किसी भी सरकार के पहले 100 दिन ये बताने के लिए
काफी हैं कि सरकार की नीयत और चरित्र क्या हैं ? वो प्रदेश को कहां ले जाना चाहता हैं, या ले जा
पाने में समर्थ हैं भी या नहीं ?
इसलिए 100 दिन रघुवर सरकार के हो चुके हैं, इसलिए
इसका आकलन करना अब जरुरी हो गया हैं................
जब से रघुवर दास मुख्यमंत्री बने हैं.....उनकी
आरती उतारने में राज्य की सभी मीडिया ने एक दूसरे को पछाड़ने में एड़ी चोटी एक कर
दी हैं.....अखबारों और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर नजर डाले, तो जैसे लगता हैं कि
राज्य में राम राज्य आ गया हैं.....बस श्रीरामचरितमानस की चौपाई ही सर्वत्र दीख
रही हैं वो चौपाई के बोल हैं.........
दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि
ब्यापा।।
सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत
श्रुति नीती।।
इसको आप ऐसे पढ़िये......
दैहिक दैविक भौतिक तापा। रघुवरराज नहिं काहुहि
ब्यापा।।
मंत्री-अधिकारी परस्पर प्रीती। चलहिं अधर्म निरत कुनीती।।
अर्थात् दिमाग पर थोड़ा जोर डालिये....नीचे वाले
स्वरचित चौपाई का अर्थ निकल जायेगा.............
ऐसा क्यों लिखना पड़ा.....इसे समझने की जरुरत
हैं.....सर्वप्रथम जनता ने रघुवर को बहुमत दिया....फिर भी इन्हें जनता के बहुमत पर
भरोसा नहीं था....इसलिए इन्होंने झाविमो के उन विधायकों को तोड़ने में सफलता पायी,
जो सत्ता की मलाई खाने के लिए लालायित थे....यानी झाविमो के लालची विधायकों को
अपने में मिला लिया और बता दिया कि रघुवर का चरित्र क्या हैं.........बेचारी
मुस्लिम जनता, जिन्होंने भाजपा को सांप्रदायिक मानकर वोट नहीं दिया और झाविमो को
गले लगाया, उन झाविमो विधायकों ने उन मुस्लिम मतदाताओं के जनभावनाओं को ठेंगा
दिखाया..... भाजपाईयों के गोद में जाकर बैठ गये, ये हैं चरित्र झाविमो विधायकों और
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का, जो कहते हैं कि वे झारखंड को उचाई पर ले
जायेंगे.................
दूसरी बात, कुछ दिन पहले ही पढ़ने को मिला कि
हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री रहने तक हेमंत के प्रेस सलाहकार रह चुके हिमांशु को
सुचना आयुक्त बनाया गया हैं....यानी झामुमो के नेताओं को, खासकर हेमंत को खुश करने
की कोशिश.... क्या फर्क पड़ता हैं, चाहे हेमंत रहे मुख्यमंत्री या रघुवर
रहे.....होगा वहीं जो सत्ता के दलाल चाहेंगे.....यानी चोर चोर मौसेरे भाई वाली
कहावत चरितार्थ....जनता के बीच जाकर एक दूसरे की पोल खोलेंगे....और सत्ता में रहते
एक दूसरे के लिए जान देंगे, वो सब करेंगे, जो करने की इजाजत ईमान और चरित्र नहीं
देता......क्या रघुवर बता सकते हैं कि उनकी सरकार ने हिमांशु में क्या देखा कि
सुचना आयुक्त बना दिया.....ये तो वहीं बात हुई जो मधु कोड़ा ने किया था.....मधु
कोड़ा के भी प्रेस एडवाइजर को भी पूर्व में सुचना आयुक्त बनाने की कोशिश हुई थी,
जिस पर प्रभात खबर के हरिवंश ने कड़ी प्रतिक्रिया अपने अखबार में छापी और सरकार को
पीछे हटना पड़ा....इस बार क्या होगा........हम बताते हैं, होगा कुछ नहीं.....चूंकि
सभी सत्ता के दलाल हैं.................
