Tuesday, March 29, 2016

प्रभात खबर में अनाप-शनाप तो छपता ही रहता है.........

रांची से प्रकाशित आज का प्रभात खबर, पृष्ठ संख्या – 16, लीड बॉटम पढ़िये...
विचार – लॉर्ड मेघनाद देसाई बोले, भारत हिंदू देश बने यह सवाल पैदा ही नहीं होता
भारत में चल रहा विचार युद्ध
देश में पंडित जवाहर लाल नेहरु जैसा सेक्यूलर नेता कोई नहीं हुआ। वे पीएम रहते कभी मंदिर नहीं गये। डा. राजेन्द्र प्रसाद पद पर रहते कभी मंदिर नहीं गये।
मेघनाद देसाई के इस आलेख से हमें मेघनाद की विद्वता का भी पता चल गया और उसे लॉर्ड की उपाधि देने वालों की विशाल बुद्धिमत्ता का भी पता चल गया साथ ही प्रभात खबर की मेघनाद भक्ति का भी पता चल गया...
अब मेघनाद और प्रभात खबर को मेरा जवाब...
1. जो नास्तिक होगा, वह मंदिर क्यों जायेगा – हम आपको बता दें कि पंडित जवाहर लाल नेहरु एक नंबर के नास्तिक थे। कहनेवाले तो ये भी कहते है कि जिसे एडविना से मोहब्बत हो, उसे भगवान से प्रेम कहां से होगा...
2. मेघनाद का ये कहना कि डा. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति पद पर रहते कभी मंदिर नहीं गये – ये बेतुका और बेहुदा बकवास है। सारी दुनिया जानती है कि नेहरु ने तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद से आग्रह किया था कि वे सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में न जाये, पर डा. राजेन्द्र प्रसाद ने नेहरु के आग्रह को यह कहकर ठुकरा दिया था कि हम धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के राष्ट्रपति है, न कि नास्तिक राष्ट्र के।
और हां, एक बात और मेघनाद और प्रभात खबर को यह मालूम होना चाहिए कि डा. राजेन्द्र प्रसाद ने ही सोमनाथ मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी...
एक बात और...
प्रभात खबर और मेघनाद को यह भी मालूम होना चाहिए कि जिस बोरी में चावल 90 प्रतिशत हो और कंकड़ की मात्रा 10 प्रतिशत हो, तो वह बोरी कंकड़ के रहने के बावजूद ही चावल की बोरी ही कहलायेगी...
दूसरी बात...
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है, पर सारा देश क्रिकेट के पीछे दिवाना है, यानी देश का राष्ट्रीय खेल, राष्ट्रीय सम्मान पाने के बावजूद हाशिये पर है, क्योंकि आम जनता उसे अब स्वीकार नहीं कर रही...
इसलिए आप के मानने या न मानने से क्या होता है...
देश आज भी हिंद के नाम से जाना जाता है, कुछ लोग हिंदुस्तान ही कहते है और ऐसे भी महामूर्खों हिंदू कोई धर्म नहीं, ये तो तुमलोगों ने बना दिया।
हमने चारों वेद और उपनिषद् पढ़े हैं, पर कहीं हिंदू शब्द तक का जिक्र नहीं और आप चल दिये, हिंदू और हिंदूत्व पर व्याख्यान देने...
अंत में...
कालांतराल में जिस प्रकार हिन्दूओं की आबादी देश में घट रही है, आनेवाले दिनों में यहीं देश दूसरे धर्मों के नाम से जाना जायेगा और तुम कुछ कर भी नहीं पाओगे...फिलहाल जो तुम अनाप-शनाप छाप रहे हो, तुम्हारा छपनई भी बंद हो जायेगा, पर ये देखने के लिए न तो तुम जिंदा रहोगे और न हम...

Monday, March 21, 2016

रांची के कुछ अखबारों के संपादकों को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए.................

