मुख्यमंत्री रघुवर दास की भतीजी (मुख्यमंत्री रघुवर दास के भाई मूलचंद की बेटी) का पति फोटो जर्नलिस्ट मदन साहु की पत्नी के साथ हीरे नामक सिक्ख युवक ने छेड़खानी की, जिसकी प्राथमिकी गोलमुरी थाने में दर्ज करा दी गयी, चूंकि मामला मुख्यमंत्री रघुवर दास से जुड़ा था, जिस महिला के साथ छेड़खानी हुई, वो महिला रघुवर दास के भाई मूलचंद की बेटी है। हाई प्रोफाइल मामला देख पुलिस ने दबिश बढ़ाई, और हीरे ने गोलमुरी थाने में स्वयं को आत्मसमर्पण करा दिया।
इसी बीच रघुवर दास के भाई मूलचंद और उनके रिश्तेदारों पर आरोप है कि हीरे की उन सब ने मिलकर हाजत में पिटाई कर दी, जिससे हीरे के पक्ष में सारा सिक्ख समाज आ खड़ा हुआ, तथा मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों पर कार्रवाई करने के लिए हंगामा खड़ा कर दिया, दूसरी ओर रांची आकर सिक्ख समाज के कुछ लोग मुख्यमंत्री रघुवर दास से स्वयं आकर मिले और इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्वयं पुलिस को ईमानदारी के साथ तथा बिना किसी पक्षपात के जांच करने और दोषियों को दंडित करने का आदेश दिया। फिर क्या था? इधर मुख्यमंत्री रघुवर दास के रिश्तेदार मुख्यमंत्री रघुवर दास से बिदक गये, उन्हें लगा था कि वे मुख्यमंत्री के रिश्तेदार है, तो इसका उन्हें लाभ मिलेगा, पर ऐसा संभव नहीं हुआ...
दूसरी ओर सिक्ख समाज छेड़खानी करनेवाले युवक हीरे को बचाने मे लगा है...
जमशेदपुर में पत्रकारों का दल किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया है कि वह करें तो क्या करें? चूंकि मामला फोटो जर्नलिस्ट की पत्नी के साथ छेड़खानी का भी है, ऐसे में वह फोटो जर्नलिस्ट के साथ खड़ा रहे या मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास जाकर छेड़खानी करनेवाले युवक को दंडित करने का अनुरोध करें...
जमशेदपुर में एक पक्ष वह भी है, जो भाजपा से ही जुड़ा है और चाहता है कि इस मुद्दे को सिक्खों की पिटाई से जोड़कर मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके रिश्तेदारों को ऐसा जलील कर दें कि राजनीतिक रुप से रघुवर दास को बौना सिद्ध कर दिया जाये, साथ ही यह दिखाया जाय कि देखो, जमशेदपुर में रघुवर दास के परिवार के लोगों ने क्या उधम मचा रखी है...
हमारा मानना है...
कि ऐसी घटिया सोच, ऐसी राजनीति समाज के लिए खतरनाक है, गलत जिस किसी ने भी किया हो, उसे सजा मिलनी चाहिए...
अगर गलत हीरे ने की, जिसने एक महिला के साथ छेड़खानी की तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए, चाहे वह किसी भी समाज से आता हो, छेड़खानी करनेवालों को बचाना, बहुत बड़ा अपराध है...
दूसरी ओर कानून को अपने हाथ में लेनेवालों को भी, दंड मिलना ही चाहिए, क्योंकि सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के भाई मूलचंद और उनके रिश्तेदारों की हरकतें भी पुलिस और स्थानीय समाज के प्रति सहीं नहीं है...
और ऐसे मामलों को राजनीति में उलझाने और उसका राजनीतिक माइलेज लेनेवालों को समाज के सामने नंगा करना चाहिए ताकि लोग जान सकें कि ये कौन लोग है? जो एक महिला के सम्मान को भी राजनीतिक चश्में से देखते है...
