और एक-एक कर सभी नंगे हो गये...
ये हैं रांची के पत्रकार,
देखिये क्या कर रहे है?
ये एक निकृष्ट बैग के लिए हाय तौबा मचा रहे हैं...
मामूली बैग, जिसकी बाजार में कीमत सौ-दो सौ से ज्यादा कुछ भी नहीं...
फिर भी मुफ्त के बैग में आनन्द की प्राप्ति होती है, इसलिए वे एक मामूली बैग को लेने के लिए लूच्चे व भिखारी की तरह हरकते कर रहे हैं...
जिन्हें बैग इन पत्रकारों को देना है, वे आराम से दूर से यह दृश्य देखकर, मुस्कुरा रहे है...
शायद वे इसलिए मुस्कुरा रहे है, कि जो काम कोई नहीं कर सका, इन्होंने कर दिया...
यानी उधर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 23 जनवरी को विधानसभा में झारखण्ड का बजट पेश किया और इधर आइपीआरडी ने पूरे विधानसभा में रांची के सभी बड़े प्रतिष्ठानों के अखबारों और चैनलों के पत्रकारों को लूच्चा व भिखारी करार दिया...
ये किसने किया, हम आपको बताते है, ये सारा श्रेय जाता है, आइपीआरडी के निदेशक राजीव लोचन बख्शी को, जिसकी खुराफाती दिमाग ने ये सारा कार्य कर दिया...
मैं पूछता हूं कि जब दीवाली में सारे पत्रकारों को मिठाई का डिब्बा, ये आइपीआरडी आराम से उनके घर तक पहुंचाता है, तो क्या यह एक मामूली बैग, जिसके लिए विधानसभा में पत्रकार भिखारियो की तरह हरकतें कर रहे हैं, उनके घर तक नहीं पहुंचा सकता था...
मेरा उत्तर है, पहुंचा सकता था, पर इसने ऐसा नहीं किया,
क्योंकि आइपीआरडी के निदेशक राजीव लोचन बख्शी को, तो विधानसभा में पत्रकारों को नंगा करना था, उसने कर दिया और पत्रकार नंगे हो गये, जरा देखिये नीचे में एक फोटो, जिसमें आइपीआरडी का निदेशक राजीव लोचन बख्शी, कैसे पत्रकारों के इस बेशर्मी वाली हरकतों को देखकर मुस्कुरा रहा है...
कमाल है, सब की इज्जत की मिट्टी पलीद करनेवाले ये अखबार और चैनलवाले अपनी इस गंदी हरकतों को न तो छापे और न ही दिखाया, शायद उन्हें लगा कि छापेंगे और दिखायेंगे तो उनकी इज्जत चली जायेगी, अरे तुम्हारी इज्जत है कहां कि जायेगी, जनता तो तुम्हें खूब अच्छी तरह जानती है कि तुम क्या हो?
ये हैं रांची के पत्रकार,
देखिये क्या कर रहे है?
ये एक निकृष्ट बैग के लिए हाय तौबा मचा रहे हैं...
मामूली बैग, जिसकी बाजार में कीमत सौ-दो सौ से ज्यादा कुछ भी नहीं...
फिर भी मुफ्त के बैग में आनन्द की प्राप्ति होती है, इसलिए वे एक मामूली बैग को लेने के लिए लूच्चे व भिखारी की तरह हरकते कर रहे हैं...
जिन्हें बैग इन पत्रकारों को देना है, वे आराम से दूर से यह दृश्य देखकर, मुस्कुरा रहे है...
शायद वे इसलिए मुस्कुरा रहे है, कि जो काम कोई नहीं कर सका, इन्होंने कर दिया...
यानी उधर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 23 जनवरी को विधानसभा में झारखण्ड का बजट पेश किया और इधर आइपीआरडी ने पूरे विधानसभा में रांची के सभी बड़े प्रतिष्ठानों के अखबारों और चैनलों के पत्रकारों को लूच्चा व भिखारी करार दिया...
ये किसने किया, हम आपको बताते है, ये सारा श्रेय जाता है, आइपीआरडी के निदेशक राजीव लोचन बख्शी को, जिसकी खुराफाती दिमाग ने ये सारा कार्य कर दिया...
मैं पूछता हूं कि जब दीवाली में सारे पत्रकारों को मिठाई का डिब्बा, ये आइपीआरडी आराम से उनके घर तक पहुंचाता है, तो क्या यह एक मामूली बैग, जिसके लिए विधानसभा में पत्रकार भिखारियो की तरह हरकतें कर रहे हैं, उनके घर तक नहीं पहुंचा सकता था...
मेरा उत्तर है, पहुंचा सकता था, पर इसने ऐसा नहीं किया,
क्योंकि आइपीआरडी के निदेशक राजीव लोचन बख्शी को, तो विधानसभा में पत्रकारों को नंगा करना था, उसने कर दिया और पत्रकार नंगे हो गये, जरा देखिये नीचे में एक फोटो, जिसमें आइपीआरडी का निदेशक राजीव लोचन बख्शी, कैसे पत्रकारों के इस बेशर्मी वाली हरकतों को देखकर मुस्कुरा रहा है...
कमाल है, सब की इज्जत की मिट्टी पलीद करनेवाले ये अखबार और चैनलवाले अपनी इस गंदी हरकतों को न तो छापे और न ही दिखाया, शायद उन्हें लगा कि छापेंगे और दिखायेंगे तो उनकी इज्जत चली जायेगी, अरे तुम्हारी इज्जत है कहां कि जायेगी, जनता तो तुम्हें खूब अच्छी तरह जानती है कि तुम क्या हो?