मुख्यमंत्री रघुवर दास उर्फ शाहरूख खान को कोई बतायें कि जब तक झारखण्ड को सही रूप में मुक्ति नहीं मिल जाता, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की आवश्यकता बनी रहेगी, हां ये अलग बात है कि इसका नेतृत्व कौन करेगा?
सच्चाई यह है कि इस सरकार के दो साल बीत गये। इस सरकार ने योजना बनाओ अभियान भी चलाया पर स्थिति क्या है? योजना बनाओ अभियान के माध्यम से कनफूंकवे, अधिकारी और ठेकेदार मालामाल हो गये, कमीशन का ऐसा धंधा चलाया कि कहीं काम नहीं दीख रहा और जनता लूटती चली जा रही है। जरा पूछिये इस मुख्यमंत्री रघुवर दास उर्फ शाहरूख खान से आखिर क्या कारण है कि झारखण्ड में ही भाजपा के वरिष्ठ नेता कड़िया मुंडा उसकी आलोचना क्यों करते है? आखिर क्या वजह है कि सरयू राय, सी पी सिंह जैसे नेता कैबिनेट में ही सरकार को कटघरे में क्यों खड़ा कर देते है? मैं कहूंगा कि रघुवर दास उर्फ शाहरूख कान ज्यादा काबिल न बने, क्योंकि अब तो भाजपा कार्यकर्ता भी एक मौका खोज रहे है कि इस सरकार की कब बिदाई की जाय?, जिस दिन मौका मिल गया, रघुवर सरकार की औकात बताकर सर्वाधिक खुश भाजपा कार्यकर्ता ही होंगे न कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा।
जरा देखिये कल तक स्वयं को हनुमान बताने वाला राज्य का मुख्यमंत्री रघुवर दास उर्फ शाहरूख खान स्वयं को भगवान राम से तुलना कर रहा है। कल जमशेदपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आलोचना तो भगवान राम की भी हुई थी, पर उसे मालूम नहीं कि भगवान राम ने एक स्त्री के सम्मान के लिए लंकाधिपति रावण को उसके किये की सजा दी थी, पर क्या ये रघुवर दास उर्फ शाहरूख खान बता सकता है कि उसके राज्य में स्त्रियों और बालिकाओं के सम्मान की रक्षा का क्या हाल है? ये तो वहीं हाल हो गयी, चला मुरारी हीरो बनने... अरे यार पहले कुछ करके दिखाओ, उसके बाद बोलो, तो अच्छा भी लगेगा।
तुम्हारे ही मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में लड़कियों का क्या हाल है? आखिर क्या वजह हुई कि मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र की दो लड़कियों ने राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया और आप तक अपनी आवाज पहुंचायी, पर नतीजा क्या निकला?, आपने उसकी आवाज ही दबा दी।
आज भी बूटी मोड़ कांड में दुष्कर्म की शिकार व मृत छात्रा की आत्मा आपको धिक्कार रही है, कभी आपको उसकी आत्मा की आवाज सुनाई पड़ी है। अरे आपको पलामू के छात्रों का समूह एक ज्ञापन देने जा रहे थे, उस ज्ञापन में वनांचल कालेज की छात्रा सोनाली की संदिग्ध मौत का मामला था, पर आपने तो उसकी अनसूनी कर दी, उलटे छात्रों पर लाठीचार्ज करा दिया। बताओ झारखण्ड के कस्तूरबा बालिका विद्यालय का क्या हाल है? गढ़वां के कस्तूरबा बालिका विद्यालय में एक बालिका गर्भवती कैसे हो गयी? ...और कैसे आपने ये मामला दबवा दिया। चले है, राम बनने, अरे आप रावण भी बन जाओ तो हमें खुशी होगी, क्योंकि रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के सम्मान की रक्षा के लिए पूरे लंका को दांव पर लगा दिया... अरे ये तो यहां की अखबार और चैनल है, जो आपकी स्तुति गा रहे है। नहीं तो, आम जनता की नजरों में तो आप कब के गिर चुके हो, जनता तो कब का आपको नजरंदाज कर चुकी है...
अखबार और चैनलवालों की क्या कहूं... ...उनकी हरकत ऐसी है कि हरकत भी शरमा जाये। शायद इन्हीं हरकतों को देखकर किसी ने लिखा है...
हैं रखैले तख्त की ये कीमती कलमें,
कंठ में इनके स्वयं का स्वर नहीं होता।
ये सियासत के दामन का खिलौना हैं,
ये किसी के आंसुओं से तर नहीं होतीं।।
हां, एक बात और, आज हमें खुशी हुई कि एक पत्रकार और शिशु भ्रूण हत्या को लेकर आंदोलन खड़ी करनेवाली महिला को किसी ने आंख उठाकर देखने की कोशिश की, जिसका जवाब उक्त महिला ने कड़े शब्दों में प्रतिकार कर दिया है, अगर यहीं प्रतिकार की ज्वाला राज्य की हर महिलाओं के मुख से निकलने प्रारंभ हो तो फिर किसी की हिम्मत नहीं होगी कि कोई महिला का अपमान करने का दुस्साहस कर सकें, मैं उक्त महिला के प्रति अपना सम्मान प्रकट करता हूं, साथ ही उन तमाम बालिकाओं और महिलाओं से गुजारिश करूंगा कि आप ऐसे मुख्यमंत्री रघुवर दास उर्फ शाहरूख खान पर विश्वास न करें, जो कभी हनुमान तो कभी राम से स्वयं की तुलना करता हो, आप स्वयं वीर बने, साहसी बने, लक्ष्मीबाई बने ताकि किसी की हिम्मत न हो, आप को आंख उठाकर देखने की...
