(व्यंग्य)
धर्मप्रेमी सज्जनों,
आज बड़ा ही शुभ दिन है................ कि श्रीश्री मूर्खापीठाधीश्वर 420 जी महाराज स्वामी झोलझाल जी, हमारे बीच में हैं.........................। ऐसे तो झोलझाल जी महराज की कृपा हम सब पर सदा बनी रहती हैं, पर इधर कुछ दिनों से महराज जी रांची आकर, कुछ पल हमलोगों के बीच व्यतीत करना चाहते थे। इसलिए स्वामी झोलझाल जी सत्संग समिति ने निर्णय लिया, कि महराज जी को यहां बुलाकर, इस रांची नगरी को धन्य धन्य कर दिया जाय। चूंकि अब हम सभी पर झोलझाल जी महराज की कृपा बरस रही हैं। अब हम, झोलझाल जी की कृपापात्र शिष्या खटेश्वरी जी से निवेदन करेंगे कि अपना खटेश्वरी राग सुनायें और हम सब को अपने राग से अभिभूत करें.................. बोलिये खटेश्वरी माता की जय............
जय जय जय झोलझाल बाबा की, जय जय जय
जय जय जय झोलझाल बाबा की, जय जय जय
एक हाथ में कलम विराजे,
दूजे हाथ कैमरा साजे
सब के नाम डूबावे ये नटखट री. जय जय जय..................
सारे नेता गिरगिट जैसा नाचे
उद्योगपति छिपकली जैसा लागे
पत्रकार की शामत री, जय जय जय...................
घोटाला करत, भ्रष्ट सम लागत
चोर चुहार के भैया लागत
एक नंबर के दुष्टन जी, जय जय जय............
नेह लगाकर जो कोई बोले
झोलझाल जी के भजन जो गावै
उनकर जन्म सफल होरी, जय जय जय..........
देश विदेश में अरबों नर नारी
भ्रष्ट समाज के हैं रखवारी
स्विस बैंक के उपकारी, जय जय जय..............
प्रातः सायं जो नाम हैं लीन्हा
करोंड़ों अरबों रुपये पहुचीन्हा
डॉलर में वो खेलिन्हा, जय जय जय.............................
बोलिये प्रेम से मूर्खपीठाधीश्वर, झोलझाल महराज की जय
प्यारे धर्मप्रेमी सज्जनों, आपने बड़े ही प्रेम और शांतिपूर्वक से माता खटेश्वरी जी के मुखारविंद से ललित ललाम, श्री झोलझाल जी महराज के भजन सुनें, अब आप सभी से अनुरोध हैं कि स्वामी झोलझाल जी महराज के मुखारविन्द से प्रवचन सुने.................
सभी बोले....................
मूर्खों की जय जय, सदा रहे
मूर्खों की......................
अज्ञानी सदा अरे फले फूले
अज्ञानी......................
जो जो घोटाला करत रहेंगे
देश में उनकी जय जय करेंगे
करेंगे, उनका अभिषेक हम दिल से
मूर्खों की जय जय, सदा रहे
हे धर्मप्रेमी सज्जनों,
जरा आप सोंचों क्या आप सौ साल पहले थे, उत्तर होगा – नहीं
क्या सौ साल बाद जिंदा रहोगे, उत्तर होगा – नहीं
तो फिर देश की चिंता करने के लिए तुम ही बने हो, अरे मूर्खों, तुम अपना जीवन हमें यानी झोल झाल को समर्पित कर दों, सब ठीक हो जायेगा.................
और एक बार फिर बोलो
मूर्खों की जय जय सदा रहे
मूर्खों की.......................
