भारतीय संस्कृति में एक वाक्य बार-बार सुनने को मिलता है...
जो होता है, अच्छे के लिए होता है...
जेएनयू की घटना ने भी बहुत सारे लोगों के चेहरे पर से नकाब उठा दिया है...
नकाब उठने के बाद, क्या होता है...आप सभी जानते है , फिर सामने वाले से शर्म और हया सब खत्म...
एनडीटीवी ने स्पष्ट कर दिया कि वह विशुद्ध रुप से वामपंथी है...न तो उसे कांग्रेस से मतलब है और न ही भाजपा या उसके अन्य आनुषांगिक संगठन से...
उसने यह भी दावा ठोक दिया कि जो वामपंथ से टकरायेगा तो फिर एनडीटीवी भी उसे नहीं छोड़ पायेगा...
ऐसे तो सारा बुद्धिजीवी वर्ग जानता था कि ये चैनल वामपंथी चैनल है, पर सामान्य जनता नहीं जानती थी, आज सामान्य जनता जान गयी है...
वो अगर सारे चैनलों की सूची बनायी है कि कौन चैनल किस पार्टी का भोंपू है,तो एनडीटीवी के लिए भी उसने सूची दर्ज कर ली कि ये विशुद्ध वामपंथी चैनल है...
इसका भी मकसद कश्मीर को पाकिस्तान के हाथों सौंप देना, अमरीका को साम्राज्यवादी बताना और चीन को अपना दोस्त बताना, हिन्दूओं को गाली देने का तो उसकी पुरानी आदत है, जरा देखिये एनडीटीवी के संपादक ने क्या शिगुफा छोड़ा है, जिस शिगुफे को आजकल वामपंथी नेता छाती से लगाकर फेसबुक पर शेयर किये जा रहे है...वो है...
एनडीटीवी इंडिया के संपादक ऑनिंद्यो चक्रवर्ती के मुताबिक यह जेएनयू बनाम जनेऊ की लड़ाई है...ये महापंडित ऑनिंद्यो चक्रवर्ती, तोगड़िया टाइप भाषण तो लिख दिया पर उसे पता हैं कि गांव में रहनेवाले उन लाखों गरीबों पर क्या गुजरेगी...जब उसके इस भाषण टाइप का इस्तेमाल करना वामपंथी गुंडे शुरु कर देंगे...
जैसा कि केरल के कन्नूर जिले में हुआ वामपंथी गुंडों ने सुजीत की हत्या उसके माता-पिता के सामने ही निर्ममता से कर दी...
ऐसे हम आपको बता दें कि एनडीटीवी के भी कई संवाददाता और कैमरामैन कोई दुध के धुले नहीं, बल्कि ये भी एक नंबर के बदमाश है...और इसकी जानकारी प्राप्त करनी हो तो हमसे संपर्क करें...हम आपको प्रमाण के साथ बतायेंगे...
जो होता है, अच्छे के लिए होता है...
जेएनयू की घटना ने भी बहुत सारे लोगों के चेहरे पर से नकाब उठा दिया है...
नकाब उठने के बाद, क्या होता है...आप सभी जानते है , फिर सामने वाले से शर्म और हया सब खत्म...
एनडीटीवी ने स्पष्ट कर दिया कि वह विशुद्ध रुप से वामपंथी है...न तो उसे कांग्रेस से मतलब है और न ही भाजपा या उसके अन्य आनुषांगिक संगठन से...
उसने यह भी दावा ठोक दिया कि जो वामपंथ से टकरायेगा तो फिर एनडीटीवी भी उसे नहीं छोड़ पायेगा...
ऐसे तो सारा बुद्धिजीवी वर्ग जानता था कि ये चैनल वामपंथी चैनल है, पर सामान्य जनता नहीं जानती थी, आज सामान्य जनता जान गयी है...
वो अगर सारे चैनलों की सूची बनायी है कि कौन चैनल किस पार्टी का भोंपू है,तो एनडीटीवी के लिए भी उसने सूची दर्ज कर ली कि ये विशुद्ध वामपंथी चैनल है...
इसका भी मकसद कश्मीर को पाकिस्तान के हाथों सौंप देना, अमरीका को साम्राज्यवादी बताना और चीन को अपना दोस्त बताना, हिन्दूओं को गाली देने का तो उसकी पुरानी आदत है, जरा देखिये एनडीटीवी के संपादक ने क्या शिगुफा छोड़ा है, जिस शिगुफे को आजकल वामपंथी नेता छाती से लगाकर फेसबुक पर शेयर किये जा रहे है...वो है...
एनडीटीवी इंडिया के संपादक ऑनिंद्यो चक्रवर्ती के मुताबिक यह जेएनयू बनाम जनेऊ की लड़ाई है...ये महापंडित ऑनिंद्यो चक्रवर्ती, तोगड़िया टाइप भाषण तो लिख दिया पर उसे पता हैं कि गांव में रहनेवाले उन लाखों गरीबों पर क्या गुजरेगी...जब उसके इस भाषण टाइप का इस्तेमाल करना वामपंथी गुंडे शुरु कर देंगे...
जैसा कि केरल के कन्नूर जिले में हुआ वामपंथी गुंडों ने सुजीत की हत्या उसके माता-पिता के सामने ही निर्ममता से कर दी...
ऐसे हम आपको बता दें कि एनडीटीवी के भी कई संवाददाता और कैमरामैन कोई दुध के धुले नहीं, बल्कि ये भी एक नंबर के बदमाश है...और इसकी जानकारी प्राप्त करनी हो तो हमसे संपर्क करें...हम आपको प्रमाण के साथ बतायेंगे...
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