सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तानियों के बैंड बजा दिये, पूरा पाकिस्तान सदमें में
पाकिस्तान की सड़कों पर पिछले दो दिनों से नहीं दीख रहे आतंकी...
भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक को क्या अंजाम दे दिया। पूरा पाकिस्तान ही सदमें में है। पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल आपरेशन के खात्मे के बाद, न तो लश्करे तैय्यबा, न हिजबुल मुजाहिद्दीन और न ही जैशे मोहम्मद के आतंकियों की ओर से इस संबंध में कोई बयान आये है। बात-बात में जमात उत दावा का आतंकी जो भारत के खिलाफ जहर उगलता था, उसकी भी बोलती बंद है। कल तक हर बात में भारत को देख लेनेवाले पाकिस्तान आतंकियों का समूह जो पाकिस्तान की सड़कों पर एक भारी भीड़ लेकर जमा होता था, वो दिखाई नहीं दे रहा। न तो पाकिस्तान के अखबार में उनके बयान नजर आ रहे है और न ही भारत के अखबारों में। चूंकि ये सर्जिकल वार उन आतंकियों के खिलाफ था, जो भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों में लिप्त होते हुए पाकिस्तान की सरजमीं को अपना जन्नत समझते है, ऐसे में उनकी प्रतिक्रिया ज्यादा जरुरी थी, पर हमें लगता है कि जिस प्रकार से भारतीय सेना ने उड़ी का बदला लिया है। अब वे भी समझ गये होंगे कि वे पाकिस्तान में भी सुरक्षित नहीं है। भारतीय सेना उनका हर जगह, उन्हें सबक सिखाने को अब तैयार है। भारत अब पाकिस्तान के इस गीदड़भभकी से भी डरने को तैयार नहीं कि पाकिस्तान एक न्यूक्लियर पावर है।
आश्चर्य इस बात की है कि पूरे पाकिस्तान के ये हाल है कि उसका प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सेना इन सब के बयान सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर समानता लिये हुए नहीं हैं, जबकि इसके ठीक उलट भारत की ओर से भारत के प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सेना के बयानों में समानता है।
यहीं नहीं पहले पाकिस्तानी नागरिक और अब भारतीय नागरिकता प्राप्त कर चुके अदनान सामी के ट्वीट ने पाकिस्तानियों के नींद उड़ा दिये है। अदनान सामी ने ट्वीट कर भारतीय प्रधानमंत्री और भारतीय सैनिकों को आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने पर बधाई दे दी है। पाकिस्तानियों ने अदनान सामी के खिलाफ गालियों का बौछाड़ कर दिया है, स्थिति ऐसी है कि अदनान सामी के इस ट्वीट पर पाकिस्तानियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
अगर पाकिस्तान की अखबारों की बात करें, तो उनके भी सुर बदले हुए है, अपने पोर्टलों पर कभी कुछ तो कभी कुछ लिखकर आत्मसंतुष्टि दिखा रहे है, जिसमें डॉन जिसे एक जिम्मेदार अखबार माना जाता है, उसकी ओर से भी गलतियां साफ दिखाई पड़ रही है, जैसे डॉन ने लिख दिया कि पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई में 8 भारतीय सैनिक मारे गये, जबकि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं, बाद में उसने संशोधित किया। यानी एक सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तानियों के दिमाग में ऐसे स्ट्राइक किये है कि पूछिये मत।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, वहां के सरकार में शामिल अन्य नेता व विपक्ष, यहां तक की मीडिया और सेना तक यह बात मानने को तैयार नहीं कि भारत ने उनसे उड़ी का बदला ले लिया, सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया पर विश्व के अन्य देशों के अखबारों ने सिद्ध कर दिया कि भारतीय सेना ने आक्रामकता दिखाई और पाकिस्तान को बैकफूट पर भेजने में कामयाबी हासिल किये। इसके लिए आप बीबीसी और न्यूयार्क टाइम्स का आधार ले सकते है।
