राज्य के सुखी संपन्न आईएएस-आईपीएस, ठेकेदारों, अभियंताओं, दलालों, कनफूंकवों एवं चाटुकारिता करनेवाले लोगों की कथित गरीबी दूर करने के लिए राज्य में अनेक योजनाएं लागू...
बदलता झारखण्ड, विकास की ओर उन्मुख झारखण्ड का नया अध्याय...
कई योजनाओं की शुरूआत...
1. कारपोरेट समृद्धि योजना – इसमें सरकार कारपोरेट जगत को उपर उठाने के लिए जमकर उन्हें लूटने का लाइसेंस देती है, जैसे हाल ही में एक पूर्व में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को राज्य सरकार ने अपने ब्रांडिग के लिए बुलाया और उसे मुंहमांगी रकम देकर, झारखण्ड को बर्बाद और कारपोरेट जगत को मालामाल कर रही है, जिससे कारपोरेट जगत राज्य के सीएम की ब्रांडिग की चक्कर में झारखण्ड की असली तस्वीर ही दूसरों के समक्ष गायब कर दे रहा है। स्थिति ऐसी है कि झारखण्ड का मानचित्र बंगाल की खाड़ी में तैरता नजर आता है...
2. मारवाड़ी – पंजाबी संपन्न योजना – इसमें मारवाड़ियों और पंजाबियों को कहा जाता है कि वे झारखण्ड की ऐसी-तैसी कर दें। इन लोगों को कहा जाता है कि वे सड़ी गाड़ियों के सहारे पूरे राज्य में एलइडी चलाएं, वो एलइडी चले या न चले, पर वे समय – समय पर करोड़ों रुपये सरकार से अवश्य लें, इससे पंजाबियों की गरीबी दूर हो रही है। दूसरी ओर जनसंवाद जैसे कार्यक्रम के माध्यम से पूरे राज्य को उल्लू बनाते हुए मारवाड़ियों को संपन्न किया जा रहा है।
3. वैश्य समृद्धि योजना – अगर आप तेली या वैश्य जाति से है, तो राज्य सरकार आपको इसका लाभ देगी।
4. निवेशक बुलाओ, झारखण्ड लूटवाओ योजना – इसमें सरकार देश के अन्य उद्योगपतियों को या विदेशियों को बुलवाकर उनकी आरती उतारती है तथा यहां के नागरिकों की जमीन लूटवाती है तथा यहां के उद्योगपतियों को भीख मांगने पर मजबूर कराती है।
5. आईएएस संपन्न योजना – इस योजना के द्वारा यहां के आइएएस को खुली छुट देती है कि वे अपने बुद्धिहीन होने का विशेष परिचय देते हुए, पूरे अर्थतंत्र को पंगु बना दें ताकि ये राज्य कभी ठीक से खड़ा ही न हो सकें।
6. योजना लूटवाओं योजना – इसमें राज्य सरकार का मुखिया गांव – गांव जाकर, वहां के लोगों के बदहाली को देख, उनके नाम पर विभिन्न योजना बनाकर आईएएस और उनके परिवारों और एनजीओ संस्थाओं के साथ मिलकर योजना की राशि की बजट विधानसभा से पास करवाकर लूटवा देता है और उसमें ये सभी लोग बम बम हो जाते है और राज्य की जनता सदा के लिए भीख मांगने पर मजबूर रहती है।
7. गरीबी बढ़ाओ योजना – इस योजना में राज्य के गरीबों की गरीबी और बढ़ाने पर विशेष ध्यान रखा जाता है, क्योंकि अगर गरीबी खत्म हो गयी तो फिर योजनाओं की बाढ़ कैसे आयेगी? इसका ख्याल रखा जाता है।
8. मूरख बनाओ योजना – इस योजना में वैसे प्रोफेसरों – लेक्चररों और बुद्धिजीवियों को रखा जाता है, जो गाहे बगाहे टीवी, रेडियो अथवा अखबारों में बेवजह के प्रवचन दे जाते है, और राज्य सरकार को कटघरे में रख देते है, इससे राज्य बहुत तेजी से बढ़ता है और मूरख और मूरख बनाने की कला में पारंगत हो जाते है।
9. मेयर समृद्धि योजना – इस योजना में पार्टी से जूड़े मेयरों की आर्थिक शक्ति और उनकी गुंडागर्दी को और समृद्ध किया जाता है। जैसे हाल ही में धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल का पक्ष लेते हुए, एक ईमानदार आइएएस घोलप को धनबाद से ही आउट करा दिया गया।
10. ले और दे योजना – इसमें राज्य सरकार या उसके मातहत काम करनेवाले विभाग विभिन्न अखबारों और चैनलों, साथ ही विभिन्न संस्थाओं को मुंहमांगी रकम उपलब्ध कराती है, जिसके एवज में ये सारे लोग मुख्यमंत्री या उनके विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे वरीय अधिकारियों को पीतल का सामान और सफेद कागज के टूकड़े पर कुछ-कुछ लिखकर दे देते है, जिन्हें सम्मान कहा जाता है।
गुंडागर्दी बढ़े, झारखण्ड लूटे
सत्तारुढ़ दल के नेता, बम बम रहे
आइये मिलकर लूटे, मिलकर अपनी शक्ति का इजहार करे
जब हम हैं, आपके साथ
तो डर किस बात का...
