Thursday, October 20, 2016

अरे चीन, पगला गया भइया................

जब से भारतीयों ने चीन और चीनियों को आर्थिक चोट पहुंचाने का संकल्प लेते हुए, अपने सपने साकार करने की कोशिश प्रारंभ की है, तभी से चीन और चीनियों की बौखलाहट सातवें आसमान पर हैं। वे भारत और भारतीयों के बारे में अनाप-शनाप बक रहे हैं। वे कोई भी ऐसी जगह नहीं छोड़ रहे, जहां वे अपनी हरकतों से भारत को नीचा दिखाने की कोशिश न कर रहे हो। दोस्त का दोस्त अपना दोस्त और दोस्त का दुश्मन अपना दुश्मन की कहावत को सार्थक करते हुए, वे पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर भी प्यार लूटा रहे है। वे हमारी ही बदौलत आर्थिक शक्ति को बढ़ाए है और हमें ही आंख दिखा रहे है। वे समझते है कि जैसे वे गुंडागर्दी करते हुए 1962 में हमारा बड़ा भू-भाग पर कब्जा कर लिया, तिब्बत पर कब्जा कर लिया। वैसे ही वे बार – बार करते रहेंगे और हम चुपचाप इनकी गुंडागर्दी के आगे नतमस्तक हो जायेंगे, पर उन्हें ये पता नहीं कि आज देश में एक नये युवाओं की टोली का जन्म हुआ है। वह अपने देश भारत को महाशक्ति बनाने के लिए वचनबद्ध है। उसके साथ 125 करोड़ की भारतीय आबादी भी साथ है। आज वह जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ आगे निकल पड़ा है।
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स का पागलपन देखिये, वह हर दम हमें धौंस दिखाता है। वह समझ लिया है कि जैसे उसने तिब्बत को कब्जे में कर लिया, जैसे वह समय-समय पर अपने पड़ोसी जापान, ताइवान, विएतनाम, फिलीपीन्स को आंखे दिखाता है, उसी तरह भारत को भी आँख दिखायेगा और भारत उसके चरणों में जाकर झूक जायेगा। हम अच्छी तरह जानते है कि चीन को ये सब करने का मौका हमारी पूर्ववर्ती सरकारों ने दिया है, जिस पर अंकुश लगाने का काम वर्तमान सरकार और यहां की वीर युवाओं की टोली ने प्रारंभ किया है। हम चीन को बता देना चाहते है कि वे गीदड़भभकी दिखाना बंद करें और सच्चाई को समझे।
चीन का यह कहना कि भारत के लोग मेहनती नहीं, सिर्फ हल्ला करना जानते है, माल उससे ही खरीदेंगे तो फिर वो बौखलाहट में क्यों है?, वो हमें गाली क्यों दे रहा है?, जब वह सब कुछ जानता है। हम आपको बता देते है कि चीन समझ चुका है कि भारतीयों ने अब ये पूर्णतः समझ लिया है कि बिना चीन को उसकी औकात बताएं भारत का निर्माण हो ही नहीं सकता। तभी तो देश की करोड़ों जनता ने चीन को उसकी औकात बताने के लिए इस दीपावली में संकल्प कर लिया और चीन को उसकी औकात बतानी शुरु कर दी। पूरे भारत में एक प्रकार का चीनी सामानों के बहिष्कार का लहर है, जिस पर सारी जनता एक है।
आखिर चीनी सामानों का बहिष्कार क्यों?
1. चीन का सामान भारतीय सामानों की अपेक्षा घटिया होता है।
2. चीन के सामान से प्रदुषण का खतरा होता है।
3. चीन के खाद्य पदार्थों की विश्वसनीयता नहीं के बराबर होता है, वह किन चीजों से बनाकर भारत या अन्य देशों में भेजता है, उसकी विश्वसनीयता ही नहीं होती।
4. चीन कभी भी विश्वसनीय नहीं रहा।
5. चीन सिर्फ अपनी भलाई में ही मग्न रहता है और अपनी भलाई के लिए वह कुछ भी कर सकता है, जैसे दुसरे देश पर चढ़ाई और उसका मान-मर्दन। जैसे उसने तिब्बत पर चढ़ाई कर उस तिब्बत को सदा के लिए बर्बाद कर दिया। भारत का कई हजार वर्गमील उसने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
6. चीन पाकिस्तान के उन आतंकी समूहों की सराहना और बचाव करता है, जो भारत में आतंक फैलाता है।
7. चीन पाकिस्तान को हर मोर्चें पर मदद करता है, जिससे भारत को नुकसान पहुंचने की शत प्रतिशत गारंटी रहती है।
8. चीन के सैनिक हमेशा भारतीय सीमाओं का अतिक्रमण करते हैं।
चीन के समर्थक – भारत में चीन के भारत विरोधी और उसकी आक्रमणकारी गतिविधियों का समर्थन यहां के वामपंथी खुलकर करते है। वे अमरीकी साम्राज्यवाद मुर्दाबाद के नारे लगाते है, पर चीन के साम्राज्यवादी नीतियों को खुलकर समर्थन करते है, कई वामपंथी कार्यालयों में चीनी साम्यवादी नेताओं के चित्र और उन पर लदे फूल मालाएं आप स्वयं जा कर देख सकते है।
चीन अब जान चुका है कि भारत और भारत के लोग जाग चुके है, इसलिए वह अपनी भड़ास अब भारत और भारतीयों को गाली देकर निकाल रहा है। बस भारतीय सिर्फ इतना ही करें, अपने लिये संकल्प को पूरा करने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे। जहां भी देखे, चीनी सामान उसका बहिष्कार करें। सरकार और यहां के नेता मजबूर हो सकते है, पर हम मजबूर नहीं, चीन को हम औकात बता कर रहेंगे, भारत को आर्थिक महाशक्ति बना कर रहेंगे। हम अपने पैसे से चीन की ताकत नहीं बल्कि चीन की ताकत को मटियामेट करेंगे और अपने जवानों को कहेंगे कि देखों हम तुम्हारे साथ है। डटे रहो सीमा पर। चीन को जवाब दो। हम सब मिलकर भारत की कायाकल्प करेंगे। चीन मुर्दाबाद। उसकी साम्राज्यवादी नीतियां मुर्दाबाद। उसकी भारत विरोधी गतिविधियां मुर्दाबाद। आंतक समर्थक पाकिस्तान समर्थक चीन और चीन की नीतियां मुर्दाबाद। मुर्दाबाद वे अखबार, वे नेता जो भारत में ही रहकर चीन की स्तुति गाते है, मेरा इशारा किस ओर है, आप समझ गये होंगे।

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