Sunday, October 2, 2016

एम एस धौनी दि अनटोल्ड स्टोरी – खूब तो नहीं, पर चलेगा जरुर........

रांची की धड़कन है धौनी
हर युवा के दिलों में बसते है धौनी
इसलिए एम एस धौनी पर तो रांची का हक बनता ही है। मीडिया से लेकर सोशल साइट्स तक धौनी के फिल्म की धूम है। तभी तो फेसबुक पर कई लोगों ने अपने फोटो पर एम एस धौनी दि अनटोल्ड स्टोरी की मुहर लगाकर फिल्म का एक तरह से प्रचार भी कर दिया और अपने फोटो को कवर फोटो बनाने से भी हिचक नहीं की। एम एस धौनी दि अनटोल्ड स्टोरी बनाने के लिए फिल्म निर्माता अरुण पांडे, निर्देशक नीरज पांडे बधाई के पात्र है, वे प्रशंसा के हकदार है। फिल्म नीति राज्य में लागू हो जाने के बाद, इस प्रकार के फिल्म की राज्य को जरुरत भी थी और उस पर से अपने ही राज्य का कोई आइ-कॉन पर फिल्म बन जाये तो मजा आनी ही है।
इस फिल्म को राज्य सरकार ने टैक्स फ्री कर दिया है। हमारा राज्य सरकार से अनुरोध होगा कि वे इस फिल्म पर रहम करें और अपना टैक्स फ्री की कृपा वापस ले लें, क्योंकि इसका फायदा राज्य की जनता को न के बराबर मिल रहा है, हमें लगता है कि राज्य की जनता के हित में ही राज्य सरकार ने यह फैसला लिया होगा, पर जब राज्य की जनता को इसका लाभ न मिलें तो इस प्रकार की घोषणा या फैसला बेमानी है, टैक्स फ्री का सीधा फायदा मिल रहा है मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों को। फिल्म अच्छी बन पड़ी है, लोग देख रहे है, लोगों को फिल्म प्रभावित भी कर रही है, एक साधारण घर में पैदा लेनेवाला बच्चा अपनी प्रतिभा के आधार पर कैसे शिखर पर पहुंचता है, इसकी बानगी है – एम एस धौनी, दि अनटोल्ड स्टोरी।
जो लोग धौनी को जानते है, समझते है, उनके लिए ये फिल्म किसी रामायण से कम नहीं पर जिनको धौनी पसंद नहीं, उनके लिए भी ये फिल्म किसी इतिहास से कम नहीं। जरा फिल्म को देखिये। हर जगह कसावट, बिना विलेन के फिल्म, और लोग कुर्सी से चिपके है। डायलॉग भी बिहारी और झारखण्डी टोन लिये हुए, इसलिए हंसी खूब जमकर आ रही है। इस फिल्म में कुछ रोचक तथ्य भी जोड़े गये है, जैसे पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के वे बयान जो धौनी पर दिये गये, इस फिल्म में दिखाया गया है। जो लोग जानते है कि भारत की करारी हार के बाद, रांची के एक पत्रकार द्वारा कैसे धौनी के घर पर पत्थरबाजी करवायी गयी थी, विजूयल बनाने के लिए, उसका भी चित्रण है। चित्रण इसका भी किया गया है कि कैसे फार्म में नहीं चल रहे सचिन तेदुंलकर को लेकर, धौनी ने टीम भावना को उपर रखते हुए अपनी बात रखी थी। चूंकि फिल्म का नाम द अनटोल्ड स्टोरी से जुड़ा है, इसलिए धौनी के दिल पर राज करनेवाली युवती का बड़ा ही खुबसुरत और मार्मिक चित्रण इस फिल्म में देखने को मिला है, पर कुछ अनसुलझे सवाल भी है, जो फिल्मकार सुलझा नहीं पाये, दर्शकों को यह बात कुछ ज्यादा ही खटकती है।
महेन्द्र सिंह धौनी के एक बड़े भाई है – संभवतः नरेन्द्र सिंह धौनी। आखिर जब फिल्मकारों ने धौनी के परिवारों को दिखाया, और धौनी के जन्म से लेकर बात उठाई तो भला उनका बड़ा भाई नरेन्द्र कहां गायब हो गया। हो सकता है कि नरेन्द्र से किसी बात को लेकर, धौनी के परिवार को दूरियां हुई हो, पर उसे बचपन के रोल में तो दिखाया ही जा सकता था, इस फिल्म में तो महेन्द्र सिंह धौनी की एक बहन को दिखाया गया पर भाई को छोड़ दिया गया। यहां दर्शकों के साथ फिल्मकार द्वारा न्याय नहीं किया गया।
महेन्द्र सिंह धौनी, ऑल राउंडर है, वे अच्छा बैटिंग करते है, अच्छा फील्डिंग करते है, अच्छा विकेट कीपरिंग करते है, कभी – कभी वे बालिंग भी कर लेते है, पर मूलतः वे विकेटकीपर ही है, इस फिल्म में उन्हें केवल बैट भांजते हुए दिखाया गया, पर यह नहीं दिखाया गया कि वे कैसे फील्डिंग, कैसे विकेट कीपरिंग कर अपने देश का सम्मान बढ़ाया। यानी फिल्मकार ने विकेटकीपर को केवल बैट्समेन बनाकर प्रस्तुत किया।
धौनी के नेतृत्व में भारत ने वर्ल्ड कप जीता पर धौनी के नेतृत्व में भारत ने टी 20 पर भी कब्जा जमाया, पर हमें लगता है कि फिल्म की लंबाई बढ़ने के भय ने फिल्मकारों को वर्ल्ड कप तक ही रखने पर विवश किया होगा।
एक बात और फिल्मकारों ने दिउड़ी मंदिर को कैसे छोड़ दिया, क्योंकि धौनी तो कहा जाता है कि जब भी रांची आते है तो दिउड़ी मंदिर जरुर जाते है, उनके कारण ही दिउड़ी मंदिर की लोकप्रियता बढ़ी, खूब यहां के चैनलवालों ने भी इस मंदिर को धौनी से जोड़ा और फिल्मकारों को इसकी भनक तक नहीं लगी, आश्चर्य है।
पूरे फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत, राजेश शर्मा, दिशा पटानी ने बेहतर अभिनय से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है, जबकि अनुपम खेर इस फिल्म में सामान्य नजर आये, ऐसे भी इस फिल्म में उनके लिए कुछ करने को भी न था। अंततः पूरे देश को एक बेहतरीन, साफ-सुथड़ी फिल्म बहुत दिनों के बाद मिली है, लोग पूरे परिवार के साथ इस फिल्म का आनन्द ले सकते है। रही बात झारखण्ड की, तो धौनी के लिए तो पूरा झारखण्ड ही उतावला है। आशा की जानी चाहिए कि पांडे परिवार द्वारा बनायी गयी यह फिल्म उनके कैरियर में भी धौनी की तरह धनवृद्धि का उपहार विशेष तौर पर लेकर आयेगी।

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