अरे बंधुओं, सुनने में आया हैं कि दिल्ली में धमाल हो रहा हैं, कुछ लोग भ्रष्टों के खिलाफ, आमरण अनशन पर तुले है, ये तो मूर्ख और भ्रष्ट समाज पर हमला हैं। क्यां हमनें कभी किसी विद्वत और संभ्रांत, देशभक्त ईमानदार पर हमला किया, जो हम पर हो रहा हैं, कभी हमनें विद्वत और संभ्रात व्यक्तियों के खिलाफ आमरण अनशन किया। उत्तर होगा – नहीं तो फिर ये लोग हम मूर्खों और भ्रष्टों के खिलाफ क्यों आमरण अनशन कर, हमें धमकी देते रहते है। ये सरासर गलत हैं। अब हमनें सोचा हैं कि इनके खिलाफ हमलोग – मिलकर संसद में सदबुद्धिविनाशक यज्ञ करेंगे। हमें आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास हैं कि इस यज्ञ से देश की सारी जनता की सदबुद्धि नष्ट हो जायेगी और हमारे देश में एक सुंदर माहौल बनेगा, सभी घोटालायुक्त भारत बनाकर, देश का कल्याण करेंगे।
बोलिये झोलझाल महराज की जय
देखिये कितना सुंदर प्रवचन, हमारे स्वामी झोलझाल जी महराज ने दे दिया हैं, आशा ही नहीं, बल्कि आप सभी मिलकर स्वामी झोल झाल जी महराज के सपनों का भारत बनायेंगे। जिन्हें सदबुद्धिविनाशक यज्ञ में दिल खोलकर दान देना हैं वो कृपया बाबा झोलझाल के स्विस बैंक में खुले हुए खाते में अपनी राशि जमा करा दें ताकि बाबा और हम सब का सपना पूरा हो जाय। जो लोग सदबुद्धिविनाशक यज्ञ में शामिल होना चाहते है, वे अपना रजिस्ट्रेशन आज ही करा लें।
और अब सभी हृदय से बोले
स्वामी झोलझाल जी महराज की जय
फिलहाल बाबा झोलझाल जी, रांची प्रवास पर है, इसके बाद इनका भ्रमण सभी प्रदेशों में होगा। स्वामी झोलझाल जी सत्संग समिति के सदस्यों से विनम्र निवेदन हैं कि बाबा के कार्यक्रमों को अपने अपने प्रदेशों में सफल बनाने के लिए तन मन धन से जूट जाये, क्योंकि---
आज बड़ा ही शुभ दिन है................ कि श्रीश्री मूर्खापीठाधीश्वर 420 जी महाराज स्वामी झोलझाल जी, हमारे बीच में हैं.........................। ऐसे तो झोलझाल जी महराज की कृपा हम सब पर सदा बनी रहती हैं, पर इधर कुछ दिनों से महराज जी रांची आकर, कुछ पल हमलोगों के बीच व्यतीत करना चाहते थे। इसलिए स्वामी झोलझाल जी सत्संग समिति ने निर्णय लिया, कि महराज जी को यहां बुलाकर, इस रांची नगरी को धन्य धन्य कर दिया जाय। चूंकि अब हम सभी पर झोलझाल जी महराज की कृपा बरस रही हैं। अब हम, झोलझाल जी की कृपापात्र शिष्या खटेश्वरी जी से निवेदन करेंगे कि अपना खटेश्वरी राग सुनायें और हम सब को अपने राग से अभिभूत करें.................. बोलिये खटेश्वरी माता की जय............
जय जय जय झोलझाल बाबा की, जय जय जय
जय जय जय झोलझाल बाबा की, जय जय जय
एक हाथ में कलम विराजे,
दूजे हाथ कैमरा साजे
सब के नाम डूबावे ये नटखट री. जय जय जय..................
सारे नेता गिरगिट जैसा नाचे
उद्योगपति छिपकली जैसा लागे
पत्रकार की शामत री, जय जय जय...................
घोटाला करत, भ्रष्ट सम लागत
चोर चुहार के भैया लागत
एक नंबर के दुष्टन जी, जय जय जय............
नेह लगाकर जो कोई बोले
झोलझाल जी के भजन जो गावै
उनकर जन्म सफल होरी, जय जय जय..........
देश विदेश में अरबों नर नारी
भ्रष्ट समाज के हैं रखवारी
स्विस बैंक के उपकारी, जय जय जय..............
प्रातः सायं जो नाम हैं लीन्हा
करोंड़ों अरबों रुपये पहुचीन्हा
डॉलर में वो खेलिन्हा, जय जय जय.............................
