सिर्फ मुख्यमंत्री रघुवर दास से....
कल की ही बात है...
मैं स्टेशन रोड से गुजर रहा था, कि मैंने देखा कि सड़क के किनारे सोमा उरांव कुछ गा रहा था और लोग उसकी गाने को सुनकर मजे ले रहे थे, जरा गाने का बोल देखिये...
न मंत्री खुश
न विधायक खुश
कनफूंकवे खुश तो
रघुवर खुश...
न जनता खुश
न कार्यकर्ता खुश
कनफूंकवे खुश तो
रघुवर खुश...
न सच्चे अधिकारी खुश
न सच्चे कर्मचारी खुश
कनफूंकवे खुश तो
रघुवर खुश...
न पेड़ के पत्ते खुश
न खेत – खलिहान ही खुश
कनफूंकवे खुश तो
रघुवर खुश...
न सदन खुश
न भवन खुश
कनफूंकवे संग तो रघुवर खुश
रघुवर खुश, रघुवर खुश...
ये आवाज, ये बोल, बहुत कुछ कह रहे है। जनता नाराज है, कार्यकर्ता नाराज है, विधायक नाराज है, अब तो मंत्री भी नाराज हो चले है, सहयोगी तो पहले से ही नाराज चल रहे थे, अगर ये नाराजगी को रोकने की कोशिश नहीं की गयी और आप गर्व में रहने की कोशिश करेंगे तो ये गर्व आपके लिए महंगा साबित हो जायेगा, मुख्यमंत्री रघुवर दास जी... यहीं मौका है, स्वयं में सुधार लाने का, सही निर्णय लेने का, कनफूंकवे आपको बहुत डैमेज कर चुके है, जो आपको राह दिखा रहे है, उनकी बात सुनिये, नहीं तो आप जानते ही है कि इसका परिणाम क्या होगा? रोकिये उन्हें, उन लोगों को जो अच्छे है, और झारखण्ड छोड़कर जाना चाहते है, आखिर क्यों जायेंगे वे, यहां भी वे जनसेवा कर सकते है, पर आपने जो कनफूंकवों की बातों में आकर कुछ निर्णय लिये है, वे झारखण्ड के लिए महंगे साबित हो रहे है...
कुछ सवाल मुख्यमंत्री जी आपसे, ये जनता के सवाल है...
1, आखिर आपके ही कार्यकर्ता आपसे नाराज क्यों है?
2. आखिर ढुलू महतो जिनका अपराधिक पृष्ठभूमि रहा है, ऐसे विधायकों पर आप इतना प्यार क्यों लूटा रहे है?
3. राज्य सरकार शराब बेचे, क्या ये किसी भी दृष्टिकोण से उचित है? वह भी उस पार्टी द्वारा जिनके नेता पं. दीन दयाल उपाध्याय और डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रहे हो।
4. क्या अपने कैबिनेट के मंत्रियों की बात को अनसुनी कर देना और सिर्फ अपनी ही बात रखना, सहीं है?
5. आखिर सरयू राय, सी पी सिंह जैसे मंत्री जिनका कार्यकर्ताओं के बीच, संगठन में भी जनाधार है, उनकी बातों को आप क्यों नहीं तवज्जों दे रहे है?
6. आपसे विक्षुब्ध मंत्रियों का दल, आपके द्वारा लिये जा रहे एकतरफा निर्णयों से इतना नाराज क्यों है?
7. आखिर इन मंत्रियों और नेताओं को ये क्यों लग रहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री आप नहीं, कोई और है?
8. पहली बार, आप ही के एक विधायक फूलचंद मंडल ने आप पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, अगर देखा जाय तो पहली बार राज्य के किसी मुख्यमंत्री पर इस प्रकार का आरोप लगा है, आपको नहीं लगता कि ये राज्य के लिए सुखद नहीं है, जनता आपसे जवाब चाहती है?
9. पहली बार राज्य में देखा गया कि जिस विभाग का संचालन मुख्यमंत्री कर रहे है, उस विभाग ने आदिवासी समुदाय से आनेवाली झारखण्ड की राज्यपाल ही नहीं बल्कि एक दलित मंत्री का भी अपमान किया, ऐसे लोग या संस्थान जिन्होंने इस प्रकार का कृत्य किया, इस पर आप क्या एक्शन लेने जा रहे है?
10. आखिर मूर्खों द्वारा आयातित कंपनियां जो आपके ब्रांडिंग के लिए राज्य में लाई गयी और जिन्होंने विज्ञापन के नाम पर राज्य के सम्मान को ठेस पहुंचाया, उनको आप कब ब्लैक लिस्टेड करने जा रहे है?
11. मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में पूर्व में कार्यरत जो बालिकाएं महिला आयोग को पत्र लिखी थी और जो आपसे भी न्याय का गुहार लगायी थी, उन बालिकाओं को आप कब न्याय दिलायेंगे?
12. आखिर संजय कुमार जैसे अधिकारी का झारखण्ड से मोहभंग इतनी जल्दी कैसे हो गया? ये भी जनता जानना चाहती है।
कल की ही बात है...
