रांची से प्रकाशित आज का प्रभात खबर, पृष्ठ संख्या – 16, लीड बॉटम पढ़िये...
विचार – लॉर्ड मेघनाद देसाई बोले, भारत हिंदू देश बने यह सवाल पैदा ही नहीं होता
भारत में चल रहा विचार युद्ध
देश में पंडित जवाहर लाल नेहरु जैसा सेक्यूलर नेता कोई नहीं हुआ। वे पीएम रहते कभी मंदिर नहीं गये। डा. राजेन्द्र प्रसाद पद पर रहते कभी मंदिर नहीं गये।
मेघनाद देसाई के इस आलेख से हमें मेघनाद की विद्वता का भी पता चल गया और उसे लॉर्ड की उपाधि देने वालों की विशाल बुद्धिमत्ता का भी पता चल गया साथ ही प्रभात खबर की मेघनाद भक्ति का भी पता चल गया...
अब मेघनाद और प्रभात खबर को मेरा जवाब...
1. जो नास्तिक होगा, वह मंदिर क्यों जायेगा – हम आपको बता दें कि पंडित जवाहर लाल नेहरु एक नंबर के नास्तिक थे। कहनेवाले तो ये भी कहते है कि जिसे एडविना से मोहब्बत हो, उसे भगवान से प्रेम कहां से होगा...
2. मेघनाद का ये कहना कि डा. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति पद पर रहते कभी मंदिर नहीं गये – ये बेतुका और बेहुदा बकवास है। सारी दुनिया जानती है कि नेहरु ने तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद से आग्रह किया था कि वे सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में न जाये, पर डा. राजेन्द्र प्रसाद ने नेहरु के आग्रह को यह कहकर ठुकरा दिया था कि हम धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के राष्ट्रपति है, न कि नास्तिक राष्ट्र के।
और हां, एक बात और मेघनाद और प्रभात खबर को यह मालूम होना चाहिए कि डा. राजेन्द्र प्रसाद ने ही सोमनाथ मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी...
एक बात और...
प्रभात खबर और मेघनाद को यह भी मालूम होना चाहिए कि जिस बोरी में चावल 90 प्रतिशत हो और कंकड़ की मात्रा 10 प्रतिशत हो, तो वह बोरी कंकड़ के रहने के बावजूद ही चावल की बोरी ही कहलायेगी...
दूसरी बात...
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है, पर सारा देश क्रिकेट के पीछे दिवाना है, यानी देश का राष्ट्रीय खेल, राष्ट्रीय सम्मान पाने के बावजूद हाशिये पर है, क्योंकि आम जनता उसे अब स्वीकार नहीं कर रही...
इसलिए आप के मानने या न मानने से क्या होता है...
देश आज भी हिंद के नाम से जाना जाता है, कुछ लोग हिंदुस्तान ही कहते है और ऐसे भी महामूर्खों हिंदू कोई धर्म नहीं, ये तो तुमलोगों ने बना दिया।
हमने चारों वेद और उपनिषद् पढ़े हैं, पर कहीं हिंदू शब्द तक का जिक्र नहीं और आप चल दिये, हिंदू और हिंदूत्व पर व्याख्यान देने...
अंत में...
कालांतराल में जिस प्रकार हिन्दूओं की आबादी देश में घट रही है, आनेवाले दिनों में यहीं देश दूसरे धर्मों के नाम से जाना जायेगा और तुम कुछ कर भी नहीं पाओगे...फिलहाल जो तुम अनाप-शनाप छाप रहे हो, तुम्हारा छपनई भी बंद हो जायेगा, पर ये देखने के लिए न तो तुम जिंदा रहोगे और न हम...
विचार – लॉर्ड मेघनाद देसाई बोले, भारत हिंदू देश बने यह सवाल पैदा ही नहीं होता
भारत में चल रहा विचार युद्ध
देश में पंडित जवाहर लाल नेहरु जैसा सेक्यूलर नेता कोई नहीं हुआ। वे पीएम रहते कभी मंदिर नहीं गये। डा. राजेन्द्र प्रसाद पद पर रहते कभी मंदिर नहीं गये।
मेघनाद देसाई के इस आलेख से हमें मेघनाद की विद्वता का भी पता चल गया और उसे लॉर्ड की उपाधि देने वालों की विशाल बुद्धिमत्ता का भी पता चल गया साथ ही प्रभात खबर की मेघनाद भक्ति का भी पता चल गया...
अब मेघनाद और प्रभात खबर को मेरा जवाब...
1. जो नास्तिक होगा, वह मंदिर क्यों जायेगा – हम आपको बता दें कि पंडित जवाहर लाल नेहरु एक नंबर के नास्तिक थे। कहनेवाले तो ये भी कहते है कि जिसे एडविना से मोहब्बत हो, उसे भगवान से प्रेम कहां से होगा...
2. मेघनाद का ये कहना कि डा. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति पद पर रहते कभी मंदिर नहीं गये – ये बेतुका और बेहुदा बकवास है। सारी दुनिया जानती है कि नेहरु ने तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद से आग्रह किया था कि वे सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में न जाये, पर डा. राजेन्द्र प्रसाद ने नेहरु के आग्रह को यह कहकर ठुकरा दिया था कि हम धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के राष्ट्रपति है, न कि नास्तिक राष्ट्र के।
और हां, एक बात और मेघनाद और प्रभात खबर को यह मालूम होना चाहिए कि डा. राजेन्द्र प्रसाद ने ही सोमनाथ मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी...
एक बात और...
प्रभात खबर और मेघनाद को यह भी मालूम होना चाहिए कि जिस बोरी में चावल 90 प्रतिशत हो और कंकड़ की मात्रा 10 प्रतिशत हो, तो वह बोरी कंकड़ के रहने के बावजूद ही चावल की बोरी ही कहलायेगी...
दूसरी बात...
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है, पर सारा देश क्रिकेट के पीछे दिवाना है, यानी देश का राष्ट्रीय खेल, राष्ट्रीय सम्मान पाने के बावजूद हाशिये पर है, क्योंकि आम जनता उसे अब स्वीकार नहीं कर रही...
इसलिए आप के मानने या न मानने से क्या होता है...
देश आज भी हिंद के नाम से जाना जाता है, कुछ लोग हिंदुस्तान ही कहते है और ऐसे भी महामूर्खों हिंदू कोई धर्म नहीं, ये तो तुमलोगों ने बना दिया।
हमने चारों वेद और उपनिषद् पढ़े हैं, पर कहीं हिंदू शब्द तक का जिक्र नहीं और आप चल दिये, हिंदू और हिंदूत्व पर व्याख्यान देने...
अंत में...
कालांतराल में जिस प्रकार हिन्दूओं की आबादी देश में घट रही है, आनेवाले दिनों में यहीं देश दूसरे धर्मों के नाम से जाना जायेगा और तुम कुछ कर भी नहीं पाओगे...फिलहाल जो तुम अनाप-शनाप छाप रहे हो, तुम्हारा छपनई भी बंद हो जायेगा, पर ये देखने के लिए न तो तुम जिंदा रहोगे और न हम...
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