Wednesday, January 8, 2014

स्टिंग के बहाने अरविंद की स्तुति............

एक कहानी सुनाता हूं। चंपकपुर प्रदेश में एक चुल्लू पाल नामक राजा था। एक दिन वह अपने मंत्रियों और सहकर्मियों के साथ नाटक देख रहा था। नाटक जब चल ही रहा था कि नाटक के एक परिदृश्य में किन्नरों का आगमन हुआ। किन्नर सैनिकों की भूमिका में थे। साथ ही ये सैनिक बने किन्नर इस प्रकार की तलवारबाजी कर रहे थे कि चुल्लू पाल राजा को लगा कि उसके प्रदेश में सैनिकों की जगह इन किन्नरों की बहाली कर ली जाये तो उसका प्रदेश शत्रु के भय से मुक्त हो जायेगा। उसने तुरंत आदेश जारी किया कि चंपकपुर प्रदेश से सारे सैनिकों को हटाया जाये और उसके जगह पर इन किन्नरों की बहाली की जाय। फिर क्या था राजा का आदेश का पालन हुआ। वर्तमान सैनिकों की जगह किन्नरों ने ले ली। इधर चंपकपुर का शत्रु राजा वनपुर नरेश धूमल को इस बात की जानकारी मिली तो वह तुरंत चंपकपुर पर आक्रमण करने का आदेश दिया था। इधर चुल्लू पाल ने सैनिक बने किन्नरों को बुलाया और तुरंत आक्रमण का जवाब देने को कहा। चुल्लु पाल के इस बात को सुनते ही, सैनिक बने किन्नर ये कहकर भाग खड़े हुए कि भला हम क्या लडेंगे, भगवान ने तो उन्हें सिर्फ हाथ से ताली बजाकर छक्के लगाने को पैदा किया और इस प्रकार वनपुर नरेश धूमल का चंपकपुर प्रदेश पर कब्जा हो गया.............।
ठीक इसी प्रकार की कहानी हमारे देश के दिल्ली प्रदेश में दिखाई पड़ रही हैं। जिसे करना चाहिए, वो कर नहीं रहा और जिसे नहीं करना चाहिए, वो करने का साहस नहीं बल्कि ढीठई दिखा रहा हैं, जैसे लगता हैं कि दूनिया का सारा सदाचार उसके अंदर समा गया हैं और वो दिल्ली को बेहतर करके रहेगा। इसी चक्कर में दिल्ली की भद्द पीट रही है, जिसकी चिंता किसी को नहीं हैं। अभी हाल ही में दिल्ली में कल तक कांग्रेस को गाली देनेवाली आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के सहयोग से ही सरकार बनायी हैं। एक राष्ट्रीय चैनल हैं, आजतक - आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बिरदावली गा रहा हैं। आपायण गा रहा हैं। इधर कुछ स्टिंग भी दिखाई जा रही हैं, इस चैनल पर। स्टिंग में कुछ चिरकुट टाइप के कर्मचारी, अधिकारी घूस लेते पकड़े गये, दिखाये गये हैं। जैसा कि सर्वविदित हैं इस प्रकार कि हरकत दिखाये जाने पर, कोई भी सरकार संबंधित लोगों पर कार्रवाई करती हैं, निलंबित करती हैं, दिल्ली की सरकार ने भी किया हैं। इसी दौरान इस प्रकार की हरकतों के बीच आम आदमी पार्टी, आज तक चैनल की भूरि- भूरि प्रशंसा करने में लग गयी हैं, और आज तक वाले आम आदमी पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करने में लग  गये हैं। जैसे लगता हैं कि दिल्ली में राम राज्य आ गया। पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं। जबकि सच्चाई ये हैं कि सिर्फ चिरकुट जैसे लोगों पर ही कार्रवाई हुई हैं, घाघ लोगों पर नहीं और न ही इन चैनल के स्टिंग करनेवाले पत्रकार बने कलाकारों की हिम्मत हैं कि घाघ लोगों को पकड़ सकें।
एक बात और, जो स्टिंग कर रहे हैं, मैं तो कहूंगा कि थोड़ा अपने संस्थान में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों तथा दूर दराज के इलाकों में काम कर रहे अपने संवाददाताओं की भी स्टिंग करा लेते तो पता चलता कि उनके यहां कितना सदाचार हैं। अरे भाई तो स्टिंग का कैमरा का मुंह जिधर रहेगा, वहीं फंसेगा न, गर कैमरा का मुंह संवाददाताओं और चैनल के प्रंबंधनकर्ताओं पर रहेगा तो क्या होगा, सभी जानते हैं। यानी ये कितने देशभक्त और समाजभक्त हैं, उसका चरित्र उजागर हो जायेगा। इधर आजतक वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम की जय जयकार करने में लगे हैं। जय - जयकार ऐसी, जैसा लगता हैं कि दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं। इनकी दोस्ती और भाईचारे पर तो श्रीरामचरितमानस की पंक्तियां भी फेल हो जायेगी। जब दोस्ती और भाईचारे की ऐसी दास्तां टीवी पर शो के दौरान दिखाई जा रही हैं तो हमारा विचार हैं कि आजतक को आप में विलय कर देना चाहिए। पुण्य प्रसुन वाजपेयी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना देना चाहिए, क्योंकि अब अरविंद केजरीवाल तो देश के प्रधानमंत्री की कैंडिडेट हो गये हैं। ऐसे में दिल्ली की जिम्मेदारी पुण्य प्रसुन जी संभाल लें तो कितना सुंदर होगा। आजतक और आप दोनों का बेड़ा पार। हम भी कह सकेंगे कि देखों फिल्म नायक का ये रियल हीरो। और इसी खुशी में पूरे दिल्ली प्रदेश में नायक फिल्म को कर मुक्त कर फिर से हर सिनेमा हाल में दिखाया जायेगा। लोगों को मुफ्त में पानी, मुफ्त में बिजली और अब मुफ्त में फिल्म भी, क्या बात हैं। 
कहने का तात्पर्य हैं कि आज के पत्रकारों को क्या हो गया है। पत्रकार किसी की चाटुकारिता करता हैं क्या। पत्रकार संदर्भ रखता हैं। निर्णय जनता को करना हैं, पर यहां तो समाचार दिखाने के क्रम में चाटुकारिता हो रही हैं। इस प्रकार आप पार्टी का गुणगाण हो रहा हैं, जैसे लगता हो कि ये आप के राष्ट्रीय सलाहकार की तर्ज पर काम कर रहे हो। और इसी क्रम में पूरे देश की जनता गुमराह हो रही हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे कभी आसाराम, तो कभी तरुण तेजपाल की चक्कर में यहां की जनता स्वयं को लूटा बैठी हैं। मेरा मानना हैं कि किसी को भी देश की जनता ने ये अधिकार नहीं दिया कि वो चैनल पर बैठकर अनाप शनाप बोले, प्रवचन करें। सरकार को चाहिए कि इस प्रकार की हरकतों को देखते हुए, राष्ट्रीय चैनलों के लिए भी कुछ मानक तय करें, नहीं तो देश और समाज हाथ से निकल जायेगा और ये लोग बैठकर जनता को मूरख बना, देश पर राज करते रहेंगे, देश गुलाम बनता रहेगा। जैसा कि शुरुआत में हमनें कहानी से अपनी बात कह दी...........

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