मैं स्टेशन रोड से गुजर रहा था, कि मैंने देखा कि सड़क के किनारे सोमा उरांव कुछ गा रहा था और लोग उसकी गाने को सुनकर मजे ले रहे थे, जरा गाने का बोल देखिये...
न मंत्री खुश
न विधायक खुश
कनफूंकवे खुश तो
रघुवर खुश...
न जनता खुश
न कार्यकर्ता खुश
कनफूंकवे खुश तो
रघुवर खुश...
न सच्चे अधिकारी खुश
न सच्चे कर्मचारी खुश
कनफूंकवे खुश तो
रघुवर खुश...
न पेड़ के पत्ते खुश
न खेत – खलिहान ही खुश
कनफूंकवे खुश तो
रघुवर खुश...
न सदन खुश
न भवन खुश
कनफूंकवे संग तो रघुवर खुश
रघुवर खुश, रघुवर खुश...
ये आवाज, ये बोल, बहुत कुछ कह रहे है। जनता नाराज है, कार्यकर्ता नाराज है, विधायक नाराज है, अब तो मंत्री भी नाराज हो चले है, सहयोगी तो पहले से ही नाराज चल रहे थे, अगर ये नाराजगी को रोकने की कोशिश नहीं की गयी और आप गर्व में रहने की कोशिश करेंगे तो ये गर्व आपके लिए महंगा साबित हो जायेगा, मुख्यमंत्री रघुवर दास जी... यहीं मौका है, स्वयं में सुधार लाने का, सही निर्णय लेने का, कनफूंकवे आपको बहुत डैमेज कर चुके है, जो आपको राह दिखा रहे है, उनकी बात सुनिये, नहीं तो आप जानते ही है कि इसका परिणाम क्या होगा? रोकिये उन्हें, उन लोगों को जो अच्छे है, और झारखण्ड छोड़कर जाना चाहते है, आखिर क्यों जायेंगे वे, यहां भी वे जनसेवा कर सकते है, पर आपने जो कनफूंकवों की बातों में आकर कुछ निर्णय लिये है, वे झारखण्ड के लिए महंगे साबित हो रहे है...
कुछ सवाल मुख्यमंत्री जी आपसे, ये जनता के सवाल है...
1, आखिर आपके ही कार्यकर्ता आपसे नाराज क्यों है?
2. आखिर ढुलू महतो जिनका अपराधिक पृष्ठभूमि रहा है, ऐसे विधायकों पर आप इतना प्यार क्यों लूटा रहे है?
3. राज्य सरकार शराब बेचे, क्या ये किसी भी दृष्टिकोण से उचित है? वह भी उस पार्टी द्वारा जिनके नेता पं. दीन दयाल उपाध्याय और डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रहे हो।
4. क्या अपने कैबिनेट के मंत्रियों की बात को अनसुनी कर देना और सिर्फ अपनी ही बात रखना, सहीं है?
5. आखिर सरयू राय, सी पी सिंह जैसे मंत्री जिनका कार्यकर्ताओं के बीच, संगठन में भी जनाधार है, उनकी बातों को आप क्यों नहीं तवज्जों दे रहे है?
6. आपसे विक्षुब्ध मंत्रियों का दल, आपके द्वारा लिये जा रहे एकतरफा निर्णयों से इतना नाराज क्यों है?
7. आखिर इन मंत्रियों और नेताओं को ये क्यों लग रहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री आप नहीं, कोई और है?
8. पहली बार, आप ही के एक विधायक फूलचंद मंडल ने आप पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, अगर देखा जाय तो पहली बार राज्य के किसी मुख्यमंत्री पर इस प्रकार का आरोप लगा है, आपको नहीं लगता कि ये राज्य के लिए सुखद नहीं है, जनता आपसे जवाब चाहती है?
9. पहली बार राज्य में देखा गया कि जिस विभाग का संचालन मुख्यमंत्री कर रहे है, उस विभाग ने आदिवासी समुदाय से आनेवाली झारखण्ड की राज्यपाल ही नहीं बल्कि एक दलित मंत्री का भी अपमान किया, ऐसे लोग या संस्थान जिन्होंने इस प्रकार का कृत्य किया, इस पर आप क्या एक्शन लेने जा रहे है?
10. आखिर मूर्खों द्वारा आयातित कंपनियां जो आपके ब्रांडिंग के लिए राज्य में लाई गयी और जिन्होंने विज्ञापन के नाम पर राज्य के सम्मान को ठेस पहुंचाया, उनको आप कब ब्लैक लिस्टेड करने जा रहे है?
11. मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में पूर्व में कार्यरत जो बालिकाएं महिला आयोग को पत्र लिखी थी और जो आपसे भी न्याय का गुहार लगायी थी, उन बालिकाओं को आप कब न्याय दिलायेंगे?
12. आखिर संजय कुमार जैसे अधिकारी का झारखण्ड से मोहभंग इतनी जल्दी कैसे हो गया? ये भी जनता जानना चाहती है।
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