मोदी और नीतीश से अपील...
प्रभात खबर को साधुवाद...
सचमुच चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने के अवसर पर प्रभात खबर ने जो दो पृष्ठों का विशेष परिशिष्ट, वह भी मुख्य पृष्ठ पर दिया है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाय कम है। ऐसे अवसरों पर देश व राज्यों के बच्चों को यह बताना कि आज का दिन कितना महत्वपूर्ण है, इसकी जिम्मेवारी लेना बहुत बड़ी बात है। अच्छा होता कि देश व राज्य के सभी अखबार चंपारण सत्याग्रह के महत्व को समझते, पर ऐसा संभव नहीं हुआ है। हम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी अनुरोध करेंगे कि चूंकि चंपारण सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का टर्निंग प्वाइंट है, इसलिए इसे सामान्य समझने का भूल न करें और इस समय का देशहित में सही फायदा उठाये, क्योंकि सच्चाई यह है कि चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे हो जाने के बाद भी नई पीढ़ी को यह पता ही नहीं कि चंपारण सत्याग्रह का स्वतंत्रता आंदोलन में क्या भूमिका रही है? जबकि इतिहासकार और स्वतंत्रता सेनानियों का दल स्वीकार करता है कि गांधी को गांधी बनाने में चंपारण की भूमिका प्रमुख रही। यहीं कारण रहा कि सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता रिचर्ड एटनबरो ने भी अपनी फिल्म गांधी में इसका खुबसुरती से चित्रण किया है।
अतः भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध है कि वे अपने-अपने स्तर पर देश व राज्य के विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों में चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने के अवसर पर रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी अवश्य दिखाये, हो सके तो एक बार फिर दूरदर्शन पर इस फिल्म को पुनः दिखाया जाय, साथ ही गांधी के जीवनवृत्त, जिसमें चंपारण सत्याग्रह का विशेष जिक्र हो, इसकी एक लघु पत्रिका बनवाकर, जन-जन तक पहुंचाये जाये, ताकि लोग गांधी और चंपारण सत्याग्रह को आज के परिपेक्ष्य में कम से कम भूल न पायें...
यह समय की मांग भी है, क्योंकि वर्तमान में गांधी को भूलना, चंपारण को भूलना देश और बिहार दोनों के लिए आत्मघाती होगा।
#narendramodi #nitishkumar
प्रभात खबर को साधुवाद...
सचमुच चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने के अवसर पर प्रभात खबर ने जो दो पृष्ठों का विशेष परिशिष्ट, वह भी मुख्य पृष्ठ पर दिया है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाय कम है। ऐसे अवसरों पर देश व राज्यों के बच्चों को यह बताना कि आज का दिन कितना महत्वपूर्ण है, इसकी जिम्मेवारी लेना बहुत बड़ी बात है। अच्छा होता कि देश व राज्य के सभी अखबार चंपारण सत्याग्रह के महत्व को समझते, पर ऐसा संभव नहीं हुआ है। हम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी अनुरोध करेंगे कि चूंकि चंपारण सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का टर्निंग प्वाइंट है, इसलिए इसे सामान्य समझने का भूल न करें और इस समय का देशहित में सही फायदा उठाये, क्योंकि सच्चाई यह है कि चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे हो जाने के बाद भी नई पीढ़ी को यह पता ही नहीं कि चंपारण सत्याग्रह का स्वतंत्रता आंदोलन में क्या भूमिका रही है? जबकि इतिहासकार और स्वतंत्रता सेनानियों का दल स्वीकार करता है कि गांधी को गांधी बनाने में चंपारण की भूमिका प्रमुख रही। यहीं कारण रहा कि सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता रिचर्ड एटनबरो ने भी अपनी फिल्म गांधी में इसका खुबसुरती से चित्रण किया है।
अतः भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध है कि वे अपने-अपने स्तर पर देश व राज्य के विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों में चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने के अवसर पर रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी अवश्य दिखाये, हो सके तो एक बार फिर दूरदर्शन पर इस फिल्म को पुनः दिखाया जाय, साथ ही गांधी के जीवनवृत्त, जिसमें चंपारण सत्याग्रह का विशेष जिक्र हो, इसकी एक लघु पत्रिका बनवाकर, जन-जन तक पहुंचाये जाये, ताकि लोग गांधी और चंपारण सत्याग्रह को आज के परिपेक्ष्य में कम से कम भूल न पायें...
यह समय की मांग भी है, क्योंकि वर्तमान में गांधी को भूलना, चंपारण को भूलना देश और बिहार दोनों के लिए आत्मघाती होगा।
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