क्या आप जानते है, कि भारत में कौन सा अखबार या चैनल किस पार्टी या दल का
आरती उतारता है/या भोपू है...गर नहीं जानते तो आज ही जानिये...ये देश के
लिए और आपके लिए अत्यंत आवश्यक है....
जानिये अपने अखबारों और चैनलों को, वे कितने गिरे
हुए हैं और किस पार्टी/दल की भक्ति में लग कर, भारत की एकता व अखंडता को
चोट पहुंचा रहे हैं, अपने बच्चों को भी बताइये...क्योंकि ये बच्चे बहुत ही
कोमल है, जो आज सीखेंगे, वहीं युवा होकर देश को देंगे...बच्चों पर किसी भी
दल के विचार को मत थोपिये, उन्हें जो अच्छा लगे, करने दें, बस उनका
मार्गदर्शन करते रहे...उन्हें वामपंथी बनना है, या दक्षिणपंथी बनना है, या
विशुद्ध रुप से मानवीय मूल्यों को आत्मसात करना है...उन्हें इसकी खुली
छूट दीजिये...हालांकि वामपंथी गुंडों का एक दल नहीं चाहता कि देश में
समरसता रहे, इसके लिए हर प्रकार के छल -प्रपंच का वो शुरुआत कर चुका
है...उसके बाद भी अब देखिये....
1. हिन्दुस्तान - ये अखबार अपने स्थापना काल से कांग्रेस प्रेम के लिए प्रसिद्ध है, ये आज भी कांग्रेस का गुण गाता है...उदाहरण 25 फरवरी का अखबार देख लीजिये... ज्यादातर अखबार स्मृति ईरानी के धुंआधार भाषण से पटा है, पर ये ज्योतिर्दित्य सिंधिया में देश ढूंढ रहा है...इसके मालिक कई बार कांग्रेस से उपकृत होकर राज्यसभा सदस्य भी बन चुके है...इसलिए कांग्रेस इसकी पहली पसंद और दूसरे में नीतीश और लालू को ये अपना सब कुछ समझता है...
2. प्रभात खबर - ये अखबार जदयू का खास अखबार है... इसे नीतीश कुमार में भगवान नजर आता है...इसका प्रधान संपादक हाल ही में जदयू का सांसद बना है...इसके अखबारों में जदयू के नेताओं व सांसदों के वैचारिक आलेख खुब छपते है, फिलहाल लालू व राहुल भक्ति में आकंठ डूबा है, भाजपा से इसकी नहीं पटती...
3. दैनिक जागरण - विशुद्ध रुप से भाजपाई अखबार है, इसके मालिक भाजपा से उपकृत होकर कभी सांसद भी बन चुके है...ये भाजपा के खिलाफ सुनने को तैयार नहीं, पूर्णतः पत्रकारिता को व्यवसाय मानकर ये चलता है...मिशन इसके लिए कुछ भी नहीं....
4. दैनिक भास्कर - ये अखबार पूर्णतः कांग्रेस और भाजपा का सम्मिश्रण है...समयानुसार कभी मिशन तो कभी व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाता है...इसके लिए अखबार ही सब कुछ है...जनता का मिजाज भांपता है, वहीं दृष्टिकोण अपनाता है...यानी जस जैसा, तस तैसा...हर जगह इसकी पकड़ है, हर वर्ग के नेताओं की यह जय जय करता है, ताकि जब कभी किसी की सत्ता आये तो उसका व्यवसायिक लाभ ये उठा सकें...
5. बीबीसी - इसका सारा समाचार भारत विरोध से शुरु होता है और भारत विरोध पर ही खत्म हो जाता है....
6. द टेलीग्राफ - कट्टर वामपंथ समर्थक...
7. द टाइम्स आफ इंडिया - कांग्रेस और वामपंथ समर्थक....
8. हिन्दुस्तान टाइम्स - कट्टर कांग्रेस समर्थक...