रांची के कुछ अखबारों के संपादकों को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए...
BUT
थैंक यू “आजाद सिपाही”
जी हां, रांची के अखबारों के संपादकों को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए, ऐसा इसलिए कि इन अखबारों ने पाठकों तक सही समाचार नहीं पहुंचाने का संकल्प ले रखा हैं...। ये अखबार गुंडों और अपराधियों की मदद करते हैं। अखबार की आड़ में अपनी संतानों का भविष्य सुरक्षित करते हैं और नेताओं के चरणोदक पीकर, स्वयं को कृतार्थ करते हैं...
आखिर मैंने ऐसा क्यूं कहां...
आइये हम आपको विस्तार पूर्वक बताते हैं...
कल यानी 20 मार्च को चुटिया के महादेव मंडा के पास एक हृदय विदारक घटना घटी। कल बंद समर्थकों ने चंद्रशेखर ठाकुर नामक युवक को जिंदा जलाने का प्रयास किया, पर वह युवक दैव कृपा से बच गया और अपनी जान बचाते हुए, स्वयं चुटिया थाने के ठीक सामने आर पी फार्मा यानी विक्की सिंह के दुकान पर पहुंच गया। जहां विक्की सिंह और उनके भाई जो डाक्टर भी है, उक्त युवक की बिना किसी शुल्क लिये, अपनी सेवा दी और उसकी जान बचाई, पर रांची के किसी अखबार ने आजाद सिपाही को छोड़कर सही खबरे नहीं दी...
आश्चर्य इस बात की है कि आर पी फार्मा के ठीक सामने चुटिया थाना है, पर चुटिया थाने के किसी भी पुलिसकर्मी ने आर पी फार्मा आकर वस्तुस्थिति को जानने की कोशिश नहीं की...। जब इलेक्ट्रानिक मीडियाकर्मियों का दल वहां पहुंचा, तब भुक्तभोगी युवक आर पी फार्मा में इलाजरत था, पर चुटिया पुलिस कहां थी, किसी को पता नहीं था।
इधर, बंद समर्थकों द्वारा चंद्रशेखर ठाकुर को जिंदा जलाने का प्रयास हुआ, उसकी हत्या करने की कोशिश की गयी, पर जरा देखिये, रांची से प्रकाशित निर्लज्ज अखबारों को, क्या छाप रहे है...
सबसे पहले प्रभात खबर को देखिये...
इसने आज के अखबार में पृष्ठ संख्या 4 पर बंद से संबंधित खबरें छापी है...जिसमें लिखा है कि “कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं” जरा सोचिये, जहां एक युवक को जिंदा जलाने का प्रयास किया जाता हो, वहां यह अखबार लिख रहा है कि “कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं”...इससे बड़ी शर्मनाक बात और क्या हो सकती है...यहीं नहीं इसी पृष्ठ पर यह अखबार लिखता है कि “बंद समर्थकों से धक्का-मुक्की, आग पर गिरा युवक” साथ ही उक्त युवक का वह फोटो भी दे रहा है और गोल मटोल झूठी समाचार छाप कर, इस घटना का इतिश्री कर दिया।
और अब बात हिन्दुस्तान अखबार की...