तीसरी बात सदन में मुख्यमंत्री रघुवर दास बयान
देते हैं कि रांची की लड़की जिसका यौन शोषण हुआ, उस आरोपी वी एस तोमर को गिरफ्तार
कर लाया जायेगा... और होता क्या हैं तोमर की गिरफ्तारी तो दूर, जिस पर आरोप लगा
हैं, वो आरोपी ही यौन शोषण का आरोप अपने विरोधियों पर लगा देता हैं और मुख्यमंत्री
की बात हवा हो जाती हैं.............
चौथी बात....गर मुख्यमंत्री की बयानों और सदन में
दिये गये आश्वासनों की बात करें तो पता लग जायेगा कि ये मुख्यमंत्री कितने काबिल
है....हरमू नदी के जीर्णोद्धार की बात करते हैं, शिलान्यास करवा देते हैं....रुपये
भी मुहैया कराने की बात होती हैं....और बाद में पता चलता हैं कि अभी सर्वे होगा तब
जाकर काम होगा....भाई जब सर्वे ही नहीं हुआ तो काम क्या होगा खाक.............
पांचवी बात....कुछ दिन पहले जमशेदपुर में
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बयान दिया कि वे हनुमान की तरह काम करने की इच्छा रखते
हैं.....अरे भाई कभी हनुमान चालीसा पढ़ा हैं...उसे पढ़ लीजिये...उसके बाद हनुमान
के चरित्र को अपने जेहन में उतारिये तब काम आप खुद ही करने लगेंगे....ये इच्छा
क्या होती हैं.....आज बोलने की नहीं करने की जरुरत हैं...जो दिखाई पड़ रहा
हैं....वो तो निहायत शर्मनाक हैं.............
छठी बात.....इनके इस 100 दिन में रांची के ही तीन
जगहों पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई, जिसे आम जनता के प्रयासों से
रोक लिया गया....इसमें न तो सरकार और न ही पुलिस की कोई भूमिका थी........
सातवीं बात.......इन 100 दिनों में ही ये सुनने
को मिला कि राज्य के कई विकास कार्य रुक गये, केन्द्र ने राशि में कटौती कर दी,
1540 करोड़ रुपये नहीं मिले, पीएमजीएसवाई के लिए मांगे गये 300 करोड़ रुपये नहीं
मिले........
आठवीं बात........जनता और जनसेवक जाये भाड़ में,
पर अपना वेतन बढ़ाने में भी सरकार ज्यादा दिलचस्पी दिखाई....तथाकथित वामपंथी
विधायक अरुप चटर्जी की अध्यक्षता में बनी समिति ने अनुंशसा
की....मुख्यमंत्री-स्पीकर का वेतन 1.33 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.20 लाख, नेता
प्रतिपक्ष-मंत्री का वेतन 1.17 लाख रुपये से 2.10 लाख, और विधायकों का वेतन 0.96
लाख से बढ़ाकर 1.75 लाख रुपये कर दिया जाय। ( हालांकि सरकार अभी अनुमोदन नहीं की
हैं पर संभावना हैं कि जल्द ही अनुमोदन हो जायेगा) ये हैं 100 दिनों की सरकार के
कामकाज का महत्वपूर्ण कारनामा..........
नौवीं बात...रघुवर के बयान पर गौर कीजिये, जो कब
पूरे होंगे, कैसे होंगे, इसका जवाब आज तक जनता को नहीं मिला..........
क. जमशेदपुर में दिया बयान –
4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरु होगा,
राज्य इलेक्ट्रिक हब बनेगा......
ख. दस हजार सिपाहियों की होगी नियुक्ति........
ग. चंडीगढ़ और रायपुर की तर्ज पर बनेगी नई राजधानी....
घ. मोनो रेल चलेगा.............
ङ.
