Thursday, January 2, 2014

हमने देखा है....................

हमने देखा है
2014 के पहले दिन 
नये वर्ष का स्वागत करते
बहकते कदमों, पागल मन और
थिरकते पगों को अपने आप पर
मचलते देखा हैं..............
बीच सड़कों पर कटते बकरों,
दम तोड़ते मौत से छटपटाते मुर्गों,
और इसी बीच ठहाके लगाते
कसाईयों को मुस्काराते देखा हैं............
बड़े - बड़े होटलों से
छोटे होटलों तक,
शहरों से गांवों तक,
शराब से नहाते - नहलाते
युवक-युवतियों को देखा हैं...............
धूल से नहलाने को विवश करते
सड़कों पर कारों
और बाइक सवारों को
एक दूसरे को पछाड़ते देखा हैं...........
खाने-पीने के बीच,
मस्ती और आनन्द लेने के क्रम में,
झूठे आनन्द की खोज में.
तमंचों से चली गोलियों के बीच
दो जानों को लूढ़कते देखा हैं..............
कोई कहता बिहार जागे
तो देश आगे
पर इस नारे को सदा के लिए
सुलाने को तैयार,
सरकार को कदम बढ़ाने को
संकल्पित देखा है..............
एक नहीं कईयों को
अच्छे से अच्छे बननेवाले भइयों को
आदमी नहीं शैतान बनते देखा हैं...............
2014 के पहले दिन
नये वर्ष का स्वागत करते
बहकते कदमों, पागल मन और
थिरकते पगों को अपने आप पर
मचलते देखा हैं..............

1 comment:

  1. Great Krishna Bhai, hamne to aap ke man ko in harkaton ke chalte gamgeen aur ashrupoorit dekha hai!

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