सदैव अश्लील व अनैतिक विज्ञापनों को प्रकाशित करनेवाला तथा बच्चों में
मानसिक विकृतियों का जन्मदाता हिन्दुस्तान अखबार के हृदय में 20 सितम्बर को
देशभक्ति का ज्वार फूंटा। उसने अपने विशेष माध्यम से लोगों को उड़ी की याद
दिलाई और लोगों से कैंडल मार्च में शामिल होने का अनुरोध कर डाला, चूंकि
हिन्दुस्तान अखबार ने अनुरोध किया तो जितने भी छपास की बिमारी से पीड़ित
नेता (चाहे वे किसी भी पार्टी के क्यों न हो) और विभिन्न सामाजिक संगठनों
के लोग उनके कार्यक्रम में आ धमके, खूब फोटो सेशन कराया, हंसा – हंसाया और
फिर रोजमर्रा के कामों में जूट गये। इन्हें न तो देशभक्ति से मतलब था और न
ही उड़ी की घटनाओं से, चूंकि अखबार को आदमी चाहिए थे, अपने कार्यक्रम को
सफल बनाने के लिए, उन्हें आदमी मिल गये और जिन्हें चेहरे चमकाने थे, उनके
चेहरे चमक गये, पर जिन्होंने उड़ी के नाम पर ये सब किया, उनसे कुछ सवाल तो
मैं जरुर पूछना चाहुंगा।
सवाल नं. 1 – क्या उड़ी में शहीद हुए सैनिकों की आत्मा या उनके परिवार के लोगों ने उनसे ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था, क्या?
सवाल नं. 2 – क्या कोई बता सकता है, कि जो लोग इस कार्यक्रम में शामिल थे, उनके परिवार के कितने लोग सेना या केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों में कार्यरत है?
सवाल नं. 3 – क्या जिस प्रकार का ये फोटो सेशन कराये हैं और इस मर्माहत होनेवाली घटनाओं में दांत निपोड़ें है, उनके घरों में भी ऐसी हादसा होने पर, वे इसी प्रकार दांत निपोड़ा करते है क्या?
सवाल नं. 4 – क्या इस प्रकार के आयोजन से माइलेज लेने की जो नई प्रवृत्ति का जन्म हुआ है, उससे पता नहीं चलता कि लोगों में संवेदनशीलता समाप्त हो गयी और लोग इस शहादत का भी व्यवसायीकरण करने में लग गये, ये कहकर कि लोग जाने कि हिन्दुस्तान अखबार का जवाब नहीं और जब अखबार में काम करनेवाले लोगों में संवेदनशीलता है ही नहीं तो इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने के मायने क्या है?
आप पूछेंगे कि ये सब लिखने की आवश्यकता क्यों पड़ी, आवश्यकता है, हमारे पास प्रमाण है कि इस दुख भरी घटना में, जहां सारे देश में उबाल है, एक नेता मुस्कुरा रहा है, और अगर यह दृश्य देखना है तो धनबाद से प्रकाशित हिन्दुस्तान का पृष्ठ संख्या 3 देखिये, जिसमें भाजपा सांसद पी एन सिंह मुस्कुराते हुए फोटो खींचा रहे है, जैसे लग रहा है कि फोटो सेशन चल रहा है, यहीं भाजपा समर्थित एक मेयर भी है, उसके चेहरे को भी पढ़ने की कोशिश कीजिये, कैसे वह फोटो सेशन में स्वयं को समाहित कर रहा है और पृष्ठ संख्या 4 देखियेगा तो आपको सब कुछ क्लियर हो जायेगा, कि हिन्दुस्तान अखबार का बैनर लेकर लोग कैसे आनन्दित हो रहे है, मुस्कुरा रहे है, जैसे लगता है कि देश में कोई जश्न का माहौल हो...यहीं नहीं इस अखबार में काम करनेवाले कई कर्मचारियों ने तो गजब कर डाला है, फोटो खिंचवाया तो खिंचवाया, उसे बड़े शान से सोशल साइट्स पर भी डाल दिया। लीजिये देखिये, हिन्दुस्तान अखबार के कारनामे, फोटो सब कुछ क्लियर कर दे रहा है...
सवाल नं. 1 – क्या उड़ी में शहीद हुए सैनिकों की आत्मा या उनके परिवार के लोगों ने उनसे ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था, क्या?
सवाल नं. 2 – क्या कोई बता सकता है, कि जो लोग इस कार्यक्रम में शामिल थे, उनके परिवार के कितने लोग सेना या केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों में कार्यरत है?
सवाल नं. 3 – क्या जिस प्रकार का ये फोटो सेशन कराये हैं और इस मर्माहत होनेवाली घटनाओं में दांत निपोड़ें है, उनके घरों में भी ऐसी हादसा होने पर, वे इसी प्रकार दांत निपोड़ा करते है क्या?
सवाल नं. 4 – क्या इस प्रकार के आयोजन से माइलेज लेने की जो नई प्रवृत्ति का जन्म हुआ है, उससे पता नहीं चलता कि लोगों में संवेदनशीलता समाप्त हो गयी और लोग इस शहादत का भी व्यवसायीकरण करने में लग गये, ये कहकर कि लोग जाने कि हिन्दुस्तान अखबार का जवाब नहीं और जब अखबार में काम करनेवाले लोगों में संवेदनशीलता है ही नहीं तो इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने के मायने क्या है?
आप पूछेंगे कि ये सब लिखने की आवश्यकता क्यों पड़ी, आवश्यकता है, हमारे पास प्रमाण है कि इस दुख भरी घटना में, जहां सारे देश में उबाल है, एक नेता मुस्कुरा रहा है, और अगर यह दृश्य देखना है तो धनबाद से प्रकाशित हिन्दुस्तान का पृष्ठ संख्या 3 देखिये, जिसमें भाजपा सांसद पी एन सिंह मुस्कुराते हुए फोटो खींचा रहे है, जैसे लग रहा है कि फोटो सेशन चल रहा है, यहीं भाजपा समर्थित एक मेयर भी है, उसके चेहरे को भी पढ़ने की कोशिश कीजिये, कैसे वह फोटो सेशन में स्वयं को समाहित कर रहा है और पृष्ठ संख्या 4 देखियेगा तो आपको सब कुछ क्लियर हो जायेगा, कि हिन्दुस्तान अखबार का बैनर लेकर लोग कैसे आनन्दित हो रहे है, मुस्कुरा रहे है, जैसे लगता है कि देश में कोई जश्न का माहौल हो...यहीं नहीं इस अखबार में काम करनेवाले कई कर्मचारियों ने तो गजब कर डाला है, फोटो खिंचवाया तो खिंचवाया, उसे बड़े शान से सोशल साइट्स पर भी डाल दिया। लीजिये देखिये, हिन्दुस्तान अखबार के कारनामे, फोटो सब कुछ क्लियर कर दे रहा है...
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