Saturday, May 28, 2016

2 साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल के...

अगर एक शब्द में कोई पूछे इस सवाल के जवाब तो मैं यहीं कहूंगा – प्रशंसनीय।
याद करिये, जब नरेन्द्र मोदी ने शासन का बागडोर संभाला था तो देश की क्या स्थिति थी? सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार और पूरे विश्व में भारत की गिरती साख का था और इन दोनों मुद्दों पर नरेन्द्र मोदी ने शानदार तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहण किया। दो साल हो गये पर विपक्षी दल के किसी भी नेता में ये हिम्मत नहीं कि नरेन्द्र मोदी ही नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा दें, जब इन विपक्षियों को कुछ भी नहीं मिल रहा तो वे ऐसे-ऐसे आरोप लगा रहे है, जिसे देख और पढ़कर सामान्य जनता अपनी हंसी को नहीं रोक पा रही, उन्हीं आरोपों में से एक आरोप है केजरीवाल की पार्टी द्वारा लगाया गया प्रधानमंत्री पर डिग्री संबंधी आरोप है, जिसका कोई भ्रष्टाचार से लेना-देना नहीं, सिवाय रायता फैलाने के। भ्रष्टाचार पर विराम लगाकर और दूसरी ओर संपूर्ण विश्व में भारत की साख को स्थापित कर नरेन्द्र मोदी ने सिद्ध कर दिया कि भारत में फिलहाल उनका कोई विकल्प नहीं। अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात साथ ही पड़ोसी भूटान, नेपाल, चीन, पाकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका, बांगलादेश जैसे देशों के साथ मधुर संबंध स्थापित कर भारत की शान बढ़ा दी। भारत और बांगलादेश सीमा विवाद का 40 साल पुराना विवाद सदा के लिए समाप्त कराया। जब नेपाल में भूकम्प के रूप में त्रासदी आयी, सबसे पहले भारत नेपाल के साथ खड़ा हुआ, जिसका संपूर्ण विश्व ने तहेदिल से समर्थन और प्रशंसा किया, यहीं नहीं यमन में जब भारतीयों के उपर संकट गहराया, तब भारत का उस वक्त कौन ऐसा देश था, जिसने प्रशंसा नहीं किया, यहां पर तो भारत ने विदेशियों को भी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कल तक नरेन्द्र मोदी को वीसा नहीं देने की बात करनेवाला अमरीका आज उनके कशीदे पढ़ रहा है, आखिर क्या खास है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में...
नरेन्द्र मोदी की खासियत पर ध्यान दीजिये...
देश में तीन ही शानदार प्रधानमंत्री हुए, जिन पर किसी भी किस्म का दाग नहीं, जो अपनी काबिलियत के आधार पर प्रधानमंत्री बने, न कि किसी की कृपा या कहने पर...
वे पहले प्रधानमंत्री थे – लाल बहादुर शास्त्री, दूसरे अटल बिहारी वाजपेयी और तीसरे नरेन्द्र मोदी।
बाकी जितने लोग हुए, उन्होंने किसी न किसी की कृपा या जोड़-तोड़ का सहारा अवश्य लिया। आज नरेन्द्र मोदी को ही लीजिये, उन्होंने परिवारवाद पर चोट करते हुए, दिखाया कि उनके लिए देश ही सर्वोपरि है, जब से वे सत्ता में आये है, तब से लेकर आज तक उन्होंने कभी भी छुट्टी ही नहीं ली, बहुत ही कम खर्च में वे कई देशों की यात्रा की, साथ ही भारत के संदेश को वहां के जन-जन तक पहुंचाया, ये पहला मौका था कि जब भारत का प्रधानमंत्री, दूसरे देशों में बैठे अपने नागरिकों और वहां की जनता के साथ, उसी धरती पर इस प्रकार संवाद स्थापित कर रहा था, जैसे लगता हो कि वह कोई वहां चुनावी सभा को संबोधित कर रहा हो।
