झारखंड के राज्यपाल डा. सैय्यद अहमद ने राज्य की महिलाओं से अपील की हैं कि वो इंदिरा गांधी, लक्ष्मीबाई या सोनिया गांधी जैसी बनकर देश का विकास करें। इंदिरा गांधी बनना, लक्ष्मीबाई बनना तो हमें समझ में आता हैं, पर सोनिया बनना और उसका विकास से जुड़ जाना हमें समझ में नहीं आया। खासकर तब, जब इस महिला ने भारत के प्रधानमंत्री को नाइटवाच मैन बना दिया हो, जो प्रधानमंत्री अपने ढंग से सोच नहीं सकता और न ही कोई फैसला ले सकता हो, जिस महिला ने रेलमंत्री पवन कुमार बंसल को जी हूजुरी करना सिखाया हो। मैं उस पवन कुमार बंसल की बात कर रहा हूं, जिसने इस बार रेलवे बजट के दौरान राजीव गांधी को इसलिए याद किया, कि उन्होंने बंसल को राजनीति के क्षेत्र में कहां से कहां पहुंचा दिया, जिसने सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र से उपर जाने की कोशिश तक नहीं की हो, उस सोनिया को इंदिरा और लक्ष्मीबाई की श्रेणी में ला खड़ा करना - बुद्धिमानी हैं या चाटुकारिता। हमें लगता हैं कि ये बताने या समझाने की जरुरत नहीं। ऐसे भी सामान्य व्यक्ति, जिसकी कोई औकात नहीं हो, और उसे किसी की कृपा से, कोई बड़ी जगह मिल जाती हैं तो उसे उस व्यक्ति को याद करना मजबूरी होती हैं, जब तक वह जिंदा रहता हैं, अथवा जिसकी कृपा से वह बार -बार उपकृत होता रहता हैं। सोनिया ने देश को कहां पहुंचा दिया वो तो इस साल का प्रस्तुत बजट ही साफ - साफ बता देता हैं।
इधर झारखंड के राज्यपाल द्वारा विभिन्न चैनलों को दिये गये विज्ञापन भी बहुत कुछ कह देते हैं कि यहां किसका शासन हैं। आप इस विज्ञापन को साफ - साफ देखे, जिसमें एक उद्घाटन के दौरान राज्यपाल सैय्यद अहमद, पूर्व केन्द्रीय मंत्री व रांची के सांसद सुबोधकांत सहाय के साथ दीख रहे हैं। ये तस्वीर ही साफ साफ बयां करती हैं कि यहां राष्ट्रपति शासन कम और कांग्रेस का शासन ज्यादा हैं। जो अभी कुछ महीनों तक चलेगा और फिर इसी आधार पर विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए वोट भी मांगे जायेंगे। ये कहकर कि देखिये हमने राष्ट्रपति शासन के दौरान - कैसे झारखंड की कायाकल्प कर दी। हालांकि कायाकल्प हुआ या झारखंड और नीचे चला गया, इसका आकलन करना अभी ठीक नहीं हैं। अभी तो एक महीने ही हुए हैं और इस एक महीने के दौरान, ट्रेन का हाईजेक होना, चतरा में सांप्रदायिक दंगा का होना और रांची में एक व्यापारी का अपहरण कर हत्या कर देने की घटना बहुत कुछ बता देती हैं कि राज्य में किस प्रकार से शासन चल रहा हैं।
देश का दुर्भाग्य हैं कि इधर जितने भी राज्यपाल हो रहे हैं, चाहे वे किसी भी प्रदेश के क्यूं न हो। वे संवैधानिक कम, पर किसी पार्टी के प्रति और उससे भी बढ़कर उसके सुप्रीमो के प्रति ज्यादा वफादार होने का सबूत देने के लिए मौके तलाशते रहते हैं, हो सकता हैं कि कुछ लोग, एक अखबार में छपे, राज्यपाल के इस बयान को बतौर सोनिया तक भी अब तक भेज दिये हो, कि मैडम देखिये - झारखंड के महामहिम, आपको कितना सम्मान देते हैं, आप तो लक्ष्मीबाई और इंदिराजी की श्रेणी में आ गयी। मैंडम आप धन्य हैं और धन्य हैं झारखंड के राज्यपाल, जिनकी इतनी सुंदर सोच हैं। ऐसे ही कांग्रेसियों से देश व राज्य का भला होगा, दूसरे से नहीं।
Bilkul Sahi hai Krishna Bhai! Yah to Rajyapal hain ki Congress ke karyakarta...!
ReplyDeleteEk Rajyapal Congress ke karyakarta ho sakte hain lekin iska yah kathamapi arth nahin hai ki wah Congress ka sadasyata abhiyan Raj Bhavan se chalaye...
It is really very shameful that a governor once says that the upcoming world is that of Rahul Gandhi and now the same gov says that Sonia Gandhi is great and the Indian women must be like her...
Its shame on indian democracy...
Samvaidhanik padon ki Congress ne maryada hi khatma kar di hai...