूंगा, आजतक व जी मीडिया को, जिसने सही को सही रखने का प्रयास किया। शायद यहीं कारण हैं कि इन दोनों चैनलों ने देश में अपनी साख पूर्व की तरह बरकरार रखी हैं, पर जरा उस वामपंथी विचारधारावाले निकम्मों, पत्रकारों और उसके प्रबंधकों को देखिये। जबसे लता जी ने नरेन्द्र मोदी के पक्ष में, वे प्रधानमंत्री के रुप में दीखे – बयान दिया। जदयू के एक नेता के सी त्यागी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला, सपा और पता नहीं दीमक की तरह देश में कितनी पार्टियों के नेता हैं, जो कभी नगरपालिका के वार्ड आयुक्त का चुनाव तक नहीं जीत सकते, लता जी के खिलाफ अनाप-शनाप बयान दे डाला। जिसकी जितनी निंदा की जाय कम है। यहीं नहीं इन नेताओं ने मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ दी। ये अपनी अभिव्यक्ति के लिए तो एडी-चोटी एक कर देते हैं, पर लता मंगेशकर जैसी महान गायिका के प्रति घटिया स्तर के शब्दों का प्रयोग करने से नहीं चूकते। बयान देखिये इन घटियास्तर के नेताओं का – सुरसाम्राज्ञी को सलाह देते हैं कि वे राजनीति से दूर रहे। कमाल हैं देश को रसातल में ले जानेवाले ये नेता और इनकी पार्टी राजनीति में रहे, पर देश को मान-सम्मान बढ़ानेवाली लताजी राजनीति से दूर रहे। वो अपनी भावनाओं को भी अभिव्यक्त नहीं करें। ये घटियास्तर के नेता, जिनकी औकात नहीं कि वे जहां रहते हो, वहां ही रह रहे किसी चरित्रवान व्यक्ति की आंखों में आंख डालकर बात कर सकें। ये लता जी को राजनीति का एबीसीडी सीखाने चल पड़े और देखिये इन पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को जो इन सड़क-छाप नेताओं के खिलाफ एक्शन भी नहीं लेते कि वे लता जी के खिलाफ क्यूं इस प्रकार का वक्तव्य दे रहे हैं। यानी धर्मनिरपेक्षता का सारा ठेका, इन्होंने ही ले रखा हैं, बाकी सभी सांप्रदायिक हो गये। लानत हैं, इन नेताओं और घटियास्तर के उन पत्रकारों को, जो घटियास्तर का सोच रखते हैं और लताजी जैसी महान गायिका पर कीचड़ उछालने से नहीं चूकते। ऐसे भी कीचड़ उछालने वाले और कर ही क्या सकते हैं। जिन्होंने देश में महंगाई, भ्रष्टाचार और अपने हित में दंगा करवाकर देश को नरक बना डाला हो, उनसे हम उम्मीद ही क्या कर सकते हैं। लताजी आप, आप हैं, आप ने अपनी गीतों से कभी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरुजी को रुलाया हैं। आपने देश ही नहीं बल्कि विश्व में रहनेवाले करोड़ों – करोड़ भारतीयों का मान बढ़ाया हैं। भारतीय सैनिकों के मनोबल बढाने के लिए आपने क्या नहीं किया। कभी मां, तो कभी बहन, तो कभी बेटी, पता नहीं कितने रिश्तों को आपने गीतों में जीया हैं, आप देश की शान हैं, आप भारत रत्न हैं, और भारत रत्न को कैसे सम्मान दिया जाता हैं, गर यहां के नेता नहीं जानते, पत्रकार नहीं जानते तो आप इन्हें माफ कर दीजिये, क्योंकि आपका दिल बड़ा हैं, आपके गीत लोगों को जोड़ते हैं पर ये तोड़नेवाले नेता क्या जाने, कि आपने किस भाव से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया। लता जी आपको अपनी भावना जन-जन तक रखने के लिए कोटिशः धन्यवाद, साथ ही नरेन्द्र मोदी के घुरविरोधियों को उनकी औकात बताने के लिए शत् शत् नमन।

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