इस अखबार ने तो झूठ का रिकार्ड ही तोड़ दिया...। पृष्ठ संख्या 5 पर “आगजनी की चपेट में आया युवक” नाम से छपे समाचार में इस अखबार ने सिर्फ झूठ ही लिखा है और झूठ के सिवा कुछ भी नहीं...जरा देखिये क्या लिखा है इसने – कुछ बंद समर्थकों ने ही चंद्रशेखर को बचाया, फिर उसे गुरुनानक अस्पताल भेजा, जबकि सच्चाई यह है कि हिन्दुस्तान अखबार जो खुद उस युवक का फोटो छापा है, वह फोटो विक्की सिंह के दुकान की है, जहां उक्त युवक की इलाज हुई...युवक को न तो बंद समर्थकों ने विक्की सिंह के दुकान पर लाया था और न ही युवक गुरु नानक अस्पताल गया...इस अखबार ने तो बंद समर्थकों को ऐसी आरती उतारी कि पूछिये मत...
अब देखिये दैनिक भास्कर ने क्या लिखा...
दैनिक भास्कर ने पृष्ठ संख्या 3 में इस प्रकार इस खबर को दिया, जैसे लगता है कि ये कोई मामूली घटना हो...। शीर्षक है – बंद समर्थकों ने युवक के साथ मारपीट की।
और दैनिक जागरण
इस अखबार ने पृष्ठ संख्या 2 पर इस खबर को इस प्रकार छापा, जैसे लगता है कि ये कोई घटना ही नहीं, पर इस अखबार को हम एक बात के लिए दाद देंगे कि इसने इस घटना की सच्चाई को कम से कम छूने की कोशिश की...
और आजाद सिपाही
आजाद सिपाही ने तो कमाल ही कर दिया...
पृष्ठ संख्या एक पर सही - सही छाप दिया कि चुटिया के महादेव मंडा में किस प्रकार एक युवक को जलाने की कोशिश की गयी, वह भी बंदी के नाम पर...
और अब बात हेमंत सोरेन की...
हेमंत जी आपको बधाई...आप तो बाहरियों के लिए तीर – धनुष उठाने और डंडा उठाने की बात कह रहे थे। यहां के आदिवासियों और मूलवासियों ने आपसे एक कदम और बढ़ने का संकल्प ले लिया। हाथ में पेट्रोल बम पकड़ लिया है। कल एक युवक को जिंदा जलाने की कोशिश हुई...पर वह संयोग से बच निकला। आनेवाले समय में हो सकता है कि ये घटना की पुनरावृत्ति हो, यह भी हो सकता है कि बार – बार की इस घटना में कोई युवक इस आगजनी का शिकार भी हो जाय...सचमुच आप महान है, क्योंकि आप जैसे नेता ही तो झारखण्ड की शान है...ऐसे ही बयान देते रहिये, ताकि झारखण्ड का नाम रौशन होता रहे...
और वाह रे रांची की पुलिस...
चुटिया थाना की पुलिस तो महान है...। चंद्रशेखर चुटिया थाना के सामने इलाज करा रहा था और चुटिया थाना पुलिस कहां सोई थी, पता ही नहीं चला, जबकि मिनटों में ही इलेक्ट्रानिक मीडिया के संवाददाता आर पी फार्मा, विक्की सिंह के दुकान पर पहुंच गये और अपने कार्य को गति दे दी...। हालांकि कई इलेक्ट्रानिक मीडिया ने अपने धर्म का निर्वहन नहीं किया।
बधाई राज्य सरकार को भी...
एक समय था, जब आदिवासी-मूलवासी डोमिसाइल के नाम बंद करते थे, तो एक प्रकार की दहशत हो जाया करती थी, पर अब वो दहशत का माहौल नहीं होता...। पर दहशत का माहौल करने की कोशिश की जा रही है...। हमारा राज्य सरकार से अनुरोध होगा कि वह पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करें, नहीं तो स्थिति भयावह करने की पुरजोर कोशिश विपक्षियों द्वारा की जा रही है...। हालांकि गलती करेंगे और करायेंगे विपक्षी, पर ठीकरा फोड़ेंगे सरकार पर...। ये रघुवर सरकार को भूलना नहीं चाहिए।