हालांकि ये सवाल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लोग पूछ रहे है कि अगर उनके अनुसार भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की तो फिर उन्हें बेचैनी क्यूं है। वे इस घटना की गुरुवार से लेकर बार-बार निंदा क्यूं कर रहे है। जब मामला लाइन ऑफ कंट्रोल पर सामान्य घटना से जुड़ा है तो वहां के रक्षा मंत्री और सेना के चेहरे, यहां तक मीडिया में काम कर रहे लोगों के चेहरों पर हवाइयां क्यों उड़ रही। बार –बार परमाणु बम की धौंस कहा गयी। एक गैर-जिम्मेदारानां मुल्क की तरह बयानबाजी करनेवाला देश आज असहाय क्यूं है, ये पाकिस्तान को चिंतन करना चाहिए। क्या वजह है कि आज बांगलादेश, भूटान, अफगानिस्तान, भारत यहां तक ईरान आप से खफा है। एक समय था कि कश्मीर मुद्दे को ही लेकर विश्व के कई देश आपके साथ हो जाया करते थे, पर आपने आतंकियों को ऐसा पाला कि इक्के-दुक्के को छोड़ कोई आपके साथ नहीं।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केरल में दिया गया बयान आज पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है कि हमें गरीबी, बेरोजगारी के लिए लड़ना है, अपने देश को विकसित करने के लिए काम करना है, पर आप तो नरेन्द्र मोदी को सुनने को ही तैयार नहीं। आज पता नहीं कैसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने स्वयं के द्वारा बुलाये गये फेडरल कैबिनेट की बैठक में गरीबी और बेरोजगारी से लड़ने की बात कह दी, पर वे ये कहना नहीं भूले कि भारत के इस आक्रामक प्रहार का जवाब देने के लिए उनकी सेना तैयार है। वे आज भी कश्मीर को लेकर अपनी नीति स्पष्ट कर दी, कि हम नहीं सुधरेंगे। हम भी जानते है कि पाकिस्तान कभी नहीं सुधरेगा, क्योंकि पाकिस्तानियों को जो इतिहास पढ़ाये जा रहे है, उस मूल में ही भारत के प्रति नफरत कूट-कूट कर भरा जाता है, ऐसे में आप पाकिस्तान से बेहतर संबंध किसी कालखंड में संभव नहीं। हम आपको बता दें कि अगर कश्मीर समस्या हल भी हो जायेगा तो ये मत भूलिये कि ये देश आपको शांति से रहने देगा, क्योंकि इसकी बुनियाद में ही भारत के प्रति नफरत भर दी गयी है, जबकि इसके विपरीत आप भारत के किसी भी शिक्षा केन्द्र में चल रहे पुस्तकों को टटोलें तो उसमें पाकिस्तान के खिलाफ एक भी शब्द नहीं मिलेगा, जिससे यह पता चलता हो कि भारत ने कभी अपने पड़ोसी के खिलाफ सपने में भी बुरा सोचा हो।
(यह आर्टिकल रांची से प्रकाशित समाचार पत्र आजाद सिपाही में आज के अंक में संपादकीय पृष्ठ 11 पर प्रकाशित हुई है।)
पाकिस्तान की सड़कों पर पिछले दो दिनों से नहीं दीख रहे आतंकी...
भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक को क्या अंजाम दे दिया। पूरा पाकिस्तान ही सदमें में है। पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल आपरेशन के खात्मे के बाद, न तो लश्करे तैय्यबा, न हिजबुल मुजाहिद्दीन और न ही जैशे मोहम्मद के आतंकियों की ओर से इस संबंध में कोई बयान आये है। बात-बात में जमात उत दावा का आतंकी जो भारत के खिलाफ जहर उगलता था, उसकी भी बोलती बंद है। कल तक हर बात में भारत को देख लेनेवाले पाकिस्तान आतंकियों का समूह जो पाकिस्तान की सड़कों पर एक भारी भीड़ लेकर जमा होता था, वो दिखाई नहीं दे रहा। न तो पाकिस्तान के अखबार में उनके बयान नजर आ रहे है और न ही भारत के अखबारों में। चूंकि ये सर्जिकल वार उन आतंकियों के खिलाफ था, जो भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों में लिप्त होते हुए पाकिस्तान की सरजमीं को अपना जन्नत समझते है, ऐसे में उनकी प्रतिक्रिया ज्यादा जरुरी थी, पर हमें लगता है कि जिस प्रकार से भारतीय सेना ने उड़ी का बदला लिया है। अब वे भी समझ गये होंगे कि वे पाकिस्तान में भी सुरक्षित नहीं है। भारतीय सेना उनका हर जगह, उन्हें सबक सिखाने को अब तैयार है। भारत अब पाकिस्तान के इस गीदड़भभकी से भी डरने को तैयार नहीं कि पाकिस्तान एक न्यूक्लियर पावर है।
आश्चर्य इस बात की है कि पूरे पाकिस्तान के ये हाल है कि उसका प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सेना इन सब के बयान सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर समानता लिये हुए नहीं हैं, जबकि इसके ठीक उलट भारत की ओर से भारत के प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सेना के बयानों में समानता है।