सच्चाई यह है कि इस सरकार के दो साल बीत गये। इस सरकार ने योजना बनाओ अभियान भी चलाया पर स्थिति क्या है? योजना बनाओ अभियान के माध्यम से कनफूंकवे, अधिकारी और ठेकेदार मालामाल हो गये, कमीशन का ऐसा धंधा चलाया कि कहीं काम नहीं दीख रहा और जनता लूटती चली जा रही है। जरा पूछिये इस मुख्यमंत्री रघुवर दास उर्फ शाहरूख खान से आखिर क्या कारण है कि झारखण्ड में ही भाजपा के वरिष्ठ नेता कड़िया मुंडा उसकी आलोचना क्यों करते है? आखिर क्या वजह है कि सरयू राय, सी पी सिंह जैसे नेता कैबिनेट में ही सरकार को कटघरे में क्यों खड़ा कर देते है? मैं कहूंगा कि रघुवर दास उर्फ शाहरूख कान ज्यादा काबिल न बने, क्योंकि अब तो भाजपा कार्यकर्ता भी एक मौका खोज रहे है कि इस सरकार की कब बिदाई की जाय?, जिस दिन मौका मिल गया, रघुवर सरकार की औकात बताकर सर्वाधिक खुश भाजपा कार्यकर्ता ही होंगे न कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा।
जरा देखिये कल तक स्वयं को हनुमान बताने वाला राज्य का मुख्यमंत्री रघुवर दास उर्फ शाहरूख खान स्वयं को भगवान राम से तुलना कर रहा है। कल जमशेदपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आलोचना तो भगवान राम की भी हुई थी, पर उसे मालूम नहीं कि भगवान राम ने एक स्त्री के सम्मान के लिए लंकाधिपति रावण को उसके किये की सजा दी थी, पर क्या ये रघुवर दास उर्फ शाहरूख खान बता सकता है कि उसके राज्य में स्त्रियों और बालिकाओं के सम्मान की रक्षा का क्या हाल है? ये तो वहीं हाल हो गयी, चला मुरारी हीरो बनने... अरे यार पहले कुछ करके दिखाओ, उसके बाद बोलो, तो अच्छा भी लगेगा।
तुम्हारे ही मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में लड़कियों का क्या हाल है? आखिर क्या वजह हुई कि मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र की दो लड़कियों ने राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया और आप तक अपनी आवाज पहुंचायी, पर नतीजा क्या निकला?, आपने उसकी आवाज ही दबा दी।
आज भी बूटी मोड़ कांड में दुष्कर्म की शिकार व मृत छात्रा की आत्मा आपको धिक्कार रही है, कभी आपको उसकी आत्मा की आवाज सुनाई पड़ी है। अरे आपको पलामू के छात्रों का समूह एक ज्ञापन देने जा रहे थे, उस ज्ञापन में वनांचल कालेज की छात्रा सोनाली की संदिग्ध मौत का मामला था, पर आपने तो उसकी अनसूनी कर दी, उलटे छात्रों पर लाठीचार्ज करा दिया। बताओ झारखण्ड के कस्तूरबा बालिका विद्यालय का क्या हाल है? गढ़वां के कस्तूरबा बालिका विद्यालय में एक बालिका गर्भवती कैसे हो गयी? ...और कैसे आपने ये मामला दबवा दिया। चले है, राम बनने, अरे आप रावण भी बन जाओ तो हमें खुशी होगी, क्योंकि रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के सम्मान की रक्षा के लिए पूरे लंका को दांव पर लगा दिया... अरे ये तो यहां की अखबार और चैनल है, जो आपकी स्तुति गा रहे है। नहीं तो, आम जनता की नजरों में तो आप कब के गिर चुके हो, जनता तो कब का आपको नजरंदाज कर चुकी है...
अखबार और चैनलवालों की क्या कहूं... ...उनकी हरकत ऐसी है कि हरकत भी शरमा जाये। शायद इन्हीं हरकतों को देखकर किसी ने लिखा है...
हैं रखैले तख्त की ये कीमती कलमें,
कंठ में इनके स्वयं का स्वर नहीं होता।
ये सियासत के दामन का खिलौना हैं,
ये किसी के आंसुओं से तर नहीं होतीं।।
हां, एक बात और, आज हमें खुशी हुई कि एक पत्रकार और शिशु भ्रूण हत्या को लेकर आंदोलन खड़ी करनेवाली महिला को किसी ने आंख उठाकर देखने की कोशिश की, जिसका जवाब उक्त महिला ने कड़े शब्दों में प्रतिकार कर दिया है, अगर यहीं प्रतिकार की ज्वाला राज्य की हर महिलाओं के मुख से निकलने प्रारंभ हो तो फिर किसी की हिम्मत नहीं होगी कि कोई महिला का अपमान करने का दुस्साहस कर सकें, मैं उक्त महिला के प्रति अपना सम्मान प्रकट करता हूं, साथ ही उन तमाम बालिकाओं और महिलाओं से गुजारिश करूंगा कि आप ऐसे मुख्यमंत्री रघुवर दास उर्फ शाहरूख खान पर विश्वास न करें, जो कभी हनुमान तो कभी राम से स्वयं की तुलना करता हो, आप स्वयं वीर बने, साहसी बने, लक्ष्मीबाई बने ताकि किसी की हिम्मत न हो, आप को आंख उठाकर देखने की...
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