भारतीय बेटी और बहन - दलबीर कौर ने आज मीडिया के समक्ष जो बाते कही, वो दिल को दहलानेवाला हैं। अपने भाई सरबजीत की पाकिस्तान में की गयी हत्या के बाद जो दलबीर ने कहा, वो प्रमुख वाक्यांश इस प्रकार हैं...................
पाक में चुनाव के चलते सरबजीत की हत्या।
भारतीय होने की वजह से सरबजीत का कत्ल।
लाहौर के जिन्ना अस्पताल की घटना - सरबजीत का हाल पूछने पर डाक्टर हंसते थे।
सरबजीत की बहन ने कहा - अंसार बर्नी, पाकिस्तान का बड़ा मानवाधिकार कार्यकर्ता, जिसने कहा 25 करोड़ दो, सरबजीत लो।
चुनाव के लिए जरदारी ने मरवाया।
पाक को पता था सरबजीत जिंदा नहीं हैं।
सरबजीत देश के लिए शहीद हुआ।
पाक मे हमारे साथ सही बर्ताव नहीं।
सही कोशिश होती तो सरबजीत जिंदा रहता।
पाक ने भारत की पीठ पर छुरा घोपा।
अब पाक को बर्दाश्त करने का वक्त नहीं।
बेईमान हैं पाक, कायर हैं पाक।
पाक को सारी दुनिया को जवाब देना होगा।
और अब दुनिया का सबसे घटिया मीडिया बीबीसी ने क्या लिखा, उसे भी जानिये - बीबीसी ने जो समाचार बनायी है। उसमें उसने सरबजीत को भारतीय जासूस बताया हैं। पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाकर बीबीसी ने बता दिया कि वो भी भारत और भारतीयों के प्रति क्या रुख रखता हैं, यानी उसने भी भारत के साथ पत्रकारिता के नाम पर गद्दारी की सारी सीमा रेखा लांघ दी। ऐसे भी बीबीसी कभी भी भारत और भारत के प्रति संवेदना नहीं दिखायी, इसलिए इस गद्दार बीबीसी से भारत प्रेम की संभावना तलाशना मूर्खता के सिवा कुछ भी नहीं। पता नहीं, कैसे भारतीयों का एक वर्ग - बीबीसी से प्रेम रखता हैं और उससे आजीविका चलाता हैं। मुझे तो बीबीसी न कल अच्छा लगता था और ऩ आज ही अच्छा लगा, क्योंकि इस बीबीसी ने भारत के प्रति आज भी आग उगल कर करोड़ों भारतीयों के छाती पर गहरे जख्म दिये हैं।
पाकिस्तान और चीन से भारतीयों के प्रति प्रेम की संभानाएं तलाशना भी कायरता हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( सोनिया गांधी के इशारे पर ठुमके लगानेवाले प्रधानमंत्री ), या अन्य मंत्रालय संभाल रहे मंत्रियों का समूह जो सोनिया के इशारे पर ठुमके लगाते हैं, उन्हें सरबजीत की हत्या से क्या लेना - देना, एक बार फिर घड़ियाली आंसू बहायेंगे। दलबीर को झूठे दिलासे दिलायेंगे और आगे बढ़ जायेंगे। सरबजीत की हत्या के बाद भी शायद भारतीयों के आंख खुले। क्योंकि मैं जानता हूं कि ये भारतीय कुछ दिनों तक पाकिस्तान को भला - बुरा कहेंगे और फिर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने, पाकिस्तान के साथ संगीत का कार्यक्रम शेयर करने और पाकिस्तानियों को भारत में बुलाकर उसका स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इसके बदले पाकिस्तान उसके बदले में हर जगह, हर मोर्चे पर हमें नीचा दिखायेगा, वो हमारे जवान का सरकलम करके, हमारी गैरत को ललकारेगा और हम अपनी सेनाओं को सरहद तक ले जाकर, फिर अपने अपने बैरकों में वापस ले आयेंगे।
हद तो तब हो गयी कि चीन हमारी सीमा में 20 किलोमीटर अंदर घूस आया हैं और हमारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( सोनिया गांधी के इशारे पर ठुमके लगानेवाला प्रधानमंत्री ) कहता हैं कि इस मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए। हां प्रधानमंत्री जी, जरुरत क्या हैं तूल देने का। आपका जमीन तो गया नहीं हैं, आप तो आराम से सोनिया के इशारे पर ठुमके लगाते हुए प्रधानमंत्री कहलायेंगे और फिर दूसरे देश जाकर आराम फरमायेंगे। आपको क्या पता कि देश की मिट्टी क्या होती हैं। देश के लिेए मरना क्या होता हैं। देश को अपना मानना क्या होता हैं। आप मस्ती मारिये, और भारत के सम्मान को चीन और पाकिस्तान के पैरों तले रौंदवाते जाइये। ऐसे भी भारत की जनता को क्या चाहिए, आप और आपकी पार्टी को अच्छी तरह से मालूम हैं। पर ये जान लीजिये कि जिस दिन भारत की जनता देशभक्ति के पागलपन से लवरेज हुई तो फिर आप लोग कहां होंगे, शायद आपको पता नहीं। फिलहाल सभी अपने - अपने में मस्त हैं। आप भी मस्त रहिए। इतनी गद्दारी के बावजूद, चीन द्वारा 20 किलोमीटर जमीन ताजा - ताजा हड़पने के बावजूद आपके लिए एक अच्छी खबर कि आप कर्नाटक में वापस आ रहे हैं, और ये सारी घटनाएं सिर्फ भारत में ही दीखती हैं, क्योंकि देश की जमीन गवां देने वाली सरकार की वापसी सिर्फ भारत में ही होती हैं, दूसरे देशों में नहीं...........।
Bilkul sach likha hai aap ne Krishna Bhai, ki desh mein Gaddaron ki ek fauz khadi ho gayi hai! Ab to kaun Deshbhakta hai, yah dhoondhna bahut hi kathin kaam hai!Sarabjit ki maut Bharat aur Indian govt ke liye sharm aur dhikkar ki baat hai!
ReplyDelete