Thursday, March 23, 2017

इलाका रघुवर का और नाम योगी का...................

झारखण्ड में इन दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चर्चा जोरों पर हैं, लोग उनके बारे में जानना चाहते है, यूपी में वे क्या कर रहे है? कौन सी योजनाओं को जमीन पर उतार रहे है? लोगों की उन्हें जानने की उत्सुकता है। यहीं कारण है कि रांची से प्रकाशित सारे अखबारों में योगी ही योगी छाये हुए है, जबकि इसके विपरीत रघुवर दास उर्फ शाहरुख खान रांची के ही अखबारों में डूमरी के फूल होते दीख रहे है। ऐसे भी रघुवर दास उर्फ शाहरुख खान की जो कार्यशैली है या उनके पीछे जो लोग होते है, उनकी हरकते और उनके मुख से निकले बोल बहुत कुछ बता देते है... ...फिर भी रघुवर दास उर्फ शाहरुख खान झारखण्ड के मुख्यमंत्री के रुप में डटे है। रघुवर दास उर्फ शाहरुख खान की इस स्थिति को देखते हुए इन पर यह लोकोक्ति फिट बैठती है – अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान।
आश्चर्य इस बात की है कि पिछले महीने झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मोमेंटम झारखण्ड के नाम पर अपनी ब्रांडिंग कराने में 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा फूंक डाले, पर निकला क्या?  न तो इनकी ब्रांडिंग ही हो सकी और न ही झारखण्ड को कुछ प्राप्त हुआ। हां इतना जरुर हुआ कि बाहर से इनके कनफूंकवों द्वारा बुलाई गयी ब्रांडिंग करनेवाली कंपनियां मालामाल जरुर हो गयी, और ये दुआएं भी दी कि ये राज्य हमेशा मूरख बना रहे, ताकि उनकी दुकानें इसी प्रकार चलती रहे, जबकि इसके विपरीत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी किसी भी ब्रांडिंग कंपनी को अपनी ब्रांडिंग के लिए उत्तर प्रदेश नहीं बुलाया पर इनकी ब्रांडिंग स्वयं देश के विभिन्न राज्यों के मीडिया हाउस बहुत ही शिद्दत से कर रही है।
आखिर मीडिया में आदित्यनाथ योगी क्यों छाये हुए है? उसका कारण है...
उन्होंने सत्ता में आते ही, वह काम करना प्रारंभ किया, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती।
1. सत्ता में आते ही उन्होंने अपने मंत्रियों से 15 दिनों में आय-संपत्ति का ब्यौरा मांग लिया।
2. नेताओं को बेकार की बयानबाजी बंद करने को स्पष्ट रुप से कहा।
3. यूपी के सरकारी दफ्तरों में पान-गुटखा पर बैन लगाकर दूसरे राज्यों के सामने एक नजीर पेश कर दी।
4. एक सप्ताह के अंदर अपने अनुभागों में रखी फाइलों को व्यवस्थित कराना प्रारंभ किया।
5. महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया, पूरे राज्य में एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन कराया, ताकि बेटियों के सम्मान पर कोई आंच नहीं आये।
6. गोरक्षा के प्रति विशेष अभियान चलाया, अवैध बूचड़खानों को सील किया गया, उन पर बूलडोजर चलाया गया।
यहीं नहीं पूरे प्रदेश में एक विश्वास पैदा किया, गुंडों-अपराधियों में खौफ पैदा किया कि अब राज्य का निजाम बदल चुका है, गलत करेंगे तो जल्द ही जेल के अंदर होंगे...
इसके विपरीत झारखण्ड में क्या हो रहा है...
1. बेटियां यहां आज भी सुरक्षित नहीं, स्वयं मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र की महिला संवादकर्मियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज करायी पर इन महिला संवादकर्मियों को उनकी आवाज बंद करा दिया गया। कस्तूरबा बालिका विद्यालय गढ़वा की आदिवासी बालिका गर्भवती हो गयी, इस मामले को भी दबा दिया गया। बूटी मोड़ की जिस लड़की की बलात्कार कर नृशंस हत्या कर दी गयी, उस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया, सीबीआई कहती है कि अभी तक उसे इस संबंध में कोई प्रपत्र प्राप्त ही नहीं हुआ, जबकि इसी मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास का बयान आया था कि इस कांड में सफेदपोश लोग भी शामिल है, जल्द उन्हें पकड़ लिया जायेगा, पर क्या हुआ? कोई अभी तक पकड़ा नहीं जा सका, यानी महिलाएं आज भी असुरक्षित महसूस कर रही है, झारखण्ड में।
2. गो हत्या तो यहां आम बात है, रांची की सड़कों पर बड़ी संख्या में सुबह, दोपहर और शाम को इस धंधे में लगे लोग, गायों को लाते है और कत्लखानों में भेज देते है, आज भी इस राज्य में बड़ी संख्या में अवैध बूचड़खानें चल रहे है, पर रघुवर दास की हिम्मत नहीं कि इन पर बुलडोजर चला दें।
3. सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों का हाल ये है कि उन्हें प्रशासन का डर ही नहीं, जमकर भ्रष्टाचार है, बिना पैसे के कोई काम हो ही नहीं सकता, और यह पैसा नीचे से लेकर उपर तक जाता है, जबकि सत्ता इन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ ही मिला था।
4. कानून – व्यवस्था तो पूर्णतः चौपट है, धनबाद में पूर्व मेयर नीरज सिंह समेत 4 की हत्या तो एक बानगी है।
5. मुख्यमंत्री क्या बोलते है? क्या करते है? भगवान ही मालिक है... ...ज्यादा जानकारी के लिए आज का अखबार पढ़ लीजिये, मुख्यमंत्री का भाषण छपा है, जो एक कार्यक्रम से संबंधित है, चूंकि मुख्यमंत्री रघुवर दास के आस-पास मूर्खों का जाल है, ऐसे भी मुख्यमंत्री रघुवर दास को लगता है कि ये मूर्ख ही सर्वाधिक विद्वान है, जिसका नतीजा सामने है, पूरे राज्य में मुख्यमंत्री रघुवर दास और झारखण्ड के सम्मान का बट्टा लग रहा है, याद करिये इस राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 8 मार्च को एक पीड़ित पिता के साथ कैसा दुर्व्यवहार किया था, जिसके कारण पूरे देश में मुख्यमंत्री रघुवर दास की थू-थू हुई थी, जिसे अखबार और चैनलवालों ने नहीं उठाया, बल्कि सोशल साइट ने इसे मुद्दा बनाया।
तो जहां ऐसे मुख्यमंत्री का राज चल रहा हो, जो कनफूकवों की मदद से चलती हो, उस राज्य के मुख्यमंत्री का क्या हाल होगा? आप समझते रहिये। फिलहाल झारखण्ड में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छाये हुए है... ...अपने विवादित बयानों से नहीं, बल्कि कार्य शैली से और एक जनाब अपने मुख्यमंत्री रघुवर दास उर्फ शाहरुख खान है... ...जो अपने ही राज्य में बेगाने हो चले है।
मैं तो कहता हूं कि अभी भी मौका है, मुख्यमंत्री अपनी कार्यशैली में सुधार लाये, नहीं तो पता चलेगा कि 2019 की लोकसभा चुनाव में हर राज्य से, भाजपा सीट ला रही है और झारखण्ड में कांग्रेस तथा झामुमो की लॉटरी निकल गई है...

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