बच्चों,
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास में क्या अंतर है? वर्णन करें।
उत्तर – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास में निम्नलिखित अंतर है...
1. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी बुद्धिमता और कार्यकुशलता के आधार पर बिहार के मुख्यमंत्री बने, जबकि रघुवर दास भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कृपा पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री बने है।
2. बिहार के मुख्यमंत्री शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाते है, जबकि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास शराब पिलाकर जनता को काल के गाल में समाने का प्रबंध करते है।
3. बिहार के मुख्यमंत्री सुशासन बाबू के नाम से जाने जाते है, जबकि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, शाहरुख खान के नाम से जाने जाते है।
4. बिहार के मुख्यमंत्री गुरु गोविंद सिंह महाराज की 350वीं जयंती को इस प्रकार से मनाते है कि सारा विश्व उनका मुरीद हो जाता है, जबकि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास मोमेंटम झारखण्ड कराते है जो रांची में ही रहकर सिमट जाता है, यहां तक कि देश के ही बहुत बड़े उद्योगपति इनके कार्यक्रम से दूरी बना लेते है।
5. बिहार के मुख्यमंत्री के कार्यों से वहां के आईएएस की हालत पस्त रहती है, जबकि झारखण्ड के आईएएस के कार्यों से झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की हालत पस्त रहती है।
6. बिहार में तीन दलों की सरकार होने के बावजूद वहां नीतीश कुमार की तू-ती बोलती है, जबकि झारखण्ड में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद यहां रघुवर सरकार की नहीं, बल्कि कनफूंकवों की चलती है।
7. बिहार में लड़कियों-महिलाओं का सम्मान सुरक्षित है, पर झारखण्ड में स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा चलाये जा रहे मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में महिलाएं सुरक्षित नहीं, और जब ये महिलाएं मुख्यमंत्री तक अपना आवाज बुलंद करती है, तो उनकी आवाज को सख्ती से दबा दिया जाता है।
8. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम में वहां कोई आईएएस अधिकारी भाषण नहीं देता, झारखण्ड में मुख्यमंत्री रघुवर दास इनका मनोबल बढ़ाते है, ताकि आनेवाले समय में ये अधिकारी लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ सके।
9. बिहार का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से निकला विज्ञापन राज्य का मान बढ़ाता है, जबकि झारखण्ड का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग अपने ही विज्ञापन में राज्य को बंगाल की खाड़ी में फेंक देता है, राज्यपाल का सम्मान नहीं करता और अपने पुरुष मंत्री को स्त्री मंत्री के रुप में पेश करता है।
10. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वक्तव्य लेने के लिए, सुनने के लिए मीडिया तरसती है, जबकि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का वक्तव्य मजाक का पात्र बन जाता है, उदाहरण अनेक है – फिलहाल फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट ने ही इनकी हवा निकाल दी है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास में क्या अंतर है? वर्णन करें।
उत्तर – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास में निम्नलिखित अंतर है...
1. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी बुद्धिमता और कार्यकुशलता के आधार पर बिहार के मुख्यमंत्री बने, जबकि रघुवर दास भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कृपा पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री बने है।
2. बिहार के मुख्यमंत्री शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाते है, जबकि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास शराब पिलाकर जनता को काल के गाल में समाने का प्रबंध करते है।
3. बिहार के मुख्यमंत्री सुशासन बाबू के नाम से जाने जाते है, जबकि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, शाहरुख खान के नाम से जाने जाते है।
4. बिहार के मुख्यमंत्री गुरु गोविंद सिंह महाराज की 350वीं जयंती को इस प्रकार से मनाते है कि सारा विश्व उनका मुरीद हो जाता है, जबकि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास मोमेंटम झारखण्ड कराते है जो रांची में ही रहकर सिमट जाता है, यहां तक कि देश के ही बहुत बड़े उद्योगपति इनके कार्यक्रम से दूरी बना लेते है।
5. बिहार के मुख्यमंत्री के कार्यों से वहां के आईएएस की हालत पस्त रहती है, जबकि झारखण्ड के आईएएस के कार्यों से झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की हालत पस्त रहती है।
6. बिहार में तीन दलों की सरकार होने के बावजूद वहां नीतीश कुमार की तू-ती बोलती है, जबकि झारखण्ड में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद यहां रघुवर सरकार की नहीं, बल्कि कनफूंकवों की चलती है।
7. बिहार में लड़कियों-महिलाओं का सम्मान सुरक्षित है, पर झारखण्ड में स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा चलाये जा रहे मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में महिलाएं सुरक्षित नहीं, और जब ये महिलाएं मुख्यमंत्री तक अपना आवाज बुलंद करती है, तो उनकी आवाज को सख्ती से दबा दिया जाता है।
8. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम में वहां कोई आईएएस अधिकारी भाषण नहीं देता, झारखण्ड में मुख्यमंत्री रघुवर दास इनका मनोबल बढ़ाते है, ताकि आनेवाले समय में ये अधिकारी लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ सके।
9. बिहार का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से निकला विज्ञापन राज्य का मान बढ़ाता है, जबकि झारखण्ड का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग अपने ही विज्ञापन में राज्य को बंगाल की खाड़ी में फेंक देता है, राज्यपाल का सम्मान नहीं करता और अपने पुरुष मंत्री को स्त्री मंत्री के रुप में पेश करता है।
10. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वक्तव्य लेने के लिए, सुनने के लिए मीडिया तरसती है, जबकि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का वक्तव्य मजाक का पात्र बन जाता है, उदाहरण अनेक है – फिलहाल फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट ने ही इनकी हवा निकाल दी है।

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