आज अखबारों में पढ़ा। बोकरादी
बाबू यानी शत्रुघ्न सिन्हा अपनी पत्नी पूनम सिन्हा को जदयू का टिकट दिलाने
के लिए बेचैन है। ऐसे भी उनके प्रिय कुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार, जब
बोकरादी बाबू के लिए कुछ भी करने को तैयार हो... तो ऐसे में पूनम सिन्हा को
जदयू की टिकट मिलने में दिक्कत नहीं होगी...यानी कल तक लोकनायक जयप्रकाश
को अपना जगतगुरु शंकराचार्य बतानेवाले, संपूर्ण क्रांति में अपना सिद्धांत
ढूंढनेवाले, इंदिरा गांधी को परिवारवाद के नाम पर कोसनेवाले, जंगलराज
के अधिष्ठापक लालू यादव के पदचिह्नों पर चल दिये हैं, जैसे लालू ने अपनी
पत्नी को सीएम बनाया। बोकरादी बाबू को सीएम बनाने की औकात नहीं, तो कम से
कम अपनी पत्नी को विधायक ही बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं तो क्या गलत
हैं। बिहार पुराण में तो लिखा ही हैं - सर्वे गुणाः भार्ययामाश्रयन्ति
अर्थात् सारे गुण पत्नी का आश्रय लेते हैं, इसलिए जो व्यक्ति पत्नी के
चरणचिह्नों पर बलिहारी होते हुए पत्नी के लिए ही जीता और पत्नी के लिए ही
मर जाता हैं, वहीं व्यक्ति असली में नेता, असली में अभिनेता और असली में
महान नागरिक हैं....भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल,
अशफाकउल्लाखां -ये सारे के सारे महान देशभक्त..निरामूर्ख थे, असली देशभक्त
तो अपने बोकरादी बाबू है...इसलिए बिहार के सारे युवाओँ को बोकरादी बाबू से
प्रेरणा लेते हुए, देश के लिए जीना छोड़कर, सिर्फ और सिर्फ अपनी पत्नी के
लिए जीने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि पत्नी हैं तो जीवन हैं, पत्नी हैं
तो आनन्द हैं और पत्नी हैं तो सारे तीर्थ है.........
ऐसे भी बोकरादी बाबू के कभी दोस्त रहे, सुपरस्टार दिवंगत अभिनेता राजेश खन्ना ने फिल्म "सौतन" में अपनी पत्नी को मनाने के लिए एक गाना गाया था, उसके बोल थे.....
सासु तीरथ, ससुरा तीरथ, तीरथ साला-साली है
अरे दुनिया के सब तीरथ झूठे चारो धाम घरवाली है......
जब चारो धाम घरवाली ही हैं तो फिर बोकरादी बाबू, अपनी पत्नी के लिए इतना कर रहे हैं तो गलत क्या हैं। अब जहां से बोकरादी बाबू की पत्नी लडे़गी, वहां की जनता क्या निर्णय लेती हैं, मेरा ध्यान उसी ओर होगा...चलिए बिहार में पत्नी युग की शुरुआत करने के लिए महान नेता लालू और बोकरादी बाबू दोनों को मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएँ....साथ ही कुशासन बाबू को भी मेरी ओर से बधाई, क्योेंकि लालू के बाद पत्नी युग को बढ़ावा देने के लिए इन्होंने भी तो कमर कस ली....
ऐसे भी बोकरादी बाबू के कभी दोस्त रहे, सुपरस्टार दिवंगत अभिनेता राजेश खन्ना ने फिल्म "सौतन" में अपनी पत्नी को मनाने के लिए एक गाना गाया था, उसके बोल थे.....
सासु तीरथ, ससुरा तीरथ, तीरथ साला-साली है
अरे दुनिया के सब तीरथ झूठे चारो धाम घरवाली है......
जब चारो धाम घरवाली ही हैं तो फिर बोकरादी बाबू, अपनी पत्नी के लिए इतना कर रहे हैं तो गलत क्या हैं। अब जहां से बोकरादी बाबू की पत्नी लडे़गी, वहां की जनता क्या निर्णय लेती हैं, मेरा ध्यान उसी ओर होगा...चलिए बिहार में पत्नी युग की शुरुआत करने के लिए महान नेता लालू और बोकरादी बाबू दोनों को मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएँ....साथ ही कुशासन बाबू को भी मेरी ओर से बधाई, क्योेंकि लालू के बाद पत्नी युग को बढ़ावा देने के लिए इन्होंने भी तो कमर कस ली....
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