धनबाद रिंग रोड
मामला, आदिवासियों का मुआवजा 11 करोड़ रुपये हड़पने का मामला, दोषियों पर होंगी
कार्रवाई...
च. 38 हजार शिक्षकों की होगी बहाली.............
छ. चालू सत्र के दौरान स्थानीय नीति को लेकर बुलाई जायेगी सर्वदलीय
बैठक......जो नहीं बुलाई गयी.......दो माह में स्थानीय नीति घोषित करेंगे.......
ज. गुड गवर्नेंस, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार का होगा ज्यादा
जोर..........
झ. भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे, भ्रष्टाचारियों की संपत्ति जब्त
होंगी........
ञ. राज्य में बनेंगी डिफेंस
यूनिवर्सिटी.........
ट.
राज्य में जल्द ही
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खुलेगी...........
ठ.
आदिवासी जमीन लूट की
जांच एसआईटी करेगी............
ड.
कोल इंडिया की
कंपनियां 17 हजार विस्थापितों को नौकरी देगी............
दसवी बात.....गर उपर्युक्त बयानों पर गौर करें तो
बयानवीर का खिताब के प्रबल दावेदार हैं.....रघुवर और उनका मंत्रिमंडल........ऐसे
भी रघुवर की सरकार हो या हेमंत की सरकार या मधु कोड़ा की सरकार.....सभी सरकारों पर
जो अब तक झारखंड बनने के बाद लगी हैं वो आरोप हैं – भ्रष्टाचार के....अभी तक इस
घिनौने आरोप से कोई सरकार नहीं बच पायी हैं और न बच पाने की कोशिश की........ऱघुवर
ने तो शुरुआत ही की, भ्रष्टाचार से बहुमत को सशक्त बनाने के चक्कर में झाविमो के
लालची विधायकों को अपने पक्ष में करके...........
और इन सब से उपर जो 100 दिनों में जो सुनने को
मिले, झारखंड में वो और घिनौना था..........जब US कांसुलेट जनरल हेलेन ने कहा की झारखंड में हर
साल 33 हजार बालिकाओं की तस्करी होती हैं.......उससे भी ज्यादा शर्मनाक सुनने को
मिला....कि कैदी को जेल में जाने के बजाय उसे रेल लाइट एरिया पहुंचाया
गया.........राज्य में खासकर बड़े पैमाने पर लड़कियों की भ्रूण हत्या हो रही
हैं....सर्वाधिक मामले रांची में दिखाई पड़े हैं....भ्रूण हत्या से संबंधित मामले
थाने में भी जा रहे हैं पर पुलिस इस पर एक्शन नहीं लेती...एक महिला पुलिस अधिकारी
को जब ये बात पहुंचायी जाती हैं तो वह इस मामले में प्रवचन देना ज्यादा पसंद करती
हैं.....इधर जिस पार्टी का प्रधानमंत्री कहता हैं कि उसे बेटी भीख में दे दीजिए,
उसकी सरकार का मुख्यमंत्री इन बातों पर ध्यान ही नहीं देता....... और हद हो गयी जब
सदन में सुनने को मिला की राज्य से 1281 बच्चे गायब हो गये....ये सुनने को मिला की
11 माह में 130 बच्चे गायब हैं और प्राथमिकी सिर्फ 74 दर्ज हुई......सरकार के तीन
महीने से ज्यादा हो गये...पर सरकार ने इनकी सुध नहीं ली.....जब सदन में ये मामला
गूंजा तब जाकर सरकार की नींद खुली हैं....देखते हैं क्या होता हैं.........हमें
क्या.....सत्ता किसी की आये या जाये.....मजा तो सत्ता में रहनेवाले, सत्ता के
दलालों, उनके चाहनेवालों को ही मिलनेवाला हैं....हम जैसों (जनता) के लिए तो
श्रीरामचरितमानस की वो चौपाई ही काफी हैं...............
कोउ नृप होउ हमहि का हानी। चेरि छाड़ि अब होब कि
रानी।।
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