Saturday, March 12, 2016

वो तीर-धनुष उठायेंगे और हम घर छोड़कर भाग खड़े होंगे............

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के बड़बोले नेता हेमंत सोरेन पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के सुप्रीमो राज ठाकरे का गहरा प्रभाव है, जैसे राज ठाकरे समय – समय पर गैर मराठियों को उनकी औकात बताने के लिए नाना प्रकार के चिरकूटई टाइप के बयान देते रहते है, जिनके बयान आते ही, मनसे कार्यकर्ता गैर-मराठियों के खिलाफ मार-धाड़ करने के लिए निकल पड़ते है, ठीक उसी प्रकार हेमंत का बयान आज रांची से निकलनेवाले कमोवेश सभी अखबारों में पढ़ने को मिले। चूंकि हमारे देश के चिरकूट टाइप के बहुत सारे नेताओं को ये गलतफहमी हो गयी है, कि इस प्रकार के बयान देने से लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी हो जाती है, इसलिए वे इस प्रकार का बयान देते रहते है।
अपने डेढ़ साल के मुख्यमंत्रित्व काल में हेमंत सोरेन ने इस प्रकार का बयान देने से खुद को बचा रखा था, शायद इस दौरान उन्हें दिव्य ज्ञान हासिल हो गया था कि मुख्यमंत्री पद पर रहकर ऐसा बयान नहीं दिया जाता। पर आज क्या हो गया...। हम आपको बता दें कि हेमंत को दिमाग देनेवाले बहुत सारे ऐसे लोग है, जिन्हें राजनीति की एबीसीडी नहीं आती...पर वो कहते है न, कभी – कभी मूर्खों और गधों की बातें भी दैवकृपा से सिद्ध हो जाती है...जिस के प्रभाव में आकर नेताओं का एक वर्ग, उन गधों और मूर्खों को दिव्य पुरुष मानकर, उसकी हर बातें इस प्रकार स्वीकार करता है, जैसे लगता है कि भगवान के श्रीमुख से निकली वाणी हो...
हेमंत को मालूम होना चाहिए कि इस प्रकार का बयान उनके भविष्य की राजनीति पर सदा के लिए प्रश्न चिह्न लगा देगा...हेमंत को जो लोग ओवैसी या राज ठाकरे बनने की सलाह दे रहे है...उन्हें नहीं पता कि वे आग से खेल रहे हैं...क्योंकि ये घटियास्तर की सलाह और चिरकूटई टाइप का बयान झारखण्ड को कहीं का नहीं छोड़ेगा...
झारखण्ड के लिए खुशी की बात है, कि इन दिनों पूरे देश में झारखण्ड की एक बेहतर तस्वीर गयी है...और ये झामुमो या हेमंत के चलते नहीं गयी...ये गयी है दीपिका और धौनी जैसे खिलाड़ियों की वजह से...अंशुता और सुमराई जैसे खिलाड़ियों की वजह से...। इनकी पार्टी ने तो झारखण्ड की वो दुर्गति कराई है कि सारा देश जानता है...। शायद हेमंत को पता नहीं कि झारखण्ड की जनता अभी तक भूली नहीं है कि इनकी पार्टी के नेताओं ने किस प्रकार रिश्वत लेकर नरसिंहा राव की सरकार बचाई थी...। जनता ये भी नहीं भूली है कि किस – किस को उनके लोगों ने पैसे लेकर राज्यसभा में पहुंचाया और बाद में वहीं व्यक्ति इनकी पार्टी और झारखण्ड को ठेंगा दिखाया...यानी ये तो वहीं बात हुई जो झारखण्ड को लूटवाया वो खुद को झारखण्ड का हितैषी बता रहा है...ये व्यक्ति जब सरकार में था, सत्ता में था तो डोमिसाइल समस्या हल नहीं किया...डोमिसाइल की फाइल को हाथ तक नहीं लगाया और जैसे ही भाजपा की सत्ता आयी, इसे डोमिसाइल पर प्रवचन करने की बात याद आ गयी...पता नहीं कैसे – कैसे नेता झारखण्ड में आ गये है जो अपनी ही माटी के दुश्मन बन गये....इनकी हरकत देख कर कौए और गीध तक शरमा जाय...।

Tuesday, March 8, 2016

इन महिलाओं को नमन........

