Tuesday, December 29, 2015

यहां तो हर जगह विभीषण ही दिखता है भाई...

जब से रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री क्या बने ? भाजपा के वरिष्ठ नेता, स्वयं को भाजपा के थिंक टैंक कहनेवाले, नीतीश भक्त सरयू राय की नींद ही गायब है। कोई ऐसा समय ये नहीं चूकते, जिसमें वे रघुवर सरकार को कटघरे में न रखते हो। अब लीजिये कल की ही बात है। मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने आवास में अपना वार्षिक प्रगति रिपोर्ट पेश कर रहे थे और राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय जमशेदपुर में सिसक रहे थे, वे बता रहे थे कि राज्य में अभी तक कुछ नहीं हुआ, ये इस प्रकार बोल रहे थे, जैसे लगता हो कि अगर ये मुख्यमंत्री होते तो राज्य में निश्चय ही राम राज्य आ चुका होता...
भाई मुख्यमंत्री बनने का सपना देखना, कोई गलत बात नहीं, देखना चाहिए...। पर इससे भी अच्छा रहता कि जो आपको काम मिला, उसमें आप कार्य कर सिद्ध करते कि आप सबसे बीस हैं, उन्नीस नहीं। यहां तो काम न धाम और चले बाबाधाम वाली कहावत सिद्ध हो रही है। सरयू राय दिन प्रतिदिन इस बात को लेकर घूलते जा रहे है कि भाई छतीसगढ़ का आदमी झारखंड का मुख्यमंत्री और बिहार से आनेवाले तीव्रबुद्धि का आदमी, क्षत्रियकुलभूषण खाद्य आपूर्ति मंत्री, ये तो बड़े ही शर्म की बात है...
सच पूछिये तो कोई भी व्यक्ति तभी बड़ा बनता है, जब उसे कोई जिम्मेवारी दी जाती है और वो जिम्मेवारी को ईमानदारी पूर्वक निर्वहण करता है, यहां तो जिम्मेवारी का निर्वहण तो दूर, बस एक ही काम करना है, सरकार में रहकर सरकार को ही खोदते रहना है...कि ये नहीं किया, वो नहीं किया...और खुद कुछ नहीं करना है...
सच्चाई यह है कि राज्य में एक समय था कि श्रम मंत्री को कोई जानता नहीं था और न ही इस विभाग में दिलचस्पी लेता था, पर आज देखिये झारखंड का श्रम मंत्रालय का तू-ती बोल रहा है। विश्व बैंक ने संपूर्ण भारत में झारखंड के इस श्रम विभाग को पहले स्थान पर रखा है...बधाई दीजिये श्रम मंत्रालय संभाल रहे नवोदित युवा मंत्री राज पालिवार को जिसने वो कर दिखाया, जो कूबत किसी में नहीं थी...पर जरा सरयू राय के विभाग का हाल देखिये...100 प्रतिशत फिसड्डी। गर आज का प्रमुख अखबार पढ़िये तो पता लग जायेगा कि सरयू राय ने जो विभाग संभाला है, उसकी सही स्थिति क्या है?
मेरा मानना है कि आखिर जो गलत कार्य आप कर रहे हैं, जिसके कारण राज्य सरकार की छवि खराब हो रही है, उसकी जिम्मेवारी मुख्यमंत्री या सरकार पर न देकर खुद इसे स्वीकार करते हुए, सरयू राय को मंत्रिमंडल से अलग हो जाना चाहिए और नीतीश की पार्टी में शामिल होते हुए, जदयू को मजबूत करना चाहिए...क्योंकि ऐसे भी जदयू में बहुत सारे पद झारखंड के लिए खाली है। नीतीश ऐसे भी सरयू राय को बहुत मानते है, प्यार करते है, जरुर ही कृपा लूटायेंगे, ठीक उसी प्रकार जैसे क्षत्रियकुलभूषण, प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश पर लूटाया...तो सरयू देर क्यों कर रहे है... हमें समझ में नहीं आ रहा...यही मौका है मुख्यमंत्री बनने के लिए सही निर्णय लेने का।

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