9. हिन्दु - कट्टर भाजपा आलोचक/वामपंथ समर्थक...
7. आनन्द बाजार पत्रिका - कट्टर वामपंथ समर्थक....
8. एनडीटीवी - कट्टर भाजपा आलोचक, इसका वश चले तो भाजपाइयों को देखते ही गोली मार दें...कट्टर वामपंथी....उसका उदाहरण देख लीजिये...24 फरवरी को स्मृति ईरानी संसद में विपक्षी दलों का जवाब दे रही थी...भाजपा के कट्टर विरोधी होने के कारण ये स्मृति ईरानी का लाइभ की जगह इंटरनेशनल एजेंडा दिखा रहा था, जबकि सारे चैनल अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर स्मृति ईरानी का लाइभ दिखा रहे थे...देश में किसानों ने आत्महत्या की...देश में भ्रष्टाचार का कई मुद्दा छाया रहा, जिससे देश के सम्मान में बट्टा लगा...इसे शर्म नहीं आयी...पर जैसे ही एक कन्हैया की गिरफ्तारी हुई...इसने भाजपा विरोध के नाम पर, वामपंथियो के समर्थन के नाम पर अपना मुंह काला करते हुए अपना प्रसारण कुछ समय के लिए ब्लैक कर दिया...इसका एकमात्र सिद्धांत वामपंथ को भारत में स्थापित करना और दिल्ली के लाल किले पर लाल झंडा लहराता हुआ देखना है....
9. आजतक - कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समर्थक....
10. एबीपी - कट्टर कांग्रेसी और वामपंथी समर्थक...
11. आईबीएऩ 7 - भाजपा समर्थक...
12. टाइम्स नाउ - न्यूट्रल....
13. जीटीवी - विशुद्ध भाजपाई....
14. ईटीवी - इन दिनों भाजपा के समर्थन में....
15. इंडिया टीवी - भाजपा समर्थक...
जो देश में रहकर, देश के लिए पत्रकारिता नहीं करता हो...वो ज्यादा देशद्रोही है...जो एक दल के प्रति समर्पित रहता है...वो ज्यादा देशद्रोही है...पत्रकार किसी दल का नहीं होता...अखबार/चैनल किसी दल का नहीं होता...उसे तो पूर्णतः निरपेक्ष होते हुए, सत्य का आश्रय लेना चाहिए...पर यहां तो कोई भाजपाई तो कोई कांग्रेसी तो कोई वामपंथी पायजामा पहन कर दिये जा रहा है....ऐसे लोगों की हम कड़ी भर्त्सना करते हैं.....
1. हिन्दुस्तान - ये अखबार अपने स्थापना काल से कांग्रेस प्रेम के लिए प्रसिद्ध है, ये आज भी कांग्रेस का गुण गाता है...उदाहरण 25 फरवरी का अखबार देख लीजिये... ज्यादातर अखबार स्मृति ईरानी के धुंआधार भाषण से पटा है, पर ये ज्योतिर्दित्य सिंधिया में देश ढूंढ रहा है...इसके मालिक कई बार कांग्रेस से उपकृत होकर राज्यसभा सदस्य भी बन चुके है...इसलिए कांग्रेस इसकी पहली पसंद और दूसरे में नीतीश और लालू को ये अपना सब कुछ समझता है...
2. प्रभात खबर - ये अखबार जदयू का खास अखबार है... इसे नीतीश कुमार में भगवान नजर आता है...इसका प्रधान संपादक हाल ही में जदयू का सांसद बना है...इसके अखबारों में जदयू के नेताओं व सांसदों के वैचारिक आलेख खुब छपते है, फिलहाल लालू व राहुल भक्ति में आकंठ डूबा है, भाजपा से इसकी नहीं पटती...
