Monday, September 26, 2016

प्रभात खबर दूसरों के लिए अखबार नहीं आंदोलन और जब अपने पर आये तो.............

प्रभात खबर दूसरों के लिए अखबार नहीं आंदोलन और जब अपने पर आये तो आंदोलन घूस गया भीतरअअअअअअअ....................
कल यानी 25 सितम्बर को रांची से प्रकाशित सभी प्रमुख अखबारों (प्रभात खबर को छोड़कर) ने एक खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर था ऊषा मार्टिन के कार्यालयों पर सीबीआइ छापा, पर प्रभात खबर में ये खबर ढूंढने पर कहीं नहीं मिली। आखिर क्यों नहीं मिली भाई, आप तो अखबार नहीं आंदोलन हो। आप तो खोजी पत्रकारिता के मिसाल हो, यह खबर आपकी नजरों से कैसे फिसल गयी। आप तो रिम्स के चंद्रमणि की झूठी खबरों के आधार पर, उसका जीना मुहाल कर देते हो। पूरे राज्य को बदनाम कर देते हो और जब अपने पर आयी तो उलटे पांव दौड़ते हुए अपने घरों में छुप जाते हो। तुम्हें तो जवाब देना ही होगा, जनता को, क्योंकि कई मुद्दों पर तुम खुब फोन मंगवाते हो, पत्र मंगवाते हो, इ-मेल से पाठकों के मंतव्य मंगवाते हो, पर सीबीआइ के छापे पर मौन व्रत तुमने क्यों धारण कर लिया।
दोस्तों मैं बताता हूं कि इस अखबार ने मौन व्रत क्यों धारण कर लिया। वह इसलिए धारण कर लिया क्योंकि यह अखबार ऊषा मार्टिंन का ही है, चूंकि अपनी इज्जत बची रहे, इसलिए उसने इस समाचार को अपने पृष्ठों पर जगह ही नहीं दी, पर खबर आपको मालूम होना चाहिए।
खबर यह है कि 24 सितम्बर को ऊषा मार्टिन के दो दफ्तरों पर सीबीआइ की दिल्ली स्थित आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा की टीम ने छापा मारा। सूत्र बताते है कि यह छापा उस पर अपने प्लांट के लिए आवंटित आयरन ओर का इस्तेमाल स्वयं न कर बाजार मूल्य पर बेचने के आरोप के मद्देनजर पड़ा है। सीबीआइ ने शनिवार को ऊषा मार्टिन के बड़ाजामदा और कोलकाता स्थित दफ्तरों पर छापा मार कर दस्तावेजों की जांच भी की। हम आपको बता दें कि ऊषा मार्टिन को एमएमडीआर एक्ट के तहत बड़ाजामदा लौह अयस्क खदान कैप्टिव प्लांट के लिए आवंटित किया गया था। कैप्टिव प्लांट के लिए आवंटित माइंस की शर्त यह है कि वह केवल अपने प्लांट के लिए ही अयस्क का प्रयोग कर सकता है, लेकिन इस कंपनी ने अन्य कंपनियों को बाजार मूल्य पर लौह अयस्क मुहैया कराया। इस मामले में जस्टिस शाह की अध्यक्षता में गठित कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में पश्चिम सिंहभूम में हो रहे अवैध खनन का मामला उठाया था। शाह कमीशन ने स्थल जांच कर रिपोर्ट दी थी कि सभी आयरन ओर कंपनियां मानकों का उल्लंघन कर सीमा क्षेत्र से अधिक उत्खनन कर रही है।
मतलब समझ गये न भैया – ये है अखबार नहीं आंदोलन का दोहरा मापदंड..........................

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