सबका साथ, सिर्फ उनका और उनके लोगों का विकास...
बदलता झारखण्ड, विकास की ओर उन्मुख झारखण्ड का नया अध्याय...
कई योजनाओं की शुरूआत...
1. कारपोरेट समृद्धि योजना – इसमें सरकार कारपोरेट जगत को उपर उठाने के लिए जमकर उन्हें लूटने का लाइसेंस देती है, जैसे हाल ही में एक पूर्व में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को राज्य सरकार ने अपने ब्रांडिग के लिए बुलाया और उसे मुंहमांगी रकम देकर, झारखण्ड को बर्बाद और कारपोरेट जगत को मालामाल कर रही है, जिससे कारपोरेट जगत राज्य के सीएम की ब्रांडिग की चक्कर में झारखण्ड की असली तस्वीर ही दूसरों के समक्ष गायब कर दे रहा है। स्थिति ऐसी है कि झारखण्ड का मानचित्र बंगाल की खाड़ी में तैरता नजर आता है...
2. मारवाड़ी – पंजाबी संपन्न योजना – इसमें मारवाड़ियों और पंजाबियों को कहा जाता है कि वे झारखण्ड की ऐसी-तैसी कर दें। इन लोगों को कहा जाता है कि वे सड़ी गाड़ियों के सहारे पूरे राज्य में एलइडी चलाएं, वो एलइडी चले या न चले, पर वे समय – समय पर करोड़ों रुपये सरकार से अवश्य लें, इससे पंजाबियों की गरीबी दूर हो रही है। दूसरी ओर जनसंवाद जैसे कार्यक्रम के माध्यम से पूरे राज्य को उल्लू बनाते हुए मारवाड़ियों को संपन्न किया जा रहा है।
3. वैश्य समृद्धि योजना – अगर आप तेली या वैश्य जाति से है, तो राज्य सरकार आपको इसका लाभ देगी।
4. निवेशक बुलाओ, झारखण्ड लूटवाओ योजना – इसमें सरकार देश के अन्य उद्योगपतियों को या विदेशियों को बुलवाकर उनकी आरती उतारती है तथा यहां के नागरिकों की जमीन लूटवाती है तथा यहां के उद्योगपतियों को भीख मांगने पर मजबूर कराती है।
5. आईएएस संपन्न योजना – इस योजना के द्वारा यहां के आइएएस को खुली छुट देती है कि वे अपने बुद्धिहीन होने का विशेष परिचय देते हुए, पूरे अर्थतंत्र को पंगु बना दें ताकि ये राज्य कभी ठीक से खड़ा ही न हो सकें।
6. योजना लूटवाओं योजना – इसमें राज्य सरकार का मुखिया गांव – गांव जाकर, वहां के लोगों के बदहाली को देख, उनके नाम पर विभिन्न योजना बनाकर आईएएस और उनके परिवारों और एनजीओ संस्थाओं के साथ मिलकर योजना की राशि की बजट विधानसभा से पास करवाकर लूटवा देता है और उसमें ये सभी लोग बम बम हो जाते है और राज्य की जनता सदा के लिए भीख मांगने पर मजबूर रहती है।
7. गरीबी बढ़ाओ योजना – इस योजना में राज्य के गरीबों की गरीबी और बढ़ाने पर विशेष ध्यान रखा जाता है, क्योंकि अगर गरीबी खत्म हो गयी तो फिर योजनाओं की बाढ़ कैसे आयेगी? इसका ख्याल रखा जाता है।
8. मूरख बनाओ योजना – इस योजना में वैसे प्रोफेसरों – लेक्चररों और बुद्धिजीवियों को रखा जाता है, जो गाहे बगाहे टीवी, रेडियो अथवा अखबारों में बेवजह के प्रवचन दे जाते है, और राज्य सरकार को कटघरे में रख देते है, इससे राज्य बहुत तेजी से बढ़ता है और मूरख और मूरख बनाने की कला में पारंगत हो जाते है।
9. मेयर समृद्धि योजना – इस योजना में पार्टी से जूड़े मेयरों की आर्थिक शक्ति और उनकी गुंडागर्दी को और समृद्ध किया जाता है। जैसे हाल ही में धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल का पक्ष लेते हुए, एक ईमानदार आइएएस घोलप को धनबाद से ही आउट करा दिया गया।
10. ले और दे योजना – इसमें राज्य सरकार या उसके मातहत काम करनेवाले विभाग विभिन्न अखबारों और चैनलों, साथ ही विभिन्न संस्थाओं को मुंहमांगी रकम उपलब्ध कराती है, जिसके एवज में ये सारे लोग मुख्यमंत्री या उनके विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे वरीय अधिकारियों को पीतल का सामान और सफेद कागज के टूकड़े पर कुछ-कुछ लिखकर दे देते है, जिन्हें सम्मान कहा जाता है।
गुंडागर्दी बढ़े, झारखण्ड लूटे
सत्तारुढ़ दल के नेता, बम बम रहे
आइये मिलकर लूटे, मिलकर अपनी शक्ति का इजहार करे
जब हम हैं, आपके साथ
तो डर किस बात का...
सबका साथ, सिर्फ उनका और उनके लोगों का विकास...
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