रेलवे की अच्छे दिनों की बात करनेवालों महानुभावों, रेल मंत्रियों और रेलवे के वरीय अधिकारियों क्या इस देश में राजधानी, शताब्दी, दूरंतो और गरीब रथ के रेलयात्रियों को ही इस देश में रेल यात्रा करने का अधिकार हैं......आखिर हम गरीब रेल यात्रियों पर आपका ध्यान कब जायेगा, जो मेल एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों से यात्रा करते हैं। मुझे जब भी नई दिल्ली से रांची आने का मौका मिला तो पाया कि दिल्ली से आनेवाली झारखंड स्वर्ण जयंती सुपरफास्ट एक्सप्रेस कभी भी समय पर रांची नहीं पहुंची, जबकि दिल्ली से ही आनेवाली राजधानी व गरीब रथ हमेशा समय पर पहुंचती है.......आखिर क्या वजह है भाई ये तो रेलवे के अधिकारियों और रेलमंत्रियों को बताना ही चाहिए............
हमने तो सोचा कि यूपीए सरकार में भ्रष्टाचार था,
इसलिए ऐसा होता था पर एनडीए की सरकार ने कौन सा हमलोगों के लिए पहाड़ तोड़ दिया इन
एक साल में कि हम उनकी आरती उतारें.............
जरा आज देखिये 12874 अनन्तविहार-रांची एक्सप्रेस
की स्थिति। 3 जून को बताया गया कि ये गाड़ी अनन्तविहार से 11.30 बजे रात्रि में
खुलेगी, फिर हुआ कि ये गाड़ी 4 जून को 1.30 बजे सुबह खुलेगी, यानी जिस गाड़ी को 3
जून को 7.45 सायं में खुलना था, वो गाड़ी दूसरे दिन 1.30 बजे सुबह खुल रही हैं।
वाह रे रेलवे विभाग, हद तो तब हो गयी कि 4 जून की सुबह 6.15 बजे से लेकर अभी 9.15
तक ट्रेन का अपडेट ही रेलवे रनिंग स्टेटस में नहीं है। यानी गाड़ी कहां हैं, पता
ही नहीं चल रहा हैं, ट्रेन जमीन पर हैं कि हवा में हैं या आकाश में हैं, पता ही
नहीं लग रहा। इस गाड़ी से मैंने जब भी यात्रा की हैं, हमने पाया हैं कि ये गाड़ी
चाहे समय पर अन्नतविहार से खुले या 6 घंटे देरी से खुले यह गाड़ी इलाहाबाद
पहुंचते-पहुंचते 12 घंटे विलंब हो ही जाती हैं..........भाई इस ट्रेन को किस भूत
ने पकड़ लिया हैं, जो कानपुर –इलाहाबाद तक छोड़ता ही नहीं, जबकि ये भूत अन्य
गाड़ियों को नहीं पकड़ता। क्या देश में सामान्य नागरिक या गरीब होना अपराध हैं
क्या.......गर अपराध हैं तो सारे गरीबों को जेल में क्यों नहीं बंद करा
देते......ये कहकर कि तुमलोग राजधानी और शताब्दी में बैठने के लायक ही नहीं, इसलिए
तुम्हें जीने का अधिकार ही नहीं.....।
आज देखिये इस ट्रेन को 3 जून को खुलना था, और 4
जून को खुली हैं, 4 जून को रांची पहुंचना था और 5 जून को भी रांची पहुंचेगी या
नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता, सुना हैं कि इस ट्रेन को कानपुर के भूतों ने पकड़
लिया हैं क्या कोई ऐसा देश का नागरिक हैं जो कानपुर के भूतों से मुक्त कराकर,
इलाहाबाद के रास्ते, इस ट्रेन को रांची पहुंचा दें, क्योंकि इस ट्रेन में फिलहाल
यात्रा कर रहे लोग तो भूतों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे
हैं, भगवान सुरेश प्रभू को याद कर रहे हैं...............
शर्मनाक....शर्मनाक...शर्मनाक, अच्छे दिनों की
बात करनेवालों, तुम्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी, हमें क्या चाहिए तुमसे अरे कम से
कम ट्रेन तो समय पर चलवाओ, और कुछ नहीं करों तो कम से कम ये तो बता दो कि ये ट्रेन
कहां हैं....ट्रेन इन्कवायरी सिस्टम से, क्योंकि मैं तो पिछले तीन घंटों से यहीं
देख रहा हूं कि ये ट्रेन रुरा के पास रुकी हैं....बेशर्मी की भी हद हो गयी....आम जनता
तो लगता हैं कि इनके द्वारा शिलाखंडों से पीसने के लिए बनी हैं, पीसते चले जा रहे
हैं....कल यूपीए ने पीसा और आज एनडीए की बारी है....
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