ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट की, चर्चा है चहुंओर।
नेता - अधिकारी बने, देखो माखनचोर।।
विज्ञापन से सब नपे, नपे चैनल-अखबार।
गिफ्ट-रुपये से नपे, नपे संपादक-पत्रकार।।
सागर पवित्र स्नान को, जब मन करे ललचाय।
पूंजीपति-राजनीतिबाज को, चले सब माथ नवाय।।
कनफूंकवों की चल बनी, ईमानदार बौराए।
रघुवर के अरे राज में, अर्जुन तीर चलाए।।
सीएस के आगे डायरेक्टर, पीआरडी शीश नवाए।
जैसे-जैसे वे कहे, वैसे ही वह करते जाये।।
किसी की भी ना सुने, सिर्फ सुने वह कान लगाये।
सीएस की ही चाकरी, दिन-रात करत बिताये।।
सीएस की ही ब्रांडिंग, हो रही अखबार में आज।
पीछे हो गये सीएम, अब सीएस चलाये राज।।
कल तक पीएम को भूलो, अब पीएम को करो याद।
आनन-फानन में मोदी, अब पोस्टर दिखलाय।।
पूरे विश्व में हाथी, केवल झारखण्ड में भाई।
पूंछ उठाकर- सूड़ हिलाकर, दीखे गगन-उड़ाई।।
हा-हा करती जनता बोले, ये क्या चक्कर भाई।
क्या हाथी उड़ा है अब तक, जो सरकार दिखाई।।
क्या हुआ झारखण्ड को, जनता करे सवाल।
रघुवर जी मेरी सुनो, सुनो तुम कान लगाये।।
हमें नहीं दिलचस्पी, इस समिट में यार।
जो वादे तुम हमें किये, पूरी करो ध्यान लगाये।।
(ध्यान रखें - इस दोहे को हृदय से, मन लगाकर पढ़ने से, सीएम के आस-पास रहनेवाले कनफूंकवें, भ्रष्ट अधिकारी व ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से अनुप्राणित होनेवाले जीवात्मा प्रसन्न होते है तथा आप अंत में, परम आनन्द को प्राप्त करते हुए रघुवर लोक में पहुंच जाते है। - कृष्ण बिहारी मिश्र)
नेता - अधिकारी बने, देखो माखनचोर।।
विज्ञापन से सब नपे, नपे चैनल-अखबार।
गिफ्ट-रुपये से नपे, नपे संपादक-पत्रकार।।
सागर पवित्र स्नान को, जब मन करे ललचाय।
पूंजीपति-राजनीतिबाज को, चले सब माथ नवाय।।
कनफूंकवों की चल बनी, ईमानदार बौराए।
रघुवर के अरे राज में, अर्जुन तीर चलाए।।
सीएस के आगे डायरेक्टर, पीआरडी शीश नवाए।
जैसे-जैसे वे कहे, वैसे ही वह करते जाये।।
किसी की भी ना सुने, सिर्फ सुने वह कान लगाये।
सीएस की ही चाकरी, दिन-रात करत बिताये।।
सीएस की ही ब्रांडिंग, हो रही अखबार में आज।
पीछे हो गये सीएम, अब सीएस चलाये राज।।
कल तक पीएम को भूलो, अब पीएम को करो याद।
आनन-फानन में मोदी, अब पोस्टर दिखलाय।।
पूरे विश्व में हाथी, केवल झारखण्ड में भाई।
पूंछ उठाकर- सूड़ हिलाकर, दीखे गगन-उड़ाई।।
हा-हा करती जनता बोले, ये क्या चक्कर भाई।
क्या हाथी उड़ा है अब तक, जो सरकार दिखाई।।
क्या हुआ झारखण्ड को, जनता करे सवाल।
रघुवर जी मेरी सुनो, सुनो तुम कान लगाये।।
हमें नहीं दिलचस्पी, इस समिट में यार।
जो वादे तुम हमें किये, पूरी करो ध्यान लगाये।।
(ध्यान रखें - इस दोहे को हृदय से, मन लगाकर पढ़ने से, सीएम के आस-पास रहनेवाले कनफूंकवें, भ्रष्ट अधिकारी व ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से अनुप्राणित होनेवाले जीवात्मा प्रसन्न होते है तथा आप अंत में, परम आनन्द को प्राप्त करते हुए रघुवर लोक में पहुंच जाते है। - कृष्ण बिहारी मिश्र)
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