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है...
इस दिन पूरे देश में महिलाओं को केन्द्र में रखकर कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं...पर हमारे लिए प्रत्येक दिन महिलाओं का हैं, क्योंकि कौन ऐसा दिन है, जिस दिन महिलाओं ने अपने कर्म से देश और समाज को नई दिशा न दी हों...हम ऐसी महिलाओं के प्रति आभार प्रकट करते है और नमन करते हैं...
1. सुमन गुप्ता – महिला आईपीएस अधिकारी, किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं, झारखण्ड में इन्होंने महिलाओं के सम्मान को आगे बढ़ाया, यहीं नहीं भ्रष्ट राजनीतिज्ञों के आगे कभी झूकी नहीं, कोई समझौता नहीं किया और अपने कर्मक्षेत्र में आज भी अडिग है...
2. रत्ना पुरकायस्था – आकाशवाणी से अपनी अलग पहचान बनानेवाली और फिलहाल दूरदर्शन केन्द्र पटना से जुड़ी रत्ना पुरकायस्था किसी भी पहचान की मोहताज नहीं, “सबकी दीदी” से मशहूर रत्ना जी, अनेक संघर्षों का सामना की है। हाल ही में जदयू के एक मंत्री ने उनके साथ अशोभनीय व्यवहार किया, धमकी दी, पर वह डरी नहीं, उस आततायी मंत्री का मुकाबला किया और वह अपने कर्तव्य क्षेत्र में आज भी अडिग है...
3. सीता सिन्हा – अवकाश प्राप्त शिक्षिका, उनकी आंखों में हमेशा प्रेम ही छलका। बच्चों को देख, वह भाव विह्वल हो जाती। बच्चों को इस प्रकार पढ़ाती, जैसे लगता कि एक मां अपने बच्चों का पोषण करती हैं। आज भी वह उन पढ़ाये हुए बच्चों को मिलती हैं तो घर ले जाकर, उन्हें बिना खिलाए, जाने नहीं देती...यानी इस प्रकार का प्रेम जैसे लगता हो कि उनका स्वयं का बेटा हो...पता नहीं वो दुनिया में है भी या नहीं, पर मैं उन्हें नहीं भूल सकता...
4. प्रमिला देवी – पटना, सगुना दानापुर में रहती है। एक आदर्श महिला। उनको मैंने आज तक नहीं देखा यह सोचते हुए कि कौन अपना है या कौन पराया...। जो भी मिला, सबको आदर, सबको सम्मान और सबको अपना समझा। किसी का दर्द देख लिया, तो वह बर्दाश्त नहीं कर पायेंगी और उनके पास जो भी कुछ होगा...वह मदद करने के लिए आगे निकल पड़ेंगी...सबका दर्द बांटा...पर इनका दर्द आज तक किसी ने बांटने की कोशिश नहीं की...ईश्वर इनकी बराबर परीक्षा लेता है...और मैं जानता हूं कि ये सारी परीक्षा में उत्तीर्ण होती रहती है...
5. दयामणि बारला – एक आदिवासी महिला, क्रांतिकारी महिला, जिनका जीवन ही संघर्ष के लिए बना है...कोई समझौता नहीं...केवल एक ही लक्ष्य, कहीं भी गरीबों के उपर किसी का जुल्म बढ़ा...ये सदैव आगे रहती है...हालांकि कई लोगों ने इनकी भावनाओं का गलत दोहन किया...पर वह इस पर ध्यान नहीं देती...वो सिर्फ अपने काम पर ध्यान देती है...।
6. रसना मरांडी – धनबाद की आदिवासी छात्रा, एनसीसी कैडेट्स – जिसने भारतीय वायुसेना के एएन32 विमान से हजारों मील दूर आकाश से चार बार छलांग लगायी यानी झारखण्ड की पहली महिला कैडेट, जिसे राज्य सरकार ने आज तक सम्मान नहीं दिया...जब मैं ईटीवी में था, तो इस महान बालिका पर एक समाचार भी बनाया था...उस वक्त के एनसीसी आफिसर कर्नल दीक्षित ने कहा था – मिश्रा जी मिलिये...झारखण्ड की महान आदिवासी बालिका से जिसने भारतीय वायुसेना के एएन32 विमान से अभूतपूर्व कारनामा कर दिखाया...

 7. डा. शिवानी झा - कतरास धनबाद की चर्चित महिला डाक्टर, सेवा भाव इतना कि पूछिये मत...कई बार स्थानीय विधायक द्वारा उन्हें धमकी दी गयी, पर वो अपने सेवा भाव से तनिक भी विचलित नहीं हुई...आज भी इनके यहां वंचितों, उपेक्षितों व आर्थिक रुप से बहुत ही कमजोर गरीब मरीज आते है और ये उन पर समान रुप से प्रेम लुटाती है, सेवा करती है...
8. डा. लीना सिंह - धनबाद में रहती है...एक आदर्श महिला डाक्टर...जिन्हें अपने आदर्शवादिता और भारतीय संस्कृति पर नाज है...ये गर्व से कहती है कि हमें भारतीय होने पर और खासकर भारतीय मूल्यों के साथ जीने में बहुत ही आनन्द आता हैं...साथ ही ये अन्य लोगों से भी अपने भारतीय मूल्यों के साथ जीने का अनुरोध करती है...