पहली बार भारत के किसी प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ को योग पर झकझोरा और पूरे विश्व ने भारत की देन योग को स्वीकारा, देखते ही देखते संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत के योग को स्वीकृत करते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की। यहीं नहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता को जनांदोलन बना दिया, आज पूरा देश स्वच्छता अभियान से जुड़ गया है, कई निजी स्वैच्छिक संस्थाएं और बड़े-बड़े नेता-अभिनेता इस अभियान से जुड़कर देश की दशा – दिशा बदलने के लिए निकल पड़े। देश की बेटियों को मान बढ़ाया, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान चलाया, सुकन्या समृद्धि योजना से बालिकाओं के बेहतर भविष्य के लिए कार्यक्रम चलाये। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना चलाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए विशेष योजना चलायी। जन-धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना चलाकर देश की गरीब जनता को एक नई आर्थिक ताकत दी, वहीं स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, डिजिटल इंडिया आदि चलाकर देश को हर स्तर पर संबल प्रदान करने की सफल कोशिश की। पहली बार बिना किसी भेदभाव के सबको एक साथ ले चलने की बात कही गयी, ये नहीं कि अल्पसंख्यक कहकर उन्हें बहुसंख्यक से अलग करने और दलित-पिछड़े कहकर उन्हें अन्य से भेदभाव करने का बीज रोपा गया। सबका साथ- सबका विकास के नारे के साथ सभी को बराबर का मौका देते हुए, सभी को देश बनाने के लिए उनके मनोबल को बढ़ाया गया, जिससे देश काफी आगे निकलने की कोशिश में है। जरा देखिये जहां पूरा विश्व आर्थिक मंदी का शिकार है, वहीं भारत की आर्थिक विकास दर आज भी 7.57 प्रतिशत है, जो पूरे विश्व को आश्चर्यचकित कर रहा है, ये सब नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता का कमाल है, ये कमाल है, उस व्यक्ति का जिसकी सोच पूर्णतः देश को समर्पित है, यहीं कारण है कि वर्तमान अमरीकन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इसी सोच पर टिप्पणी की थी कि यह व्यक्ति की पहली और अंतिम सोच भारत की प्रगति है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देना हो, लोगों की क्रय शक्ति बढ़ानी हो, देश की अर्थव्यवस्था को एक मुकाम देना हो, सब में प्रधानमंत्री का विजन क्लियर है। हाल ही में वे 24 अप्रैल को जमशेदपुर आये, मौका था राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन का, उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा था कि वे चाहते है कि गांधी के सपनों का भारत बनाएं, और ये तभी बनेगा जब गांव की पंचायत सशक्त होगी, जब गांव के पंचायत सही निर्णय लेने प्रारंभ करेंगे, वे एक साल में एक योजनाएं बनायेंगे और उसे मूर्तरूप देंगे, इसी से ग्रामोदय होगा और जब ग्रामोदय होगा तो भारत के उदय होने से कोई रोक नहीं सकता। आज का प्रधानमंत्री अपने बेटे या अपनी पत्नी को सुख प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नहीं बना है, उसकी विजन है, भारत निर्माण की, वह निकल पड़ा है, निर्माण के लिए, भारत बन रहा है, भारत बदल रहा है, आज का युवा भी अपने प्रधानमंत्री के साथ है, तभी तो बेंगलूरु के एक शिक्षण संस्थान में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने वहां उपस्थित युवाओं से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संबंधित कुछ सवाल पूछे तो उन्हें उनकी आशा के अनुरूप उत्तर नहीं मिले। ये घटना साफ बताती है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की युवाओं की सोच बदली है और जब युवा की सोच बदलेगी तो देश का तकदीर जरूर बदलेगा। मेरा भारत बदल रहा है, हमारा भारत बदल रहा है, इसमें कोई मत नहीं कि पहली बार हुआ है कि विश्व में कही भी भारतीय है, आज वह शान से बोल रहा है कि वह भारतीय है, वह जहां भी हैं, उसके दिल में भारत का दिल धड़क रहा है, और ये सब हुआ है मात्र दो वर्षों में, जरा सोचिये दो वर्षों में ये हाल है, तो पांच वर्षों में क्या होगा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी आप के इस बीते दो साल के लिए आपको दिल से बधाई।

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