सचमुच इस मुद्दे पर जिस प्रकार से मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी प्रतिक्रिया दी और स्थानीय पुलिस को जो दिशा-निर्देश दिया, इस मुद्दे पर इनकी सराहना करनी होगी, स्थानीय पुलिस से भी अनुरोध है कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक न बनाकर, इंसानियत के चश्मे से इसे देखे और इस समस्या का शीघ्रातिशीघ्र हल निकालें।
इसी बीच रघुवर दास के भाई मूलचंद और उनके रिश्तेदारों पर आरोप है कि हीरे की उन सब ने मिलकर हाजत में पिटाई कर दी, जिससे हीरे के पक्ष में सारा सिक्ख समाज आ खड़ा हुआ, तथा मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों पर कार्रवाई करने के लिए हंगामा खड़ा कर दिया, दूसरी ओर रांची आकर सिक्ख समाज के कुछ लोग मुख्यमंत्री रघुवर दास से स्वयं आकर मिले और इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्वयं पुलिस को ईमानदारी के साथ तथा बिना किसी पक्षपात के जांच करने और दोषियों को दंडित करने का आदेश दिया। फिर क्या था? इधर मुख्यमंत्री रघुवर दास के रिश्तेदार मुख्यमंत्री रघुवर दास से बिदक गये, उन्हें लगा था कि वे मुख्यमंत्री के रिश्तेदार है, तो इसका उन्हें लाभ मिलेगा, पर ऐसा संभव नहीं हुआ...
दूसरी ओर सिक्ख समाज छेड़खानी करनेवाले युवक हीरे को बचाने मे लगा है...
जमशेदपुर में पत्रकारों का दल किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया है कि वह करें तो क्या करें? चूंकि मामला फोटो जर्नलिस्ट की पत्नी के साथ छेड़खानी का भी है, ऐसे में वह फोटो जर्नलिस्ट के साथ खड़ा रहे या मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास जाकर छेड़खानी करनेवाले युवक को दंडित करने का अनुरोध करें...
जमशेदपुर में एक पक्ष वह भी है, जो भाजपा से ही जुड़ा है और चाहता है कि इस मुद्दे को सिक्खों की पिटाई से जोड़कर मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके रिश्तेदारों को ऐसा जलील कर दें कि राजनीतिक रुप से रघुवर दास को बौना सिद्ध कर दिया जाये, साथ ही यह दिखाया जाय कि देखो, जमशेदपुर में रघुवर दास के परिवार के लोगों ने क्या उधम मचा रखी है...
हमारा मानना है...
कि ऐसी घटिया सोच, ऐसी राजनीति समाज के लिए खतरनाक है, गलत जिस किसी ने भी किया हो, उसे सजा मिलनी चाहिए...
अगर गलत हीरे ने की, जिसने एक महिला के साथ छेड़खानी की तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए, चाहे वह किसी भी समाज से आता हो, छेड़खानी करनेवालों को बचाना, बहुत बड़ा अपराध है...
दूसरी ओर कानून को अपने हाथ में लेनेवालों को भी, दंड मिलना ही चाहिए, क्योंकि सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के भाई मूलचंद और उनके रिश्तेदारों की हरकतें भी पुलिस और स्थानीय समाज के प्रति सहीं नहीं है...
और ऐसे मामलों को राजनीति में उलझाने और उसका राजनीतिक माइलेज लेनेवालों को समाज के सामने नंगा करना चाहिए ताकि लोग जान सकें कि ये कौन लोग है? जो एक महिला के सम्मान को भी राजनीतिक चश्में से देखते है...
सचमुच इस मुद्दे पर जिस प्रकार से मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी प्रतिक्रिया दी और स्थानीय पुलिस को जो दिशा-निर्देश दिया, इस मुद्दे पर इनकी सराहना करनी होगी, स्थानीय पुलिस से भी अनुरोध है कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक न बनाकर, इंसानियत के चश्मे से इसे देखे और इस समस्या का शीघ्रातिशीघ्र हल निकालें।
No comments:
Post a Comment