झारखण्ड में रह रहे बेईमानों, गुंडों, अपराधियों और अवैध कार्य करनेवालों के लिए बुधवार का दिन खुशियों भरा रहा। राज्य की रघुवर सरकार उर्फ शाहरुख खान की सरकार ने इनके हितों को देखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिये। वह निर्णय क्या था?
जरा ध्यान दें...
१. झारखण्ड राज्य आवास बोर्ड के विभिन्न प्रमंडलों के अंतर्गत भाड़ा-सह-क्रय हेतु निर्मित मकानों/फ्लैटों में वर्षों से अवैध रूप से रह रहे लोगों को वर्तमान दर पर दंड सहित राशि के साथ अद्यतन कीमत पर भाड़ा-सह-क्रय के आधार पर आवंटन करते हुए नियमितिकरण की स्वीकृति दी गयी यानी राज्य सरकार ने उन तमाम ईमानदारों और कर्तव्यनिष्ठ लोगों के मुंह पर करारा तमाचा मारा जो गलत कार्य कभी भी अपनी जिंदगी में नहीं किये या जिन्होंने संकल्प कर रखा है कि वे किसी भी हालत में सत्य का दामन नहीं छोड़ेंगे। बेईमानों और अपराधियों तथा अवैध कार्य करनेवाले प्रसन्न है, कि उनके द्वारा किया गया कुकृत्य आज सत्य को भी परास्त कर दिया, इसलिए आनेवाले समय में बेईमान बने, कुकर्मी बने, अंततः सरकार बेईमानों के आगे झूकेगी ही और वे विजयी होंगे। ऐसे अवैध कार्यों को आगे बढ़ाने में और बेईमानों तथा अवैध कार्य करनेवाले लोगों के मनोबल बढ़ाने के लिए रघुवर सरकार ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। कुल मिलाकर देखें तो रघुवर का साथ, बेईमानों का साथ का सलोगन आज रघुवर के चाहनेवालों पर सर चढ़कर बोल रहा है।
२. इस्लाम नगर, रांची में ४४४ आवास के निर्माण के लिए ३३ करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये यानी आप कहीं भी सरकारी जमीन पर अवैध बस्तियां बसाइये, मुफ्त में टोकन लगाकर बिजली जलाइये, सरकार द्वारा जारी किये गये विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाइये और कुछ साल के बाद सरकार से बने-बनाये मकान का फायदा उठाइये। मैं पूछता हूं कि जब इसी प्रकार के कार्यों को बढ़ावा देना है तो इस्लाम नगर में अवैध रुप से रह रहे लोगों के लिए ४४४ आवास निर्माण और नागा बाबा खटाल में रह रहे लोगोँ को जिन्हें उजाड़ा गया, उसके लिए राज्य सरकार ने कितने पैसे आवंटित किये, क्या सरकार के पास इसका कोई जवाब है?
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बवाल करनेवाले राजनीतिज्ञ जैसे झाविमो के नेता बाबू लाल मरांडी और कांग्रेसी नेता सुबोधकांत सहाय जैसे नेताओं के मुंह सील गये, क्योंकि इन्हें लगता है कि इस्लाम नगर के लोगों को पेट था, आंखे थी, पर नागा बाबा खटाल में रह रहे लोगों को न तो पेट थी और न आंखे थी। क्या माजरा है भाई? ऐसे-ऐसे लोग इस राज्य में नेता बनते है, जो आम जनता को भी वोटों की तराजू पर तौल कर, उसके लिए न्याय की मांग में भी दोगलेपन का नजरिया रखते है।
अब हम पूछना चाहते है भाजपा के केन्द्रीय नेताओं से कि जब आप, सबका साथ, सबका विकास का नारा देते हो, तो ये बताओं की इस प्रकरण पर ईमानदारी से जीनेवाले लोग कहां है? जिन्होंने सत्य को कभी छोड़ा ही नहीं, ऐसे लोग कहां है? और जब आपके लिए ये कहीं नहीं, तो फिर सबका साथ, सबका विकास का नारा क्या खोखला नहीं... ...रघुवर उर्फ शाहरुख के कैबिनेट के इस फैसले ने तो साफ कर दिया सबका साथ और गुंडों तथा अवैध कार्य करनेवालों का विकास...
