आज का अखबार मेरे सामने
है। अखबार पढ़ने से पता चल रहा है कि दुमका के एसपी कॉलेज के हॉस्टल में
छापेमारी के दौरान तलवार, रॉड, बोतलें, सीडी व अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद
हुए है। छह आधुनिक ब्रांड ( आधुनिक ब्रांड शब्द का इस्तेमाल इसलिये कर रहा
हूं कि पहले छात्र समाज व देशहित में कार्य करते थे पर आज स्वहित में अपने
जेबखर्च और अश्लील साहित्यों को पढ़ने के उददेश्य से सारी हरकतों को अंजाम
देते है। ) के छात्र हिरासत में लिये गये है। यहीं नहीं, करीब
छह घंटे तक चली कार्रवाई में हॉस्टल के आसपास की झाड़ियों से भारी मात्रा
में परंपरागत हथियार व आपत्तिजनक सामान जब्त किये गये। जो सामान बरामद हुए
है, वे है – 20 से 25 हजार तीर, धनुष सहित तलवार, लोहे के रड, लाठी-डंडे,
शराब की बोतलें, अश्लील सीडी और अन्य आपत्तिजनक सामान। इन सामानों की
बरामदगी के बाद हॉस्टल को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश दे दिया गया
है। हम आपको बता दें कि ये छापामारी भी नहीं होती, अगर 25 नवम्बर को
सीएनटी-एसपीटी के सरलीकरण के खिलाफ झारखण्ड बंद का आयोजन नहीं होता। दरअसल
हुआ ये कि 25 नवम्बर को झारखण्ड बंद के दौरान दुमका में संताल परगना कॉलेज
के सामने हुई आगजनी की घटना के बाद प्रशासन ने कल सोमवार को हॉस्टलों में
छापे मारे, क्योंकि 25 नवम्बर को झारखण्ड बंद के दौरान दुमका के एसपी कॉलेज
के पास भीड़ हिंसक हो गयी थी। उस दिन आठ गाड़ियों को फूंक डाला गया था, 50
से अधिक वाहनों में तोड़-फोड़ की गयी थी। इस मामले में तीन प्राथमिकियां
दर्ज की गयी है, जबकि 1200 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
हमारा कॉलेज प्रशासन से कुछ सवाल...
क. क्या कॉलेज प्रबंधन द्वारा, अपने हॉस्टल में रह रहे छात्रों को तीर-तलवार चलाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है? अगर नहीं तो फिर इतनी बड़ी संख्या में तीर-धनुष, तलवार, लोहे के रड कहां से आ गये?
ख. छापेमारी के दौरान अश्लील साहित्य व सीडी भी बरामद हुए, क्या कॉलेज प्रशासन बता सकता है कि अश्लील साहित्यों की खेप हॉस्टलों में कैसे आ गयी?
ग. कॉलेज हॉस्टलों में रह रहे छात्र क्या कर रहे है?, उनकी गतिविधियां असामाजिक है अथवा नहीं? इसकी जिम्मेवारी कॉलेज हॉस्टल प्रबंधन की नहीं होती क्या?
जब कॉलेज हॉस्टलों में ऐसी नारकीय स्थिति है, तो फिर ऐसे कॉलेज रहे या नहीं रहे, क्या फर्क पड़ता है?
दुमका प्रशासन ने एसपी कॉलेज के हॉस्टलों में छापेमारी कर, जो चीजें बरामद की, और जो छात्रों की हरकतें सामने आयी है, वह देश और समाज दोनों के लिए खतरा है? इस कॉलेज हॉस्टल में रह रहे छात्रों के अभिभावक भी ध्यान दें, देखे कि उनके बच्चे यहां हॉस्टल में रहकर क्या कर रहे है?, अगर अभी नहीं चेते तो उनके बच्चे हाथ से निकल जायेंगे और फिर जो उनके सपने है, वे तो अंधकारमय हो ही रहे है, इस राज्य और देश को भी उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अभी समय है, चेत जाये तो अच्छा।
हम राज्य सरकार से भी अनुरोध करेंगे, कि ऐसे जितने भी कॉलेज है और जहां हॉस्टल संचालित है, वहां समय – समय पर इस प्रकार की जांच/छापेमारी अवश्य कराएं ताकि बच्चों में भय रहे कि उनके उपर सरकार और विभागीय अधिकारी है, जो कभी भी जांच कर सकतें है और जांच क्रम में पता चले कि ये असामाजिक कृत्यों में लिप्त है, तो उन पर कठोर कार्रवाई भी करें, ताकि देश और समाज को आसन्न संकटों से बचाया जा सकें...
हमारा कॉलेज प्रशासन से कुछ सवाल...
क. क्या कॉलेज प्रबंधन द्वारा, अपने हॉस्टल में रह रहे छात्रों को तीर-तलवार चलाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है? अगर नहीं तो फिर इतनी बड़ी संख्या में तीर-धनुष, तलवार, लोहे के रड कहां से आ गये?
ख. छापेमारी के दौरान अश्लील साहित्य व सीडी भी बरामद हुए, क्या कॉलेज प्रशासन बता सकता है कि अश्लील साहित्यों की खेप हॉस्टलों में कैसे आ गयी?
ग. कॉलेज हॉस्टलों में रह रहे छात्र क्या कर रहे है?, उनकी गतिविधियां असामाजिक है अथवा नहीं? इसकी जिम्मेवारी कॉलेज हॉस्टल प्रबंधन की नहीं होती क्या?
जब कॉलेज हॉस्टलों में ऐसी नारकीय स्थिति है, तो फिर ऐसे कॉलेज रहे या नहीं रहे, क्या फर्क पड़ता है?
दुमका प्रशासन ने एसपी कॉलेज के हॉस्टलों में छापेमारी कर, जो चीजें बरामद की, और जो छात्रों की हरकतें सामने आयी है, वह देश और समाज दोनों के लिए खतरा है? इस कॉलेज हॉस्टल में रह रहे छात्रों के अभिभावक भी ध्यान दें, देखे कि उनके बच्चे यहां हॉस्टल में रहकर क्या कर रहे है?, अगर अभी नहीं चेते तो उनके बच्चे हाथ से निकल जायेंगे और फिर जो उनके सपने है, वे तो अंधकारमय हो ही रहे है, इस राज्य और देश को भी उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अभी समय है, चेत जाये तो अच्छा।
हम राज्य सरकार से भी अनुरोध करेंगे, कि ऐसे जितने भी कॉलेज है और जहां हॉस्टल संचालित है, वहां समय – समय पर इस प्रकार की जांच/छापेमारी अवश्य कराएं ताकि बच्चों में भय रहे कि उनके उपर सरकार और विभागीय अधिकारी है, जो कभी भी जांच कर सकतें है और जांच क्रम में पता चले कि ये असामाजिक कृत्यों में लिप्त है, तो उन पर कठोर कार्रवाई भी करें, ताकि देश और समाज को आसन्न संकटों से बचाया जा सकें...