यहीं नहीं पहले पाकिस्तानी नागरिक और अब भारतीय नागरिकता प्राप्त कर चुके अदनान सामी के ट्वीट ने पाकिस्तानियों के नींद उड़ा दिये है। अदनान सामी ने ट्वीट कर भारतीय प्रधानमंत्री और भारतीय सैनिकों को आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने पर बधाई दे दी है। पाकिस्तानियों ने अदनान सामी के खिलाफ गालियों का बौछाड़ कर दिया है, स्थिति ऐसी है कि अदनान सामी के इस ट्वीट पर पाकिस्तानियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
अगर पाकिस्तान की अखबारों की बात करें, तो उनके भी सुर बदले हुए है, अपने पोर्टलों पर कभी कुछ तो कभी कुछ लिखकर आत्मसंतुष्टि दिखा रहे है, जिसमें डॉन जिसे एक जिम्मेदार अखबार माना जाता है, उसकी ओर से भी गलतियां साफ दिखाई पड़ रही है, जैसे डॉन ने लिख दिया कि पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई में 8 भारतीय सैनिक मारे गये, जबकि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं, बाद में उसने संशोधित किया। यानी एक सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तानियों के दिमाग में ऐसे स्ट्राइक किये है कि पूछिये मत।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, वहां के सरकार में शामिल अन्य नेता व विपक्ष, यहां तक की मीडिया और सेना तक यह बात मानने को तैयार नहीं कि भारत ने उनसे उड़ी का बदला ले लिया, सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया पर विश्व के अन्य देशों के अखबारों ने सिद्ध कर दिया कि भारतीय सेना ने आक्रामकता दिखाई और पाकिस्तान को बैकफूट पर भेजने में कामयाबी हासिल किये। इसके लिए आप बीबीसी और न्यूयार्क टाइम्स का आधार ले सकते है।
हालांकि ये सवाल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लोग पूछ रहे है कि अगर उनके अनुसार भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की तो फिर उन्हें बेचैनी क्यूं है। वे इस घटना की गुरुवार से लेकर बार-बार निंदा क्यूं कर रहे है। जब मामला लाइन ऑफ कंट्रोल पर सामान्य घटना से जुड़ा है तो वहां के रक्षा मंत्री और सेना के चेहरे, यहां तक मीडिया में काम कर रहे लोगों के चेहरों पर हवाइयां क्यों उड़ रही। बार –बार परमाणु बम की धौंस कहा गयी। एक गैर-जिम्मेदारानां मुल्क की तरह बयानबाजी करनेवाला देश आज असहाय क्यूं है, ये पाकिस्तान को चिंतन करना चाहिए। क्या वजह है कि आज बांगलादेश, भूटान, अफगानिस्तान, भारत यहां तक ईरान आप से खफा है। एक समय था कि कश्मीर मुद्दे को ही लेकर विश्व के कई देश आपके साथ हो जाया करते थे, पर आपने आतंकियों को ऐसा पाला कि इक्के-दुक्के को छोड़ कोई आपके साथ नहीं।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केरल में दिया गया बयान आज पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है कि हमें गरीबी, बेरोजगारी के लिए लड़ना है, अपने देश को विकसित करने के लिए काम करना है, पर आप तो नरेन्द्र मोदी को सुनने को ही तैयार नहीं। आज पता नहीं कैसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने स्वयं के द्वारा बुलाये गये फेडरल कैबिनेट की बैठक में गरीबी और बेरोजगारी से लड़ने की बात कह दी, पर वे ये कहना नहीं भूले कि भारत के इस आक्रामक प्रहार का जवाब देने के लिए उनकी सेना तैयार है। वे आज भी कश्मीर को लेकर अपनी नीति स्पष्ट कर दी, कि हम नहीं सुधरेंगे। हम भी जानते है कि पाकिस्तान कभी नहीं सुधरेगा, क्योंकि पाकिस्तानियों को जो इतिहास पढ़ाये जा रहे है, उस मूल में ही भारत के प्रति नफरत कूट-कूट कर भरा जाता है, ऐसे में आप पाकिस्तान से बेहतर संबंध किसी कालखंड में संभव नहीं। हम आपको बता दें कि अगर कश्मीर समस्या हल भी हो जायेगा तो ये मत भूलिये कि ये देश आपको शांति से रहने देगा, क्योंकि इसकी बुनियाद में ही भारत के प्रति नफरत भर दी गयी है, जबकि इसके विपरीत आप भारत के किसी भी शिक्षा केन्द्र में चल रहे पुस्तकों को टटोलें तो उसमें पाकिस्तान के खिलाफ एक भी शब्द नहीं मिलेगा, जिससे यह पता चलता हो कि भारत ने कभी अपने पड़ोसी के खिलाफ सपने में भी बुरा सोचा हो।
(यह आर्टिकल रांची से प्रकाशित समाचार पत्र आजाद सिपाही में आज के अंक में संपादकीय पृष्ठ 11 पर प्रकाशित हुई है।)
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