#Narendramodi #Amitshah #RSS
जरा ध्यान दें...
१. झारखण्ड राज्य आवास बोर्ड के विभिन्न प्रमंडलों के अंतर्गत भाड़ा-सह-क्रय हेतु निर्मित मकानों/फ्लैटों में वर्षों से अवैध रूप से रह रहे लोगों को वर्तमान दर पर दंड सहित राशि के साथ अद्यतन कीमत पर भाड़ा-सह-क्रय के आधार पर आवंटन करते हुए नियमितिकरण की स्वीकृति दी गयी यानी राज्य सरकार ने उन तमाम ईमानदारों और कर्तव्यनिष्ठ लोगों के मुंह पर करारा तमाचा मारा जो गलत कार्य कभी भी अपनी जिंदगी में नहीं किये या जिन्होंने संकल्प कर रखा है कि वे किसी भी हालत में सत्य का दामन नहीं छोड़ेंगे। बेईमानों और अपराधियों तथा अवैध कार्य करनेवाले प्रसन्न है, कि उनके द्वारा किया गया कुकृत्य आज सत्य को भी परास्त कर दिया, इसलिए आनेवाले समय में बेईमान बने, कुकर्मी बने, अंततः सरकार बेईमानों के आगे झूकेगी ही और वे विजयी होंगे। ऐसे अवैध कार्यों को आगे बढ़ाने में और बेईमानों तथा अवैध कार्य करनेवाले लोगों के मनोबल बढ़ाने के लिए रघुवर सरकार ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। कुल मिलाकर देखें तो रघुवर का साथ, बेईमानों का साथ का सलोगन आज रघुवर के चाहनेवालों पर सर चढ़कर बोल रहा है।
२. इस्लाम नगर, रांची में ४४४ आवास के निर्माण के लिए ३३ करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये यानी आप कहीं भी सरकारी जमीन पर अवैध बस्तियां बसाइये, मुफ्त में टोकन लगाकर बिजली जलाइये, सरकार द्वारा जारी किये गये विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाइये और कुछ साल के बाद सरकार से बने-बनाये मकान का फायदा उठाइये। मैं पूछता हूं कि जब इसी प्रकार के कार्यों को बढ़ावा देना है तो इस्लाम नगर में अवैध रुप से रह रहे लोगों के लिए ४४४ आवास निर्माण और नागा बाबा खटाल में रह रहे लोगोँ को जिन्हें उजाड़ा गया, उसके लिए राज्य सरकार ने कितने पैसे आवंटित किये, क्या सरकार के पास इसका कोई जवाब है?
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बवाल करनेवाले राजनीतिज्ञ जैसे झाविमो के नेता बाबू लाल मरांडी और कांग्रेसी नेता सुबोधकांत सहाय जैसे नेताओं के मुंह सील गये, क्योंकि इन्हें लगता है कि इस्लाम नगर के लोगों को पेट था, आंखे थी, पर नागा बाबा खटाल में रह रहे लोगों को न तो पेट थी और न आंखे थी। क्या माजरा है भाई? ऐसे-ऐसे लोग इस राज्य में नेता बनते है, जो आम जनता को भी वोटों की तराजू पर तौल कर, उसके लिए न्याय की मांग में भी दोगलेपन का नजरिया रखते है।
अब हम पूछना चाहते है भाजपा के केन्द्रीय नेताओं से कि जब आप, सबका साथ, सबका विकास का नारा देते हो, तो ये बताओं की इस प्रकरण पर ईमानदारी से जीनेवाले लोग कहां है? जिन्होंने सत्य को कभी छोड़ा ही नहीं, ऐसे लोग कहां है? और जब आपके लिए ये कहीं नहीं, तो फिर सबका साथ, सबका विकास का नारा क्या खोखला नहीं... ...रघुवर उर्फ शाहरुख के कैबिनेट के इस फैसले ने तो साफ कर दिया सबका साथ और गुंडों तथा अवैध कार्य करनेवालों का विकास...
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