3. दैनिक जागरण - विशुद्ध रुप से भाजपाई अखबार है, इसके मालिक भाजपा से उपकृत होकर कभी सांसद भी बन चुके है...ये भाजपा के खिलाफ सुनने को तैयार नहीं, पूर्णतः पत्रकारिता को व्यवसाय मानकर ये चलता है...मिशन इसके लिए कुछ भी नहीं....
4. दैनिक भास्कर - ये अखबार पूर्णतः कांग्रेस और भाजपा का सम्मिश्रण है...समयानुसार कभी मिशन तो कभी व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाता है...इसके लिए अखबार ही सब कुछ है...जनता का मिजाज भांपता है, वहीं दृष्टिकोण अपनाता है...यानी जस जैसा, तस तैसा...हर जगह इसकी पकड़ है, हर वर्ग के नेताओं की यह जय जय करता है, ताकि जब कभी किसी की सत्ता आये तो उसका व्यवसायिक लाभ ये उठा सकें...
5. बीबीसी - इसका सारा समाचार भारत विरोध से शुरु होता है और भारत विरोध पर ही खत्म हो जाता है....
6. द टेलीग्राफ - कट्टर वामपंथ समर्थक...
7. द टाइम्स आफ इंडिया - कांग्रेस और वामपंथ समर्थक....
8. हिन्दुस्तान टाइम्स - कट्टर कांग्रेस समर्थक...
9. हिन्दु - कट्टर भाजपा आलोचक/वामपंथ समर्थक...
7. आनन्द बाजार पत्रिका - कट्टर वामपंथ समर्थक....
8. एनडीटीवी - कट्टर भाजपा आलोचक, इसका वश चले तो भाजपाइयों को देखते ही गोली मार दें...कट्टर वामपंथी....उसका उदाहरण देख लीजिये...24 फरवरी को स्मृति ईरानी संसद में विपक्षी दलों का जवाब दे रही थी...भाजपा के कट्टर विरोधी होने के कारण ये स्मृति ईरानी का लाइभ की जगह इंटरनेशनल एजेंडा दिखा रहा था, जबकि सारे चैनल अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर स्मृति ईरानी का लाइभ दिखा रहे थे...देश में किसानों ने आत्महत्या की...देश में भ्रष्टाचार का कई मुद्दा छाया रहा, जिससे देश के सम्मान में बट्टा लगा...इसे शर्म नहीं आयी...पर जैसे ही एक कन्हैया की गिरफ्तारी हुई...इसने भाजपा विरोध के नाम पर, वामपंथियो के समर्थन के नाम पर अपना मुंह काला करते हुए अपना प्रसारण कुछ समय के लिए ब्लैक कर दिया...इसका एकमात्र सिद्धांत वामपंथ को भारत में स्थापित करना और दिल्ली के लाल किले पर लाल झंडा लहराता हुआ देखना है....
9. आजतक - कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समर्थक....
10. एबीपी - कट्टर कांग्रेसी और वामपंथी समर्थक...
11. आईबीएऩ 7 - भाजपा समर्थक...
12. टाइम्स नाउ - न्यूट्रल....
13. जीटीवी - विशुद्ध भाजपाई....
14. ईटीवी - इन दिनों भाजपा के समर्थन में....
15. इंडिया टीवी - भाजपा समर्थक...
जो देश में रहकर, देश के लिए पत्रकारिता नहीं करता हो...वो ज्यादा देशद्रोही है...जो एक दल के प्रति समर्पित रहता है...वो ज्यादा देशद्रोही है...पत्रकार किसी दल का नहीं होता...अखबार/चैनल किसी दल का नहीं होता...उसे तो पूर्णतः निरपेक्ष होते हुए, सत्य का आश्रय लेना चाहिए...पर यहां तो कोई भाजपाई तो कोई कांग्रेसी तो कोई वामपंथी पायजामा पहन कर दिये जा रहा है....ऐसे लोगों की हम कड़ी भर्त्सना करते हैं.....