नया वर्ष अब आयेगा
मुर्गा खूब कटायेगा...
बकरा पर बन आयेगा
न्यू इयर डे कहलायेगा...
मुर्गा खूब कटायेगा...
बकरा पर बन आयेगा
न्यू इयर डे कहलायेगा...
एक दिन के लिए ही सही
सभी मस्त हो जायेगा...
कोई गरीब न रहेगा दुनिया में
सब टन टन हो जायेगा...
कंबल लेनेवाला और
कंबल देनेवाला...
एक ही होटल में बैठकर
साथ ही पैग बनायेगा...
ऐसा दिन देख के लोगों
जी मेरा भर जायेगा...
छोटे – छोटे कपड़ों में
डांस बार सज जायेगा...
एक ही नशा
नये साल का
ऐसा सब पर छा जायेगा...
एक ही रायफल से चलेगी गोली
धायं धायं हो जायेगा...
बुढ़ा-बुढ़िया जो ठंड कांप रहे
उसकी मस्ती चढ़ जायेगी...
होली आने में दो – तीन महीने
आज ही होली हो जायेगी...
कोई न होगा
छोटा बड़ा
सभी होंगे समान...
एक बोतल से दारु गटगट
सुबह होगी या शाम...
ऐसा ही भारत में
नया साल मनता है...
कौन कहता है
भूखा भारत
सभी झूठ कहता है...
अरे देखना है भारत की अमीरी
एक जनवरी को देखो...
सड़क पर ही नंगे हो गये
औरत-मर्द तुम देखो...
सभी मस्त हो जायेगा...
कोई गरीब न रहेगा दुनिया में
सब टन टन हो जायेगा...
कंबल लेनेवाला और
कंबल देनेवाला...
एक ही होटल में बैठकर
साथ ही पैग बनायेगा...
ऐसा दिन देख के लोगों
जी मेरा भर जायेगा...
छोटे – छोटे कपड़ों में
डांस बार सज जायेगा...
एक ही नशा
नये साल का
ऐसा सब पर छा जायेगा...
एक ही रायफल से चलेगी गोली
धायं धायं हो जायेगा...
बुढ़ा-बुढ़िया जो ठंड कांप रहे
उसकी मस्ती चढ़ जायेगी...
होली आने में दो – तीन महीने
आज ही होली हो जायेगी...
कोई न होगा
छोटा बड़ा
सभी होंगे समान...
एक बोतल से दारु गटगट
सुबह होगी या शाम...
ऐसा ही भारत में
नया साल मनता है...
कौन कहता है
भूखा भारत
सभी झूठ कहता है...
अरे देखना है भारत की अमीरी
एक जनवरी को देखो...
सड़क पर ही नंगे हो गये
औरत-मर्द तुम देखो...
एक दिन का अरमान
ReplyDeleteएक दिन सब समान
फिर अपने-अपने हाल में
उसी पुरानी खाल में ..
बहुत सटीक रचना ..
नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित ..