इन पत्रकारों और उन कांग्रेसियों को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए, जो देशभक्ति गीत पर नृत्य कर रही सुषमा स्वराज के चरित्र पर अंगूली उठाती है। कई चैनलों किस किस की बात करुं, वो सुषमा स्वराज के नृत्य पर ठुमके का प्रयोग कर रही है। कांग्रेसियों का चरित्र ही क्या हैं, वो तो मैं जानता हूं, वो तो अपनी मां – बहनों की कितनी इज्जत करते हैं, वो हम सब जानते हैं, इसलिए वो सुषमा स्वराज के बारे में, जनार्दन और दिग्विजय जैसे घटिया स्तर के नेता क्या बोलेंगे, हमें पता हैं। पर जरा इन पत्रकारों को देखिये – ये सुषमा स्वराज पर पिल पड़ें हैं, लगे उन्हें चरित्र का पाठ पढ़ाने। जैसे लगता हैं कि सुषमा स्वराज ने बहुत बड़ा पाप कर दिया हो, अरे मूर्खों तुम्हें क्या पता कि
ये देश हैं वीर जवानों का,
अलबेलों का मस्तानों का,
इस देश का यारों क्या कहना,
ये देश हैं, दुनिया का गहना........ पर इठलाने का क्या आनन्द है।
अरे कांग्रेसियों के तलवे चाटनेवालें पत्रकारों - देशद्रोहियों तुम्हें तो वंदे मातरम गाने से चिढ़ है, तुम क्या जानों की देशभक्ति गीतों पर थिरकने का क्या मतलब होता है। तुम्हें तो देशभक्ति गीतों पर थिरकना और शीला की जवानी जैसे गीतों पर डांस करना दोनों एक जैसा लगता हैं, ये तुम्हारे मानसिक दिवालियापन का घोतक है।
इधर दिल्ली के पत्रकारों की मर्दानगी देखिये, बड़े बड़े चैनलों के पत्रकार, उस व्यक्ति पर हाथ साफ करने लगे थे, जिसने प्रेस कांफ्रेस के दौरान, कांग्रेस द्वारा प्रायोजित संवाददाता सम्मेलन में, जनार्दन को जूते दिखाये थे। अरे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सारा हिन्दुस्तान कांग्रेसियों को जूते दिखाने को बेताब है। तुम दिल्ली में बैठे, कांग्रेस का तलवा चाटनेवाले पत्रकारों क्या जानो। जिस प्रकार से तुम पत्रकारों ने उस व्यक्ति पर हाथ छोड़ा, क्या तुमने कानून को हाथ में नहीं लिया। क्या तुम पत्रकारों को कानून हाथ में लेने की छूट है, अरे दिग्विजय और जनार्दन के सुर में सुर मिलानेवाले पत्रकारों, तुम्हें लज्जा नहीं आती, अरे कांग्रेस तो आज हैं, चली जायेगी, जिस देश का अन्न खाते हो, उसके प्रति तो ईमानदार बनो, पर तुम बनोगे कैसे, तुमने तो कांग्रेस और विदेशी ताकतों के पैसे से अपना तन – मन सब बेच रखा हैं, तुम क्या जानो कि देशभक्ति क्या चीज है। तुम जो कर रहे हो, करते रहो, देश की करोड़ों जनता देख रही हैं कि दिल्ली के पत्रकारों ने कैसे अपना जमीर कांग्रेसियों और विदेशी ताकतों के हाथों गिरवी रखा हैं, एक दिन करोंड़ो भारतीय जगेंगे और तुम जैसे तथाकथित लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से बदला लेंगे। वो दिन दूर नहीं, फिलहाल कांग्रेसियों के तलवे चाटते रहो, और विदेशी ताकतों के आगे सर झूकाकर गुलामीगिरी करते रहो।
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