नीतीश भक्ति में सराबोर और
जदयू के मुख पत्र के नाम से जनता में लोकप्रिय हो चुका प्रभात खबर सुधरने
का नाम नहीं ले रहा, इसने एक बार फिर हम नहीं सुधरेंगे की पंक्ति को सर
माथे बिठा, वो सारी हरकतें कर डाला है, जिससे यहां की नई पीढ़ी पूर्णतः
बर्बाद हो जाये अथवा सर्वदा के लिए कन्फ्यूज्ड होकर अपनी जिंदगी बिताएं...
जरा एक बार फिर आज का रांची से प्रकाशित प्रभात खबर का पृष्ठ संख्या 3 का पहला कॉलम में प्रकाशित आज का पंचाग देखिये। जिसमें उसने लिखा है कि आज तृतीया तिथि है, जो रात्रि के 3.09 मिनट तक है, उसके बाद चतुर्थी तिथि है। मैं पूछता हूं कि जब आज तृतीया तिथि है, तो लोग आज करवा चौथ कैसे मना रहे है, ये प्रभात खबर बताये। कमाल है इसी में आगे पढ़िये तो प्रभात खबर के अनुसार आज बुधवार नहीं, बल्कि मंगलवार है और सबसे नीचे पर्व त्यौहार की पंक्ति पढ़े तो उसने लिख डाला है कि आज कोई व्रत-त्यौहार नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि आज चतुर्थी तिथि है, जो रात्रि के 12.48 तक है, दिन बुधवार है और आज महिलाओं के लिए बहुत ही खास पर्व है – करवा चौथ है।
मेरा स्पष्ट मानना है कि जब आपको पंचाग के बारे में जानकारी ही नहीं, तो तुम पंचाग क्यों छापते हो? इसकी आवश्यकता ही क्या है? अगर तुम्हें जानकारी नहीं तो फिर क्या इस आधार पर गलत छापोगे और सबको कन्फ्यूज्ड करते रहोगे। यह कहकर कि हमें कुछ भी बेवजह छापने का अधिकार है और सभी को कन्फ्यूज्ड और उनके पर्व-त्यौहारों में मानसिक खलल डालने का अधिकार है। हम आपको बता दें कि ऐसी हरकत प्रभात खबर पहली बार नहीं किया, ये ऐसी हरकते बार-बार करता है, और सुधरने का नाम नहीं ले रहा।
मेरा इस आलेख लिखने का अभिप्राय यह है कि आम जनता जान लें कि अखबार में लिखी सारी बातें सच्ची नहीं होती, ज्यादातर झूठ के पुलिंदे होते है, जो मूर्खों के द्वारा लिखित व प्रकाशित होते है, इसलिए जनता इनकी बातों में न आये और अपने विवेकानुसार पंचाग को देखे, समझे, तब व्रत व त्यौहार का निर्णय लें, नहीं तो आप समझ लें कि इन्होंने आपको धोखे देने का मन सदा के लिए बना लिया है, और ये बराबर धोखे देते रहेंगे, ये कहकर कि हम अखबार नहीं आंदोलन है.......
जरा एक बार फिर आज का रांची से प्रकाशित प्रभात खबर का पृष्ठ संख्या 3 का पहला कॉलम में प्रकाशित आज का पंचाग देखिये। जिसमें उसने लिखा है कि आज तृतीया तिथि है, जो रात्रि के 3.09 मिनट तक है, उसके बाद चतुर्थी तिथि है। मैं पूछता हूं कि जब आज तृतीया तिथि है, तो लोग आज करवा चौथ कैसे मना रहे है, ये प्रभात खबर बताये। कमाल है इसी में आगे पढ़िये तो प्रभात खबर के अनुसार आज बुधवार नहीं, बल्कि मंगलवार है और सबसे नीचे पर्व त्यौहार की पंक्ति पढ़े तो उसने लिख डाला है कि आज कोई व्रत-त्यौहार नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि आज चतुर्थी तिथि है, जो रात्रि के 12.48 तक है, दिन बुधवार है और आज महिलाओं के लिए बहुत ही खास पर्व है – करवा चौथ है।
मेरा स्पष्ट मानना है कि जब आपको पंचाग के बारे में जानकारी ही नहीं, तो तुम पंचाग क्यों छापते हो? इसकी आवश्यकता ही क्या है? अगर तुम्हें जानकारी नहीं तो फिर क्या इस आधार पर गलत छापोगे और सबको कन्फ्यूज्ड करते रहोगे। यह कहकर कि हमें कुछ भी बेवजह छापने का अधिकार है और सभी को कन्फ्यूज्ड और उनके पर्व-त्यौहारों में मानसिक खलल डालने का अधिकार है। हम आपको बता दें कि ऐसी हरकत प्रभात खबर पहली बार नहीं किया, ये ऐसी हरकते बार-बार करता है, और सुधरने का नाम नहीं ले रहा।
मेरा इस आलेख लिखने का अभिप्राय यह है कि आम जनता जान लें कि अखबार में लिखी सारी बातें सच्ची नहीं होती, ज्यादातर झूठ के पुलिंदे होते है, जो मूर्खों के द्वारा लिखित व प्रकाशित होते है, इसलिए जनता इनकी बातों में न आये और अपने विवेकानुसार पंचाग को देखे, समझे, तब व्रत व त्यौहार का निर्णय लें, नहीं तो आप समझ लें कि इन्होंने आपको धोखे देने का मन सदा के लिए बना लिया है, और ये बराबर धोखे देते रहेंगे, ये कहकर कि हम अखबार नहीं आंदोलन है.......
No comments:
Post a Comment