बोलिये प्रेम से मूर्खपीठाधीश्वर, झोलझाल महराज की जय
प्यारे धर्मप्रेमी सज्जनों, आपने बड़े ही प्रेम और शांतिपूर्वक से माता खटेश्वरी जी के मुखारविंद से ललित ललाम, श्री झोलझाल जी महराज के भजन सुनें, अब आप सभी से अनुरोध हैं कि स्वामी झोलझाल जी महराज के मुखारविन्द से प्रवचन सुने.................
सभी बोले....................
मूर्खों की जय जय, सदा रहे
मूर्खों की......................
अज्ञानी सदा अरे फले फूले
अज्ञानी......................
जो जो घोटाला करत रहेंगे
देश में उनकी जय जय करेंगे
करेंगे, उनका अभिषेक हम दिल से
मूर्खों की जय जय, सदा रहे
हे धर्मप्रेमी सज्जनों,
जरा आप सोंचों क्या आप सौ साल पहले थे, उत्तर होगा – नहीं
क्या सौ साल बाद जिंदा रहोगे, उत्तर होगा – नहीं
तो फिर देश की चिंता करने के लिए तुम ही बने हो, अरे मूर्खों, तुम अपना जीवन हमें यानी झोल झाल को समर्पित कर दों, सब ठीक हो जायेगा.................
और एक बार फिर बोलो
मूर्खों की जय जय सदा रहे
मूर्खों की.......................
अरे बंधुओं, सुनने में आया हैं कि दिल्ली में धमाल हो रहा हैं, कुछ लोग भ्रष्टों के खिलाफ, आमरण अनशन पर तुले है, ये तो मूर्ख और भ्रष्ट समाज पर हमला हैं। क्यां हमनें कभी किसी विद्वत और संभ्रांत, देशभक्त ईमानदार पर हमला किया, जो हम पर हो रहा हैं, कभी हमनें विद्वत और संभ्रात व्यक्तियों के खिलाफ आमरण अनशन किया। उत्तर होगा – नहीं तो फिर ये लोग हम मूर्खों और भ्रष्टों के खिलाफ क्यों आमरण अनशन कर, हमें धमकी देते रहते है। ये सरासर गलत हैं। अब हमनें सोचा हैं कि इनके खिलाफ हमलोग – मिलकर संसद में सदबुद्धिविनाशक यज्ञ करेंगे। हमें आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास हैं कि इस यज्ञ से देश की सारी जनता की सदबुद्धि नष्ट हो जायेगी और हमारे देश में एक सुंदर माहौल बनेगा, सभी घोटालायुक्त भारत बनाकर, देश का कल्याण करेंगे।
बोलिये झोलझाल महराज की जय
देखिये कितना सुंदर प्रवचन, हमारे स्वामी झोलझाल जी महराज ने दे दिया हैं, आशा ही नहीं, बल्कि आप सभी मिलकर स्वामी झोल झाल जी महराज के सपनों का भारत बनायेंगे। जिन्हें सदबुद्धिविनाशक यज्ञ में दिल खोलकर दान देना हैं वो कृपया बाबा झोलझाल के स्विस बैंक में खुले हुए खाते में अपनी राशि जमा करा दें ताकि बाबा और हम सब का सपना पूरा हो जाय। जो लोग सदबुद्धिविनाशक यज्ञ में शामिल होना चाहते है, वे अपना रजिस्ट्रेशन आज ही करा लें।
और अब सभी हृदय से बोले
स्वामी झोलझाल जी महराज की जय
फिलहाल बाबा झोलझाल जी, रांची प्रवास पर है, इसके बाद इनका भ्रमण सभी प्रदेशों में होगा। स्वामी झोलझाल जी सत्संग समिति के सदस्यों से विनम्र निवेदन हैं कि बाबा के कार्यक्रमों को अपने अपने प्रदेशों में सफल बनाने के लिए तन मन धन से जूट जाये, क्योंकि---
जो जितना योगदान करेगा, वो उतना ही सुख पायेगा
हृदय में बाबा झोलझाल को धारण कर, देश में एक भ्रष्ट वातावरण को तैयार कर, अपना और अपने परिवार का जीवन सफल करें।
हृदय में बाबा झोलझाल को धारण कर, देश में एक भ्रष्ट वातावरण को तैयार कर, अपना और अपने परिवार का जीवन सफल करें।
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