Saturday, May 4, 2013

बेचारा बंसल मामा, रेलमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देगा......

रेलमत्री पवन कुमार बंसल इस्तीफा नहीं देंगे। कांग्रेस भी कह चुकी हैं कि पवन कुमार बंसल इस्तीफा नहीं देंगे। भला बंसल इस्तीफा क्यों दे, इस्तीफा तो वो देता हैं, जिसके पास जमीर होती हैं। अब कांग्रेसियों के पास जमीर तो हैं नहीं, तो भला रेलमंत्री अपने पद से इस्तीफा क्यों दे। इस्तीफा तो दिया था, हमारे लाल बहादुर शास्त्री ने, जब उनके कार्यकाल में एक रेल दुर्घटना हो गयी थी। हम आपको बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री इस घटना के लिए जिम्मेवार नहीं थे, फिर भी नैतिकता के आधार पर कि उनके कार्यकाल के दौरान इतनी बड़ी दुर्घटना हुई थी उन्होंने रेलमंत्रालय संभालने से ही इनकार कर दिया था।
आज पवन कुमार बंसल को देखिये। इसके भांजे विजय कुमार सिंगला को सीबीआई ने 90 लाख रुपये घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह रकम विजय को उन्हें बतौर रिश्वत दो दिन पहले ही रेलवे बोर्ड के सदस्य बनाये गये महेश कुमार ने भिजवाई थी। पूरी डील दो करोड़ की थी और फिर भी बेशर्मी से रेलमंत्री पवन कुमार बंसल कहता है कि वो इस्तीफा नहीं देगा। कांग्रेस भी पवन कुमार बंसल के बचाव में निर्लज्जता के साथ खड़ी हो गयी हैं, ऐसे भी निर्लज्ज को लज्जा कहा आती हैं। कांग्रेस अच्छी तरह भारतीय जनता की नब्ज टटोल चुकी हैं, वो जानती हैं कि इस देश में भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं बनता, इस देश में भारत की सीमा चीन छोटा क्यूं न कर दें, ये मुद्दा नहीं बनता। जो जितना बड़ा भ्रष्टाचारी, वो उतना बड़ा नेता, इसलिए भ्रष्टाचार में लिप्त रहो, चीन से अपने देश की सीमा छोटी कराते रहो और फिर निर्लज्जता के साथी तीसरे टर्म के लिेए वोट मांगने को तैयार रहो। 
जनता के पास विकल्प तो हैं ही नहीं, वो क्या करेगी, अंततः कांग्रेस के साथ ही खड़ी होगी। गर किसी कारण से बहुमत नहीं भी आया तो निर्लजज्ता की श्रेणी में खड़े होने के लिए लालायित नीतीश एक न एक दिन, उनके साथ खड़े हो ही जायेंगे। बिहार में लालू और रामविलास, यूपी में मुलायम और मायावती  तो पहले से ही सोनिया नाम केवलम् का मंत्र जाप कर रहे हैं, दक्षिण में करुणानिधि और बची खुची वामपंथी पार्टियां, ये क्या करेंगी, अतंतः उन्हीं के शरण में आयेगी। देश भाड़ में जाय, हमने थोड़ी ही ठीका ले रखा हैं, आराम से लूटेंगे, विदेश में पैसे रखेंगे और फिर पूरे परिवार के साथ विदेश में कहीं बस जायेंगे। ये देश कोई रहने का हैं। देश तो इटली हैं, जहां की सोनिया माता हैं, जिनकी कृपा से राहुल और प्रियंका जी हैं। देश तो अमरीका, इंगलैंड और स्विटजरलैंड हैं, उनकी सरकारों के जूतों पर अपना नाक रगड़कर, वहां का नागरिकता प्राप्त कर लेंगे, यानी जब तक जिंदा रहेंगे, मस्ती में रहकर, पूरा जीवन गुजार देंगे।
इसलिए पवन कुमार बंसल, उसी श्रेणी के नेता हैं। सर्वदा सोनिया-राहुल और प्रियंका में अपना सर्वस्व लूटाने, चाटुकारिता करने, चरणवंदना करने, गणेश परिक्रमा करने में बड़ी ही श्रद्धा दिखाते हैं। जिसके एवज में वरदान स्वरुप रेल मंत्रालय उन्हें संभालने को मिला। आपको याद होगा, जब वे पहली बार रेलमंत्री बने थे, तो अपने भाषण में सोनिया जी की बड़ी ही श्रद्धा से नाम लिया था, राजीव गांधी का बड़ा ही नाम लिया था। उन्हें दुसरा कोई नाम याद ही नहीं था, क्योंकि जब सोनिया और राहुल जैसे भगवन् की उनके उपर कृपा हैं, तो जरुरत क्या हैं, अन्य का नाम लेने की। धन्य हैं, आज के नेता, आज के रेलमंत्री पवन कुमार बंसल जो रेल मंत्री के पद पर रहते हुए, अपने भांजे से सुंदर - सुंदर कार्य कराते हुए, भ्रष्टाचार का नया रिकार्ड बनाते हैं, ऐसे ही नेताओं से तो भारत की सुंदर तस्वीर बनती हैं। हम चाहेंगे कि देश में एक निर्लज्जता का भी एवार्ड देने की परंपरा की शुरुआत हो, ताकि ऐसे निर्लज्जों को पुरस्कृत किया जा सके, क्योंकि इन्होंने निर्लज्जता का रिकार्ड बना रखा हैं।

1 comment:

  1. Congress has got the Rail Ministry after a long time and they could not eat up enough of this ministry for long. So looking at the 2014 Lok Sabha elections Congress is in hurry to eat up its share in the Rail Ministry..! There is no fault of Bansal in the case! Its all the matter of chance that his Bhanja has been caught by CBI....in a few days he will be given clean chit...Jab Saiyaan Bhaye Kotwal to ab dar kahen ka....?

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